आते ही त्योहार, शुरू हो गई गैस कटिंग
- घरों में निर्धारित मात्रा से कम गैस पहुंचने की हो रही शिकायत
LUCKNOW@inex.co.in LUCKNOW : गोमती नगर इलाके में रहने वाले शराफत के घर पर जब गैस पहुंची तो उन्हें सिलेंडर में गैस कम होने का आभास हुआ। इस पर उसने डिलीवरी मैन से गैस नापने की बात कही तो पता चला कि सिलेंडर में ढाई किलो गैस कम निकली। सिर्फ वे अकेले ही नहीं राजधानी के कई इलाकों में इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। त्योहार का सीजन शुरू होने के साथ गैस कटिंग के मामले सामने आ रहे हैं।राजधानी में त्योहार का सीजन देखते ही गैस की चोरी शुरू हो गई। उपभोक्ताओं ने जब इसकी शिकायत एजेंसी में की तो कई के सिलेंडर बदले गए। डोमेस्टिक यूज में आने वाले में 14.2 केजी गैस होती है। लेकिन घर पहुंचे वाले सिलेंडरों में कहीं दो से तीन किलो गैस कम पड़ रही है। त्योहार का सीजन आते ही इस तरह के मामले शुरू हो जाते हैं। इसका कारण है खासतौर से मिठाई की दुकानों पर सिलेंडरों की डिमांड बढ़ जाती है। वे डिलीवरी ब्वाय को मोटी रकम देकर सिलेंडर खरीद लेते हैं। डिमांड की तुलना में सप्लाई ना आने पर डिलीवरी ब्वॉय मोटी रकम कमाने के लिए घरों तक पहुंचाने वाले सिलेंडरों से गैस निकाल लेते हैं। सभी सिलेंडरों से थोड़ी-थोड़ी गैस निकाल कर यह लोग एक खाली सिलेंडर भर लेते हैं।
होली पर बढ़ी डिमांड होली को देखते हुए सिलेंडर की डिमांड बढ़ गई है। ऐसे इस डोमेस्टिक सिलेंडर की कीमत 900 रुपए तक मिल रहे हैं। जबकि घरों में सप्लाई किए जाने वाले डोमेस्टिक सिलेंडर की कीमत लगभग 691 रुपए है। अब तक मेरी जानकारी में इस तरह का मामला नहीं आया है। लेकिन यदि किसी एजेंसी के खिलाफ शिकायत आई तो एक्शन लिया जाएगा। - अल्का एडीएम सिविल सप्लाई - कहां करें शिकायत - सभी गैस एजेंसी में एक शिकायत बुक होती है जिस पर कम्पलेन दर्ज की जा सकती है - इसके अलावा सभी एजेंसी में उनके फील्ड ऑफिसर के नाम और उनके मोबाइल नम्बर प्रिंट होते हैं उस पर भी कम्पलेन की जा सकती है टोल फ्री नम्बर- 18002333555 राजधानी में इस समय नौ लाख लोग डोमेस्टिक सिलेंडर का प्रयोग कर रहे हैं।मैं उस वक्त घर पर नहीं था लेकिन जब डिलीवरी मैन गैस लेकर घर आया तो घर वालों को फोन आया। इस पर मैने जाकर जब उससे वेट करवाया तो गैस कम निकली। बाद में एजेंसी में कहने पर सिलेंडर बदला गया। एजेंसी संचालकों का कहना है कि डिलीवरी ब्वाय एजेंसी से तो सिलेंडर पूरा भर कर निकलता है। लेकिन रास्ते में वह अपनी मर्जी से दुकान में कही ना कहीं सिलेंडर की कटिंग कर लेता है। लगभग आठ सिलेंडर की कटिंग से एक सिलेंडर भर लिया जाता है।
शराफत पहले कभी इस तरह की कम्पलेन नहीं करनी पड़ी। त्योहार के चलते गैस की कमी ना पड़ जाए, ऐसे में पहले ही गैस बुक करा ली थी। घर में गैस कम आने पर एजेंसी जाकर सिलेंडर बदलना पड़ा। - निधि, गृहणी त्योहारों का सीजन आते ही इस तरह की समस्याएं शुरू हो जाती है। ऐसे में इस सीजन में गैस लेने में सावधानी बरते। अवैध तरीके से सिलेंडर से गैस निकाल कर दूसरे सिलेंडरों में भर कर उन्हें बेचा जाता है। - हरीश जैसे ही किसी एजेंसी को इस तरह के डिलीवरी ब्वायज के बारे में जानकारी मिलती है, वह उसे अपने यहां से तुरंत ही हटा देते हैं। मोटी धनराशि कमाने के चक्कर में गैस की कटिंग ये लोग करते हैं। - डीपी सिंह अध्यक्ष यूपी एलपीजी वितरण संघ छोटे सिलेंडर में भरी जाती है गैसराजधानी के अधिकांश इलाकों में पांच किलो वाले छोटे सिलेंडर प्रयोग किये जा रहे हैं। कंपनी वाले छोटे सिलेंडर लगभग आठ हजार ही है जबकि घरों में प्रयोग हो रहे छोटे सिलेंडर की संख्या 70 से 80 हजार है। ऐसे में इन सिलेंडरों को अवैध तरीके से बड़े सिलेंडरों से ही रिफिल किया जाता है। दुकानों में छोटे सिलेंडर में 80 से सौ रुपए प्रति किलो गैस बिकती है।