- चिप्स, पापड़ विक्रेताओं ने कम मंगवाया सामान

- पहले के मुकाबले आधे हुए ग्राहक

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रुष्टयहृह्रङ्ख: होली का त्यौहार महज रंगों का त्यौहार नहीं होता है। इसके साथ पापड़, चिप्स और नमकीन की भी रौनक रहती है, लेकिन इस बार कोरोना होली के पकवानों का स्वाद छीन रहा है। दुकानदारों का कहना है कि कोरोना के खौफ के साथ तेल और ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से माल कम मंगवाया है क्योंकि कस्टमर्स पहले के मुकाबले आधे ही आ रहे हैं। ऐसे में दुकानदार बेहद परेशान हैं।

पहले के मुकाबले रौनक कम

होली के मद्देनजर अमीनाबाद, आलमबाग, आशियाना व भूतनाथ मार्केट सज कर तैयार हो गई हैं। इस बार मार्केट में वोकल फॉर लोकल के तहत ही चिप्स, पापड़, फ्राइम्स आदि मंगवाए गए हैं। इनके खरीदार भी आ रहे हैं, लेकिन कोरोना की वजह से लोगों की संख्या पहले के मुकाबले बेहद कम है। अमीनाबाद में दुकानदार मानस बताते हैं कि इसबार उनके यहां आलू के ट्राएंगल-दिल शेप, साबूदाना बताशा, सतरंगी चिप्स समेत कई वैराइटी की भरमार है, लेकिन मार्केट में पहले की अपेक्षा रौनक काफी कम है। आलम यह है कि लागत निकलना मुश्किल लग रही है जबकि सामान भी कम ही मंगवाया है।

कई फ्लेवर के पापड़ व चिप्स

वहीं अमीनाबाद के बड़े व्यापारी नवनीत सिंह ने बताया कि इसबार हम लोगों ने साबूदाना में कई वैराइटी, तिरंगा पापड़, तीन फ्लेवर वाला चिप्स, गुजराती मिक्स राइस व सिंगल साबूदाना समेत कई नई वैराइटी मंगवाई है। हालांकि वोकल फॉर लोकल के तहत ही सभी आइटम मंगवाये गये हैं, लेकिन, कोरोना को देखते हुए माल पहले के मुकाबले कम ही मंगवाया है। इसके अलावा पहले के मुकाबले 50 फीसद तक ग्राहक कम हो गए हैं। वहीं सामान 10-15 फीसद तक महंगा हो गया है।

तेल व ट्रांसपोर्टेशन से महंगाई बढ़ी

नमकीन दुकानदार संजय टंडन ने बताया कि उनके यहां कई किस्म की दालमोठ, सुहाल, नमक पारा समेत गुझिया मिलती हैं। इस बार रिफाइंड तेल और ट्रांसर्पाेटेशन महंगा होने की वजह से सभी आइटम महंगे हो गये हैं। पहले जो तेल 90 का था अब 150 के ऊपर है। वहीं तेल का जो कैन पहले 1200 का था, अब 2200 में मिलता है। इसकी वजह से सभी आइटम के दाम बढ़ गए हैं जबकि ग्राहक बेहद कम हो गए हैं। इसबार त्यौहार पर क्या बिक्री होगी, इसी बात की चिंता है।

Posted By: Inextlive