लखनऊ (ब्यूरो)। सिविल अस्पताल में जल्द दिमाग के 'ईसीजीÓ की भी सुविधा मिलेगी। इसके लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम (ईईजी) का प्रपोजल बनाकर भेजा गया है। इस मशीन की मदद से ब्रेन वेव की सटीक जानकारी मिल सकेगी, जिससे दिमागी बीमारियों के इलाज में फायदा मिलेगा। यह मशीन अस्पताल के साइकियाट्रिक विभाग में लगाई जायेगी। ऐसे में मरीजों को इलाज में बड़ी राहत मिलेगी।

ट्रीटमेंट में मिलेगा फायदा

सिविल अस्पताल की साइकियाट्रिक विभाग की ओपीडी में रोजाना 200 से अधिक मरीज दिखाने आते हैं, जिसमें बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल होते हैं। इनमें ऐसे भी कई मरीज होते हैं, जिनकी मानसिक स्थिति बेहद खराब होती है, उन्हें मिर्गी के झटके आते हैं या किसी कारण कोई सदमा आदि लगा होता है, जिससे उनकी मानसिक स्थिति गड़बड़ा जाती है। ओपीडी में ऐसे 15-20 मरीज रोज दिखाने आते हैं। ऐसे में समय रहते इस तरह की समस्या का पता लगाना बेहद जरूरी हो जाता है, ताकि समय रहते सही ट्रीटमेंट शुरू करके मरीजों को राहत पहुंचाई जा सके।

ऐसे करती है काम

अस्पताल निदेशक डॉ। नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि ईईजी मशीन कार्डियोग्राम की तरह काम करती है। इसकी मदद से ब्रेन की वेव्स को डायग्नोस करने में मदद मिलती है। इस तकनीक में पतले तारों के साथ एक छोटी सी डिस्क लगी होती है, जिसको इलेक्ट्रोड कहा जाता है। इसे मस्तिष्क के चारों ओर लगाया जाता है। यह चिप ब्रेन वेव को रिकार्ड करके कम्प्यूटर पर भेजती है। जिसके बाद साफ्टवेयर की मदद से इन वेव्स का विश्लेषण किया जाता है। फिर उसके आधार पर तय किया जाता है कि दिमागी तरंगे कितनी संतुलित या असंतुलित हैं। उसी के आधार पर ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है, क्योंकि कई बार लगता है कि समस्या साइकियाट्रिक है, पर असल समस्या दिमागी स्तर पर होती है। इस मशीन को लगाने से मरीज को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती है। इसकी मदद से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। साथ ही मरीजों को बड़े संस्थानों के लिए रेफर नहीं करना पड़ेगा और उनको समुचित इलाज एक ही जगह पर मिल जाएगा।

मशीन के लिए शासन को प्रपोजल भेजा गया है। अनुमति मिलते ही जल्द से जल्द मशीन को स्थापित किया जायेगा, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

-डॉ। नरेंद्र अग्रवाल, निदेशक, सिविल अस्पताल