लखनऊ के पार्कों को लोग खुद पहुंचा रहे नुकसान
लखनऊ (ब्यूरो)। हम पार्कों में जाकर पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाते हैैं और बच्चों के लिए लगे झूलों में खुद एंज्वॉय करने लगते हैैं, जिससे झूले टूट जाते हैैं और बच्चों को फिर मायूस होकर लौटना पड़ता है। हर साल विभागों की ओर से मेंटीनेंस भी कराया जाता है, बावजूद इसके हम अपनी आदत बदलने को तैयार नहीं हैैं।
इन आदतों को बदलना होगा
फूलों को तोडऩा
जनेश्वर मिश्र पार्क हो या लोहिया पार्क या फिर कोई अन्य पार्क। एलडीए की ओर से इन सभी पार्कों में फ्लॉवर गैलरी सजाई गई है। जनेश्वर में तो आपको ट्यूलिप फ्लॉवर नजर आएगा, जो सिर्फ श्रीनगर में होता है। इस पार्क में रोजाना हजारों लोग आते हैैं और सेल्फी लेने के चक्कर में फूलों को नुकसान पहुंचाते हैैं। जब पार्क कर्मचारियों की ओर से उन्हें टोका जाता है, तो लोग झगड़ा तक करने लगते हैैं। ऐसे में अब फूलों को नुकसान पहुंचाने वालों पर 100 रुपये तक जुर्माना लगाए जाने संंबंधी योजना तैयार की गई है। लोहिया, जॉगर्स और अन्य पार्कों में भी इसी तरह के कदम उठाए जाने की तैयारी है।
झूलों का यूज
पार्कों में बच्चों के खेलने के लिए झूले भी लगाए गए हैैं। अक्सर देखने में आता है कि बड़ी एज वाले लोग बच्चों के लिए लगे झूलों में एंज्वॉय करते हुए नजर आ जाते हैैं। इसकी वजह से झूले टूट जाते हैैं और बच्चों को निराश होना पड़ता है। ऐसे मामले जनेश्वर, लोहिया, जॉगर्स इत्यादि पार्क में सामने आ चुके हैैं। वहीं नगर निगम के भी कई प्रमुख पार्कों में लगे झूलों का टूटना आम बात है। दोनों ही विभागों की ओर से हर साल लाखों रुपये झूलों के मेंटीनेंस पर खर्च किए जाते हैैं, जिससे पार्क आने वाले बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलें।
शहर के प्रमुख मार्गों को सुंदर बनाने के लिए ग्रीन लेन का कांसेप्ट लाया गया है। इसके साथ ही ग्रीन लेन की वजह से एक्यूआई पर भी असर देखने को मिलता है। अक्सर देखने में आता है कि लोग ग्रीन लेन पर कपड़े सुखाने लगते हैैं या फिर ग्रीन लेन में लगे पौधों को उखाड़ देते हैैं। लोहिया पथ पर लगी ग्रीन लेन की बात की जाए तो हर बार एलडीए या नगर निगम की ओर से इसका मेंटीनेंस कराया जाता है, बावजूद इसके लोग ग्रीन लेन में पान मसाला थूक देते हैैं।
पॉलीथिन का यूज
पर्यावरण को सेफ और खुद को हेल्दी रखना है तो बैन पॉलीथिन का यूज नहीं करना है। इसके बावजूद 70 फीसदी से अधिक लोग पॉलीथिन का यूज करते हैैं और इधर-उधर फेंक देते हैैं। नगर निगम की ओर से अभियान भी चलाया जाता है, बावजूद इसके पॉलीथिन खपत का ग्राफ दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
1- पार्कों में लगी सुविधाओं का मिसयूज बंद करना होगा
2- पॉलीथिन से दूरी बनानी होगी
3- ग्रीन लेन की सुंदरता बरकरार रखनी होगी
4- इधर-उधर साइन बोर्ड लगाने से बचना होगा सोशल मीडिया पर कमेंट्स
शहर को अगर स्वच्छ रखना है तो हम सभी को अपने कदम एक साथ मिलकर बढ़ाने होंगे। हम सबके संयुक्त प्रयास से ही शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाया जा सकता है।
आकाश, कैसरबाग यह बात सही है कि पार्कों में लगे झूलों या फूलों को तोड़ा जाता है, जबकि इसकी मनाही होती है। हमें तत्काल प्रभाव से इस आदत को बदलना होगा।
संकेत, गोमतीनगर अगर कहीं भी कोई भी व्यक्ति वेस्ट फेंक रहा है या स्पिटिंग कर रहा है तो हमें जागरुक नागरिक का फर्ज निभाते हुए उसे ऐसा करने से रोकना होगा।
आशीष, आशियाना
पार्कों में जो झूले लगे होते हैैं, वो बच्चों के लिए होते हैैं। हम सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी वजह से झूले न टूटें, जिससे बच्चे परेशान हों।
संध्या, खुर्रमनगर