Lucknow News: बच्चों में पहले के मुकाबले पॉलीट्रामा की समस्या कई गुना बढ़ गई है यानि मल्टीपल इंजरीज के चलते उनका ट्रीटमेंट करने में कई दिक्कतें आती हैं जिससे बच्चे देरी से रिकवरी कर पाते हैं। यह समस्या बीते पांच सालों में कई गुना बढ़ गई है।


लखनऊ (ब्यूरो)। बच्चों में पहले के मुकाबले पॉलीट्रामा की समस्या कई गुना बढ़ गई है, यानि मल्टीपल इंजरीज के चलते उनका ट्रीटमेंट करने में कई दिक्कतें आती हैं, जिससे बच्चे देरी से रिकवरी कर पाते हैं। यह समस्या बीते पांच सालों में कई गुना बढ़ गई है। यह खुलासा केजीएमयू के पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक्स विभाग में भर्ती होने वाले बच्चों के एनालिसिस में हुआ है।एक्सीडेंट की घटना बढ़ने से मामले बढ़े


डॉ। विकास वर्मा, हेड पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक बताते हैं कि पांच साल पहले बच्चा जब आता था तो उसके हाथ या पैर की ही हड्डी टूटी होती थी। पर अब कोई घटना हो रही है तो उसमें बच्चे को हेड इंजरी, हाथ टूटा और घाव होना यानि एक से अधिक किस्म की चोटें लग रही हैं। ये चोटें पहले के मुकाबले ज्यादा गंभीर हो रही हैं। इसकी बड़ी वजह एक्सीडेंट के मामलों में हो रही बढ़ोतरी है, जिसमें बच्चों को सीवियर इंजरी होने से अधिक प्राब्लम हो रही है। एक से अधिक चोट होने से इलाज करना मुश्किल होता है। इसमें कुछ पीडिया आर्थो, कुछ न्यूरोसर्जरी और कुछ ट्रामा सर्जरी में भर्ती होते हैं। ट्रामा में रोजाना 3-4 ऐसे बच्चे जरूर आते है, जिनमें 1-2 पीडिया आर्थों विभाग में भर्ती होते हैं।बचाव बेहद जरूरी

डॉ। विकास बताते हैं कि पैरेंट्स को चाहिए अगर बाहर जायें तो बच्चों की सेफ्टी के बारे में पूरा ध्यान रखें। बच्चे भी गाड़ी में सीट बेल्ट या बाइक पर हेलमेट लगाकर बैठें ताकि उनकी सुरक्षा हो सके। इसके अलावा, अपनी निगरानी में उनको बाहर खेलने दें। वहीं, चोट लगने की दशा में तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।बच्चों में पॉलीट्रामा की संख्या बढ़ती जा रही है। मल्टीपल इंजरीज के कारण ट्रीटमेंट मुश्किल हो जाता है। बच्चों की सेफ्टी पर ध्यान देना चाहिए। - डॉ। विकास वर्मा, केजीएमयू

Posted By: Inextlive