अपनों को इस दुनिया से विदा हुए लंबा वक्त जरूर गुजर चुका हो लेकिन हकीकत यह है कि आज भी उनके दिलों में दुखों के जख्म ताजा हैैं। जिन्हें छूते ही उनकी आंखों से अश्रुधारा बह निकलती हैै।


लखनऊ (ब्यूरो)। जरा सी लापरवाही खुद की जिंदगी पर तो भारी पड़ती ही है साथ में अपनों को भी जीवन भर का गम दे जाती है। राजधानी में कई ऐसे परिवार हैैं, जिन्होंने सड़क हादसों में अपनों को खोया है। ज्यादातर मामले वो हैैं, जिसमें हादसे के दौरान उनके अपने ने हेलमेट नहीं पहना हुआ था। अपनों को इस दुनिया से विदा हुए लंबा वक्त जरूर गुजर चुका हो लेकिन हकीकत यह है कि आज भी उनके दिलों में दुखों के जख्म ताजा हैैं। जिन्हें छूते ही उनकी आंखों से अश्रुधारा बह निकलती हैै। पीड़ित परिवारों की अपील है कि दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें।केस एकमैैंने उसे कई बार टोका था


जब वह घर से बाहर जा रहा था, तो उसे मैैंने बार-बार टोका कि हेलमेट पहन ले लेकिन उसने मेरी एक भी नहीं सुनी। थोड़ी देर बाद ही एक पुलिसकर्मी का फोन आया कि मेरे बेटे की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई है। यह सुनकर मैैं सन्न रह गई और मेरी नजरें घर में रखे उसके हेलमेट पर टिक गईं। मैैं मन ही मन यही सोच रही थी कि काश, बेटे ने मेरी बात सुन ली होती और हेलमेट पहनकर बाहर निकलता तो शायद आज हमारे बीच होता। इतना कहते ही वह फफक फफक कर रोने लगीं। यह दर्द उस मां सविता (परिवर्तित नाम) का है, जिसके जीवन में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। भले ही बेटे को इस दुनिया से विदा हुए दो साल से अधिक का समय हो गया हो, लेकिन उनके बेटे को खोने के जख्म ताजा हैैं।आलमबाग में रहता है परिवारआलमबाग निवासी पीडि़त महिला ने बताया कि उनका 24 साल का लड़का था। वह एक कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। वह अक्सर दो पहिया वाहन से ही कॉलेज आता जाता था। उसे कई बार टोका था कि बाइक चलाते समय हेलमेट जरूर पहने, लेकिन वो नहीं मानता था। एक दिन वह घर से कॉलेज जाने के लिए निकला था। उस दौरान भी उसे हेलमेट पहनने को कहा था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वह बिना हेलमेट पहने ही घर से निकला और रास्ते में एक ट्रक ने उसे टक्कर मार दी। सिर पर गंभीर चोट आने की वजह से उसकी डेथ हो गई। पीडि़त मां की अपील है कि जो भी लोग बाइक चलाते हैैं, वो हेलमेट जरूर पहनें।दूसरा केसहोली पर छिन गया बड़े भाई का साया

टेढ़ी पुलिया निवासी रागिनी के सिर से उनके बड़े भाई का साया हमेशा के लिए उठ गया है। अब जब भी होली आएगी, उनके जख्म ताजा हो जाएंगे। दरअसल, इसी साल एक सड़क हादसे में उन्होंने अपने बड़े भाई अमर यादव को खो दिया। उनकी उम्र महज 25 साल थी।अयोध्या रोड पर हुआ हादसारागिनी ने बताया कि उनका बड़ा भाई होली के समय बाइक से अयोध्या रोड से गुजर रहे थे। इसी दौरान सामने से आ रहे एक चार पहिया वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी थी। इस दौरान उन्होंने हेलमेट नहीं पहना हुआ था। इस हादसे में उनकी मौत हो गई थी। यह हादसा उनके परिवार को ऐसा जख्म दे गया है, जो शायद कभी नहीं भरेगा।हर पल याद आती हैअपने भाई के बारे में बताते हुए रागिनी गमगीन हो गईं। उनकी जुबान लडख़ड़ाने लगी। किसी तरह उन्होंने हिम्मत जुटाई और बताया कि बड़े भाई की यादें आज भी ताजा हैैं और आगे भी रहेंगी। परिवार के सभी सदस्य उन्हें बहुत मिस करते हैैं। हमें पता है कि वो अब कभी नहीं लौटेंगे, इसके बावजूद हमें उनके आने का इंतजार रहता है। उनकी अपील है कि वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें, जिससे कोई अपना जीवन भर के लिए दूर न हो।

दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें। अक्सर देखने में आता है कि बाइक सवार हेलमेट को गाड़ी के पिछले हिस्से में बांधे रखते हैैं, जो सही नहीं है। हादसा होने पर हेलमेट ही आपको बड़ी इंजरी से बचाता है। मेरी अपील है कि वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर पहनें।-डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए

Posted By: Inextlive