इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ मैसेज पोस्ट करने वाले राजनैतिक दलों प्रत्याशियों के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों पर साइबर की आठ टीमें निगरानी करेंगी। उनके ऑफिस के अलावा जेसीपी क्राइम पांच जोन के डीसीपी के अंडर में इन टीमों का गठन किया गया है।


लखनऊ (ब्यूरो)। अगले महीने होने वाले निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आचार सहिंता लागू होते ही पुलिस सोशल मीडिया पर अफवाह व गलत मैसेज चलाकर लोगों को भ्रमित करने वालों के खिलाफ एक्टिव हो गई है। निकाय चुनाव के लिए पुलिस कमिश्नर ने सभी सर्किल में पुलिस की स्पेशल सोशल मीडिया टीम को एक्टिव किया है। पांच सर्किल के अलावा तीन अन्य टीमें पुलिस कमिश्नर, जेसीपी लॉ एंड आर्डर और जेसीपी क्राइम की निगरानी में एक्टिव रहेंगी। उनकी मॉनीटरिंग जेसीपी लॉ एंड आर्डर करेंगे।24 घंटे एक्टिव रहेगी टीम


जेसीपी लॉ एंड आर्डर उपेंद्र अग्रवाल ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ मैसेज पोस्ट करने वाले, राजनैतिक दलों, प्रत्याशियों के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट डालने वालों पर साइबर की आठ टीमें निगरानी करेंगी। उनके ऑफिस के अलावा जेसीपी क्राइम, पांच जोन के डीसीपी के अंडर में इन टीमों का गठन किया गया है। इसके अलावा साइबर क्राइम सेल हजरतगंज के प्रभारी को भी यह जिम्मेदारी दी गई है। टीमें शिफ्ट के अनुसार लगातार 24 घंटे काम करेंगी। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म, वाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर निगरानी करेंगी।ग्रुप एडमिन की रहेगी जिम्मेदारी

जेसीपी ने बताया कि अगर किसी ग्रुप में किसी ने कोई आपत्तिजनक व भड़काऊ पोस्ट की है तो ग्रुप एडमिन की जिम्मेदारी होगी की वह इसकी जानकारी पुलिस को दे। अन्यथा पुलिस की पड़ताल में कोई आपत्तिजनक पोस्ट मिली तो ग्रुप एडमिन और पोस्ट करने वाले, दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए केस भी दर्ज किया जाएगा।इन जोनों की बनीं टीमेंमध्य जोनपश्चिम जोनउत्तरी जोनदक्षिणी जोनपूर्वी जोनचिन्हित लोगों के अकाउंट पर खास निगरानी2019 में सीएए मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों को पुलिस ने खासतौर पर चिन्हित किया है। उनके खिलाफ उस समय भी केस दर्ज कर कार्रवाई की गई थी। वर्तमान में भी उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर खासतौर पर निगरानी रखी जा रही है। दर्जनों लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। सर्किल वाइज भी उन लोगों पर टीम निगरानी कर रही है।इस धारा में हो सकती है कार्रवाईकिसी के खिलाफ दुर्भावना से अफवाहें फैलाना, नफरत फैलाना या बदनाम करना भी इसी श्रेणी का अपराध है। इस तरह के केस में आईटी एक्ट 2009 की धारा 66(ए) के तहत तीन साल तक की जेल या जुर्माना हो सकता है।संवेदनशील मतदान केंद्र का निरीक्षण

बुधवार दोपहर एसीपी कृष्णानगर विनय द्विवेदी, इंस्पेक्टर विक्रम सिंह, इंस्पेक्टर नाका तेज बहादुर सिंह समेत अन्य ने अपने क्षेत्र में स्थित संवेदनशील मतदान केंद्रों का निरीक्षण किया। वहां सुरक्षा के लिहाज से क्या व्यवस्थाएं की जाएं इसका जाएजा लिया। वहीं, मोहनलालगंज में भी एसीपी राजकुमार व इंस्पेक्टर कुलदीप दुबे ने मतदान केंद्रों के निरीक्षण के साथ स्थानीय लोगों से भी बातचीत की।

Posted By: Inextlive