- पशुधन टेंडर घोटाले के आरोप में पचास हजार का ईनामी अमित मिश्रा अरेस्ट

- कुम्भ मेले में पर्यटन विभाग का टेंडर के दिलाने के नाम पर दो लोगों से से ठगे थे 41 लाख

LUCKNOW: पशुधन विभाग में टेंडर के जरिये धोखाधड़ी कर 9 करोड़ 72 लाख की ठगी करने के मामले में एक और आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। एसटीएफ ने आरोपी आशीष राय के सहयोगी अमेठी के अमित मिश्रा को गिरफ्तार किया है। उसे एसटीएफ ने नोएडा से पकड़ा है। घोटाले में अब तक दस लोगों को एसटीएफ गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

नोएडा से हुई आरोपी की गिरफ्तारी

एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि पशुधन टेंडर घोटाले का आरोपी 50 हजार इनामी अमित मिश्र नोएडा से गिरफ्तार किया गया। वह गौतमबुद्धनगर के पास छुपकर रह रहा है। इसकी जानकारी एसटीएफ को होने पर एक टीम को नोएडा रवाना किया गया था। एसटीएफ टीम को सूचना मिली कि आरोपी अमित मिश्रा हरियाणा से गौतमबुद्धनगर की तरफ आ रहा है, इस सूचना पर एसटीएफ टीम ने घेराबंदी कर कालिन्दी कुंज पुल से गिरफ्तार कर लिया।

पूर्व सीएम का रहा ओएसडी

पूछताछ में बताया कि वह बीएससी ग्रेजुएट है और 2001 से दिल्ली में रह रहा है। चांदनी चौक पर बिजली की दुकान पर 1800 रुपये प्रतिमाह की नौकरी करता था। वहीं मेरी मुलाकात शैलेष प्रताप सिंह सांसद सासाराम बिहार से हो गई। वह उनके साथ काम करने लगा। उनके माध्यम से चंद्रा स्वामी से मुलाकात हो गई और वर्ष 2003 से 2008 तक उनका पर्सनल सेक्रेटरी भी रहा। वर्ष 2009 में गोवा के चर्चिल अलेमाव पूर्व सीएम व पीडब्लूडी मंत्री का ओएसडी भी रहा। इस बीच काफी धनोपार्जन किया। 2017 में अट्टा मार्केट गौतमबुद्धनगर में गुरुकृपा होम अप्लायंस के नाम से शोरूम खोला था। वहीं से उमेश मिश्रा और आशीष राय के संपर्क में आकर धोखाधड़ी का काम करने लगा।

कुंभ मेले में पर्यटन विभाग के टेंडर के नाम पर ठगी

एसटीएफ के अनुसार गिरफ्तार आरोपी अमित मिश्रा ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने साथी आशीष राय के साथ मिलकर पशुधन विभाग में ठगी का काम किया। मामले की हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज है। वह फरार चल रहा था, उसके ऊपर पचास हजार का इनाम घोषित हो गया था। वह गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली, गौतमबुद्धनगर और हरियाणा के फरीदाबाद में स्थान बदलकर रह रहा था। उसने यह भी बताया कि 2017 में कुम्भ मेले में पर्यटन विभाग का टेंडर दिलाने के नाम पर दो लोगों से 16 लाख और 25 लाख की ठगी की थी। उसके खिलाफ गोमतीनगर थाने में भी केस दर्ज है, जिसमें भी वह अभी तक वांछित था।

फरारी में भी लाइजनिंग का कर रहा था काम

अमित फरारी के दौरान भी दिल्ली में रहकर लाइजनिंग कर रहा था। वर्ष 2017 में अपने दोस्त उमाशंकर तिवारी, बादशाह मलिक व शरद जैन के साथ मिलकर मेघालय के फूड कारपोरेशन में 220 करोड़ का टेंडर दिलाने के नाम पर 37 लाख रुपये केनसुख जैन से अपने दिल्ली के साथी जावेद के माध्यम से ले लिया था। बाद में वास्तविकता पता चल जाने पर केनसुख जैन के दबाव के कारण पैसे वापस कर दिये थे।

Posted By: Inextlive