-बॉडी डिस्पोज करना जांच में बनेगी सबसे बड़ी बाधा

-फॉरेंसिक जांच को दोबारा क्रॉस चेक करने में आएगी परेशानी

LUCKNOW: मोहनलालगंज में लैब अटेंडेंट की गैंगरेप के बाद सनसनीखेज हत्या के मामले की जांच लंबी फजीहत के बाद आखिरकार सीबीआई को सौंपने के आदेश हो गए। पर, अब सवाल यह खड़ा हो गया है कि क्या इस जांच को सीबीआई को दे देने भर से असल आरोपी कानून के शिकंजे में आ पाएंगे। जानकारों का कहना है कि इस मामले में साक्ष्यों से इस कदर छेड़छाड़ हो चुकी है कि सीबीआई को भी इसकी जांच में नाको चने चबाने पड़ेंगे।

बॉडी अवलेबल न होने से आएगी परेशानी

सीबीआई को जांच के दौरान सबसे बड़ी दिक्कत तब पेश आएगी जब उसे अब तक की पुलिस जांच और उसके क्रॉस चेक करने के लिये मृतका की बॉडी नहीं मिलेगी। अब तक की जांच में जो तथ्य पुलिस की थ्योरी को झुठला रहे हैं, उनमें मृतका की पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्रमुख है। किडनी की संख्या और मृतका की उम्र को लेकर खासा विवाद हुआ। पर, पुलिस ने मृतका की बॉडी का आनन-फानन में दाह संस्कार करवा दिया। अगर उसका अंतिम संस्कार दफना कर किया जाता तो जरूरत होने पर सीबीआई उसका दोबारा पोस्टमार्टम करवा सकती थी। पर, अब इसकी संभावना नगण्य है। इसके अलावा रामसेवक के मोबाइल और सिम का अब तक बरामद न हो पाना भी जांच में रुकावट पैदा करेगा।

Posted By: Inextlive