मेरा एटीएम कार्ड किसी ने यूज कर खाते से 22 हजार रुपये की चपत लगा दी है। मैंने अपना एटीएम कहीं यूज भी नहीं किया। बैंक में गया तो वह भी मानने को तैयार नहीं है। जब खाते से पैसे निकले तो एटीएम मेरी जेब में थाÓ यह दर्द है बुद्धेश्वर के रहने वाले पंकज कुमार का। यह तो सिर्फ एक मामला है ऐसे न जाने कितने केस साइबर सेल में आ रहे हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। साइबर सेल पुलिस में आए दिन एटीएम से ठगी का मामला सामने आ रहा है। आंकड़ों की बात करें तो पिछले एक महीने में ही 20 से ज्यादा इस तरह के मामले सामने आए हैं। एक पीड़ित का कहना है कि उसने एटीएम यूज भी नहीं किया, फिर भी उसके खाते से पैसे निकल गए। हैरान कर देने वाले मामले की जांच में पाया गया कि अधिकतर केसों में एटीएम की क्लोनिंग कर ली जाती है। जिससे आसानी से एटीएम से पैसा निकाला जा सकता है। हालांकि, अगर कुछ बातों का ख्याल रखा जाए, तो इन ठगों से बचा जा सकता है।कार्ड को किया जा रहा रीड


यूपी पुलिस के साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा के मुताबिक, जालसाज आपके कार्ड की सारी डिटेल कंप्यूटर या अन्य तरीकों के जरिए खाली कार्ड में डालकर कार्ड का क्लोन तैयार कर लेते हैं। इस क्लोन कार्ड से देश के किसी भी हिस्से से आसानी से पैसा निकाला जा सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि शातिर इसके लिए एटीएम कार्ड की जानकारी जैसे पिन नंबर, कार्ड नंबर, सीवीवी नंबर को सबसे पहले रीड करते हैं, जिससे यह ठगी हो सकती है। इन एटीएम कार्ड से चपत लगाने के लिए शातिर एटीएम मशीन में क्लोनिंग, पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) समेत अन्य जगहों से सारी जानकारियां जुटाते हैं। इसके बाद एक क्लोन कार्ड तैयार कर खाते से रकम उड़ा देते हैं।एक्टिव है गैंगसाइबर सेल पुलिस के मुताबिक, फेस्टिव सीजन में अक्सर इस तरह के गैंग एक्टिव हो जाते हैं। इसका मुख्य कारण है कि इन दिनों लोग ज्यादा शापिंग करते हैं। जिसकी वजह से एटीएम का इस्तेमाल आम दिनों के मुकाबले ज्यादा होता है। साथ ही यह भी जरूरी नहीं कि जिस जगह से आपके एटीएम कार्ड की क्लोनिंग हुई हो, सिर्फ वहीं से ही ठगी सकती है। जालसाज कहीं से भी ठगी कर सकते हैं।क्या करें जब एटीएम करें यूज- सबसे पहले एटीएम मशीन स्लॉट को अच्छी तरह से चेक करें- अगर स्लॉट टूटा हो, लूज हो या फिर उसमें कोई अन्य गड़बड़ी मिले तो कार्ड यूज न करें- एटीएम मशीन में कार्ड इंटर के बाद अपने हाथों से कीपैड को कवर करके रखें- कीपैड के पास कोई कैमरा तो नहीं लगा है, इसकी भी जांच कर लें- पीओएस मशीन का यूज करने के दौरान स्लॉट को पहले चेक कर लें- पासवर्ड इंटर करते समय उसे छिपाकर भरें- ऑनलाइन शॉपिंग करने के दौरान अंजान वेबसाइट पर कार्ड डिटेल न भरें

- किसी को अपना सीवीवी, कार्ड नंबर और पासवर्ड न बताएं- अकाउंट में गड़बड़ी होने पर बैंक को कॉल कर कार्ड को ब्लॉक कराएं - किसी भी तरह का फ्रॉड होने पर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराएंऐसे होती है ठगीएक्सपर्ट राहुल मिश्रा ने बताया कि यह गैंग झारखंड, उड़ीसा, वेस्ट बंगाल, महाराष्ट्र के होते हैं। ये लोग स्कीमर का इस्तेमाल करते हैं। जिसे एटीएम मशीन में फिट कर दिया जाता है। जिसमें एटीएम स्लॉट में एक नकली स्लॉट और पासवर्ड के लिए एक डीप फेक कैमरे का इस्तेमाल किया जाता है।

Posted By: Inextlive