100 मरीज मानसिक रोग के रोज आते हैं बलरामपुर अस्पताल

90 मरीज मानसिक रोग के रोज आते हैं सिविल अस्पताल

- बलरामपुर और सिविल अस्पताल में मानसिक रोग की दवाओं की कमी

- वैकल्पिक दवाओं से चलाया जा रहा काम, कई दवाएं लोग ले रहे बाहर से

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रुष्टयहृह्रङ्ख: राजधानी के सरकारी अस्पताल बलरामपुर और सिविल में मानसिक रोग की दवाओं की कमी के कारण कहीं वैकल्पिक दवाओं से काम चलाया जा रहा है तो कहीं मरीज बाहर से दवाएं खरीदने को मजबूर हैं। इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि कार्पोरेशन से दवा कम आ रही हैं। वहीं कुछ अधिकारियों का कहना है कि दवा की कमी नहीं होने दी जा रही है।

कई दवाओं की कमी

बलरामपुर और सिविल अस्पताल में रोज बड़ी संख्या में मानसिक रोगी उपचार के लिए आते हैं। बलरामपुर में रोज करीब 100 मरीज ऐसे आते हैं। यहां सोडियम वैल्प्रोएट, कार्बमजेपाइन और क्लोनाजेपम आदि दवाओं की कमी चल रही है। इसकी जगह मरीजों को दूसरी दवाएं दी जा रही हैं। वहीं कई दवाएं मरीज बाहर से खरीदने को मजबूर हैं।

सिर्फ अल्प्राजोलम दवा उपलब्ध

सिविल अस्पताल में भी रोज करीब 90 से 100 मरीज मनोरोग के आते हैं। यहां इन मरीजों के लिए सिर्फ अल्प्राजोलम नामक दवा ही उपलब्ध है। यहां फेनोबार्बटोन जैसी जरूरी दवा की कमी बनी हुई है। ऐसे में बड़ी संख्या में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बाक्स

कार्पोरेशन से कम मिल रही दवा

इन अस्पतालों के अधिकारियों की माने तो कार्पोरेशन से समय पर दवा की सप्लाई नहीं होने से अस्पतालों में दवाओं की कमी है। वहां से जितनी भी दवा आती है वो जल्द ही खत्म हो जाती है। कार्पोरेशन से दवाओं की डिमांड की गई है। जल्द दवा आ जाएंगी और यह समस्या खत्म हो जाएगी।

कोट

कार्पोरेशन से दवा नहीं मिल पाने से समस्या आ रही है। अस्पताल की ओर से दवाओं की डिमांड भेजी जा चुकी है।

डॉ। हिमांशु, एमएस, बलरामपुर अस्पताल

मानसिक रोग की कुछ दवाओं की कमी है। कार्पोरेशन को दवा के लिए लिखा गया है। फिलहाल रिप्लेसमेंट में दवा उपलब्ध हैं।

डॉ। सुभाष चंद्र सुद्रियाल, निदेशक, सिविल अस्पताल

Posted By: Inextlive