- सफाई कर्मचारियों के लिए स्पेशल वर्कशॉप आयोजित करेगा

- अपने तरह का अनूठा वर्कशॉप होगा आयोजित

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LUCKNOW: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छता अभियान को आईईटी कॉलेज में पंख लगने जा रहे हैं। इसके लिए कॉलेज और एनबीआई दोनों मिलकर सफाईकर्मियों के लिए एक वर्कशॉप का आयोजन करने की तैयारी में हैं। इसमें यह बताया जाएगा कि संस्थान में कार्यरत सफाई कर्मचारियों, मालियों और दूसरे कर्मचारियों को साफ-सफाई के प्रति ट्रेनिंग दी जाएगी।

मंथ एंड तक होगी शुरुआत

इस वर्कशॉप में कर्मचारियों को ट्रेनिंग दिलाने के लिए संस्थान देश के कई बड़े वैज्ञानिकों के अलावा एक्सपर्ट की मदद लेने जा रहा है। हालांकि, अभी आईईटी प्रशासन की ओर से इस वर्कशॉप के लिए कोई डेट नहीं तय की गई है। लेकिन, कॉलेज प्रशासन इसे इस मंथ के लास्ट तक आयोजित कराने की कोशिश कर रहा है।

एसिड के प्रयोग के बारे में बताया जाएगा

आईईटी कॉलेज के डायरेक्टर डीएन कक्कड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री की स्वच्छता अभियान को पूरे देश में चल रहा है। लेकिन, इसका व्यापक असर अभी तक नहीं दिख रहा है। केवल रोड पर साफ-सफाई करने से काम नहीं चलेगा। सफाई का असली मकसद क्या है इसके बारे में भी लोगों को जानना जरूरी है। यह ऐसी पहली वर्कशॉप होगी, जिसमें संस्थान के सफाई कर्मचारियों को बताया जाएगा कि कैसे सफाई करनी चाहिए। खासतौर पर टायलेट जैसी जगहों की सफाई करने के लिए किस तरह के केमिकल का यूज होना चाहिए। आमतौर पर लोग टायलेट में एसिड का यूज करते है। लेकिन यह कितना फायदेमंद या नुकशान दायक है इसके बारे में नहीं जानते है। केवल उपरी सफाई से सब साफ नहीं होता है। इस वर्कशाप में बताया जाएगा कि घरों के अंदर सफाई करने के लिए उपयोग में आने वाली वस्तुओं की मात्रा कितनी होनी चाहिए। कहां और किस मात्रा में हारपिक का प्रयोग करना है। कितनी मात्रा में तेजाब का प्रयोग किया जाना है। साथ ही इन वस्तुओं के प्रयोग करते समय क्या-क्या सावधानी बरतनी चाहिए जिसे सफाई करने वाले के सेहत पर कोई खराब असर न पड़े। और साथ ही वतावरण के अनुकूल महौल बनाने का प्रयास किया जाएगा।

मालियों को भी दी जाएगी ट्रेनिंग

प्रो। डीएन कक्कड़ ने बताया कि टॉयलेट की सफाई की तरह है हमारे बागीचों की भी सफाई होना जरूरी है। इसके लिए हम एनबीआरआई के सहयोग से मालियों को पेड़ पौधों के रखरखाव के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्हें बायोडिग्रेबल और नॉन बायोडिग्रेबल वेस्ट के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्हें कैसे समाप्त किया जा सकता है। जिसे वातावरण को कोई खास परेशानी न हो। इसके लिए एनबीआरआई के वैज्ञानिकों की मदद से ली जाएगी। जिसे हमारे आसपास के वातावरण को साफ करने में मदद मिलेगी।

Posted By: Inextlive