अर्थ आवर पर लाइटे बंद कर राजभवन ने दिया बिजली बचाने का संदेश
- घंटे भर तक बंद रही राजभवन की लाइटे
अर्थ आवर के समय राजभवन ने पेश की मिसाल LUCKNOW: सैटरडे को अर्थ आवर के समय रात साढ़े आठ से साढ़े नौ बजे तक सभी लाइटे बंद राजभवन ने सभी लाइटे बंद कर लोगों को बिजली बचाने का संदेश दिया। एक दिन पहले ही राज्य पाल ने अर्थआवर के समय गैरजरूरी लाइटे बंद करने को कहा था। जिसके कारण सैटरडे को लाइटे बंद थी.जबकि अन्य सभी बड़े सरकारी प्रतिष्ठान लाइटों से जगमगाते रहे। शहर भर में अन्य कई इलाकों में भी लोगों ने लाइटे बंद कर बिजली बचाने का संदेश दिया। गर्मी में मचता है हाहाकारहर वर्ष गर्मी में पूरा प्रदेश बिजली की कमी से जूझता है। जिसका सबसे बड़ा कारण बिजली का दुरूपयोग है। बिजली के इसी दुरूपयोग को रोकने और लोगों को बिजली बचाने की जागरूकता के लिए सैटरडे को अर्थ आवर डे के अवसर पर लोगों ने एक घंटे तक अपनी बिजली बंद रखी।
एक घंटे में बचेगी भ् करोड़ की बिजलीप्रदेश में बिजली विभाग के पास लगभग एक करोड़ भ्7 लाख उपभोक्ता हैं। यदि यूपी के सभी उपभोक्ता एक घंटा बिजली की बचत करेंगे। तो लगभग भ् करोड़ रुपए की बिजली बचेगी। यह बचत महीने भर में लगभग क्भ्0 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगी। इसे देखते हुए अब परिषद पूरी गर्मी लोगों को बिजली बचाने के लिए जागरूक करेगा।
हम सब बचा सकते हैं बिजली यूपी में इस समय उपभोक्ताओं की संख्या लगभग एक करोड़ म्0 लाख है। इसका कुल भार लगभग चार करोड़ क्8 लाख क्0 हजार किलोवॉट है। पॉवर कॉरपोरेशन द्वारा दाखिल बिजली कम्पनियों के वार्षिक राजस्व आवश्यकता पर नजर डालें तो साल ख्0क्भ्-क्म् में एक लाख 87 हजार सात मिलियन यूनिट बिजली साल भर में खरीदने का प्रस्ताव है। इसकी खरीद पर लगभग साल भर में ब्ख् हजार भ्फ् करोड़ रूपए का खर्च प्रस्तावित है। जिसकी औसत खरीद दर लगभग फ्.87रूपए प्रति यूनिट है। ऐसे में यदि के सभी कस्टमर रोज अपनी सुविधानुसार एक घंटा बिजली की बचाएं तो लगभग क्ख्.म् मिलियन यूनिट बिजली बचेगी। जिसकी लागत लगभग भ् करोड़ रुपए होगी। क्या है अर्थ आवरवर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फेडरेशन ने ऊर्जा संरक्षण के मकसद से सिडनी में इस डे की शुरूआत की थी। इसमें सभी से ख्8 मार्च को रात 8.फ्0 से 9.फ्0 बजे तक लाइट को बन्द करके एनर्जी सेविंग और पर्यावरण संरक्षण की अपील की गई थी। डब्ल्यू डब्ल्यू एफ की इस पहल ने देखते ही देखते रंग दिखाना शुरू कर दिया और भारत समेत दुनियाभर के करीब क्म्ख् देशों के सात हजार शहरों में इस डे पर बिजली बचाई जाती है।