पेपर देख सर्दी में भी आया पसीना
122 सेंटर्स बनाए गए राजधानी में
2 शिफ्ट में कराया गया एग्जाम 40 प्रश्न इंवायरमेंट से जुड़े आए 59 हजार से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हुए थे - राजधानी में आयोजित हुआ पीसीएस प्री का एग्जाम - पेपर का पैटर्न पूरी तरह से बदला आने से हुई परेशानी LUCKNOW: शहर के 122 केंद्रों पर रविवार को पीसीएस-प्री की परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई। परीक्षा में शामिल होने वाले कैंडीडेट्स के अनुसार इस बार पेपर में करीब 40 क्वेश्चन सिर्फ इंवायमेंट से जुड़े आए, जिन्होंने काफी परेशान भी किया। पीएम पर भी आए प्रश्नएग्जाम में इस बार प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेश यात्राओं और अन्य देशों के साथ हुए समझौतों के बारे में भी पूछा गया था। हालांकि इनसे कैंडीडेट्स को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। पहली पाली सुबह 9. 30 बजे से 11.30 बजे के बीच हुई। जबकि दूसरी पाली में सीसैट के पेपर की परीक्षा दोपहर 2.30 से शाम 4.30 बजे के बीच हुई। परीक्षा में शामिल होने के लिए 59385 कैंडीडेट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था। पहली पाली में 37262 कैंडीडेट्स मौजूद रहे। दूसरी पाली में कई कैंडीडेट्स ने एग्जाम छोड़ दिया। और सिर्फ 36614 कैंडीडेट्स ने ही एग्जाम दिया।
एनटीए ने तैयार किया पेपरनेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( एनटीए) ने इस एग्जाम के लिए क्वेश्चन पेपर तैयार किया। जिसे सॉल्व करने में कैंडीडेट्स काफी परेशान हुए। पेपर टफ होने के कारण कैंडीडेट्स का टाइम मैनेजमेंट गड़बड़ा गया। पेपर में इंडियन पॉलिसी पर अधिक जोर दिया गया, तो समान्य ज्ञान में पिछले दो महीने के घटना क्रम पर आधारित क्वेश्चन पूछे गए।
बोले कैंडीडेट्स इस बार हिस्ट्री के प्रश्न कठिन आए जबकि हमेशा हिस्ट्री आसान आती थी। इस बार क्वेश्चन काफी घूमा कर पूछा गया था। कई तिथियों को आगे पीछे कर सवाल पूछे गए। हिस्ट्री का कोई भी सवाल सीधा सपाट इस बार नहीं आया। स्वामी जी सिंह इस बार जनगणना से जुड़ा एक भी सवाल नहीं आया, जबकि हर साल इससे जुड़े आठ से दस प्रश्न जरूर पूछे जाते थे। पेपर हर बार की तरह नहीं था। इसमें खासे प्रयोग किये गए हैं जो इसे आईएएस के लेवल का बनाते हैं। पिछले साल से तुलना में इस बार का पेपर काफी कठिन था। शिक्षापेपर सॉल्व करने के लिए दो घंटे दिये गए जो कि कम पड़ गए। 150 सवालों को हल करना था, ऐसे में एक सवाल के लिए एक मिनट का भी समय नहीं मिला। क्वेश्चन लंबे और थ्योरी बेस्ड रहे जिन्हें पढ़ने में ही काफी समय लग गया। ऐसे में इस बार एग्जाम में सभी का टाइम मैनेजमेंट गड़बड़ा गया।
नीलेश पेपर का पैटर्न जो सोचकर आया था वैसा बिलकुल नहीं रहा। पेपर में काफी कठिन प्रश्न पूछे गए थे। जिनकी लंबी तैयारी रही होगी उन्हें भी आज परेशानी का सामना करना पड़ा। पेपर में कुछ आसान था तो जनरल नॉलेज से जुड़े क्क्ेश्चन, बाकी सब टफ रहा। अंकित पेपर बहुत टफ नहीं रहा, बस क्वेश्चन को घुमाया गया जिसे उसे समझने में दिक्कतें हुई। हां पेपर हर साल की तरह नहीं रहा, इसमें कई बदलाव भी किए गए थे। कई ऐसे सब्जेक्ट रहे जिनसे कोई क्वेश्चन नहीं पूछा गया। निमिषा