एक तरफ परिवहन निगम की गांव-गांव बस जोडऩे की योजना चल रही है वहीं दूसरी ओर डग्गामार बसों की धरपकड़ के चलते रोडवेज बस स्टेशनों पर भीड़ उमडऩी शुरू हो गई है। गांव के लोग ही नहीं अब शहरों के यात्री भी परेशान हो रहे हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। निजी बसों के मालिकों ने परिवहन निगम से दूरी बना रखी है। ऐसे में यात्रियों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। परिवहन निगम प्रबंधन ने निजी बस मालिकों को तकरीबन डेढ़ महीने का समय अनुबंध के लिए दिया था, इसके बावजूद एक भी बस मालिक अनुबंध के लिए नहीं पहुंचा। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, कोरोना काल के बाद तकरीबन दो हजार बसों का ही अनुबंध हो सका है। अब तक दो बार अनुबंध के लिए निजी बस मालिकों को मौका दिया जा चुका है। नियम और शर्तों में बदलाव के बाद अनुबंधित बसों में इजाफा हो सकता है।नई योजना से हो रहा नुकसान
बताते चलें कि एक तरफ परिवहन निगम की गांव-गांव बस जोडऩे की योजना चल रही है, वहीं दूसरी ओर डग्गामार बसों की धरपकड़ के चलते रोडवेज बस स्टेशनों पर भीड़ उमडऩी शुरू हो गई है। गांव के लोग ही नहीं अब शहरों के यात्री भी परेशान हो रहे हैं। रोडवेज बसों की कमी के चलते कई रूटों पर बसें नहीं मिल पा रही हैं। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने यात्रियों के सफर की समस्या को देखते हुए परिवहन निगम के अधिकारियों को अनुबंधित बसों का बेड़ा बढ़ाने के निर्देश दिए थे, लेकिन निजी बस मालिक रोडवेज से दूर ही रहे। निजी बस मालिकों के अनुसार, परिवहन निगम ने अनुबंध के लिए जो नई योजना तैयार की है, उसमें हमारा नुकसान होगा। जिस रूट पर यात्री अधिक हैं, उस पर परिवहन निगम अपनी बसें चला रहा हैं। जहां यात्री कम हैं, वहां अनुबंधित बसों के संचालन की तैयारी है। ऐसे में, हम लोगों ने रोडवेज के साथ बसों का अनुबंध करने से इंकार कर दिया। हम परमिट लेकर खुद बसों का संचालन कर लेंगे।बसों के अनुबंध के लिए दी गई समय सीमा खत्म हो गई है। निजी बस मालिकों के साथ बैठक कर नियम और शर्तों में बदलाव किया जायेगा।-पल्लव बोस, क्षेत्रीय प्रबंधक, परिवहन निगमअनुबंधित बसों की संख्या और जरूरत- रोडवेज बसों में अनुबंधित बसों की संख्या-2200 से अधिक- मौजूद समय में अनुबंधित बसों की जरूरत-3000 से अधिकये खड़ी होती है समस्या- डग्गामार बसों के पकड़े जाने से बस अड्डों पर उमड़ रही भीड़- लखनऊ से विभिन्न रूटों के लिए नहीं उपलब्ध है बस सेवा- सबसे अधिक बसें बाराबंकी के लिए, वह भी पड़ी कम- गांव-गांव बसें जोडऩे की योजाना पड़ी है ठप

Posted By: Inextlive