ट्रैक्टर का परिवहन विभाग में दो तरह से पंजीयन होता है। कृषि के लिए 600 रुपये व्यावसायिक के लिए 1500 रुपये फिटनेस शुल्क 11500 रुपये निर्धारित है। एआरटीओ प्रशासन अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि लखनऊ जिले में 571 ट्रैक्टर ट्राली का पंजीकरण व्यावसायिक है।


लखनऊ (ब्यूरो)। कानपुर आउटर में हुई दुखद घटना के बाद अब ट्रैक्टर ट्राली ही नहीं बल्कि डंपर, लोडर व डाला में सवारियां ढोने पर सख्ती से कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा यातायात निदेशालय 10 दिनों तक शहर के आउटर व रूरल एरिया में जागरूकता अभियान भी चलाएगा। बिना परमिट व कामर्शियल वाहनों में सवारी होने पर जुर्माना भी किया जाएगा।10 हजार रुपये वसूले जाएंगेएडीजी ट्रैफिक अनुपम कुलश्रेष्ठ ने जारी निर्देश के अनुसार, 2 अक्टूबर से 10 दिन तक सभी जनपदों में माल वाहक वाहनों, ट्रैक्टर ट्राली, डाला, डंपर पर सवारियों के लिए न इस्तेमाल किया जाए इसके लिए जागरूकता अभियान के साथ-साथ प्रवर्तन संबंधित कार्रवाई का निर्देश दिया गया। बिना परमिट के वाहन चलाने पर मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 66 व धारा 192 (क) पर 10 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा।मात्र 571 का है रजिस्ट्रेशन


कृषि कार्य के बजाय कामर्शियल यूज में लगे ट्रैक्टर आम लोगों की जान ले रहे हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी धड़पकड़ के नाम पर खानापूर्ति करने में लिप्त हैं। कानपुर देहात में हुए हादसे ने एक बार फिर परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते की लापरवाही उजागर कर दी है। लखनऊ की बात करें तो यहां 571 व्यावसायिक ट्रैक्टरों का ही पंजीयन है। सड़कों पर इससे कई गुना ट्रैक्टर कृषि कार्य के बजाय भवन सामग्री ढो रहे हैं। पुलिस और परिवहन विभाग की मिलीभगत से ये ट्रैक्टर राहगीरों के लिए मुसीबत बन गए हैं। कृषि कार्य में पंजीयन के बावजूद भवन सामग्री ढोने में लगे हैं। ऐसे में 10 हजार से अधिक ट्रैक्टर सड़कों पर हादसे का सबब बन गए हैं। परिवहन विभाग को भी ये ट्रैक्टर राजस्व का चूना लगा रहे हैं।ऐसे होता है पंजीयनट्रैक्टर का परिवहन विभाग में दो तरह से पंजीयन होता है। कृषि के लिए 600 रुपये, व्यावसायिक के लिए 1500 रुपये, फिटनेस शुल्क 11,500 रुपये निर्धारित है। एआरटीओ प्रशासन अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि लखनऊ जिले में 571 ट्रैक्टर ट्राली का पंजीकरण व्यावसायिक है। कोई भी ट्रैक्टर ट्रॉली अगर व्यवसाय कार्य में लगी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाती है। ट्राली और ट्रैक्टर का अलग-अलग पंजीकरण होता है।बिल्डिंग मैटेरियल की सप्लाई में लगे

कृषि कार्य के लिए रजिस्टर्ड टैक्टर शहर में बिल्डिंग मैटेरियल ढो रहे हैं। इस सवाल पर आरटीओ और पुलिस अधिकारी बचते नजर आते हैं। लखनऊ के इटौंजा में हुए हादसे में 10 की मौत और फिर कानपुर घाटमपुर मेें हुई 26 मौतों के बाद परिवहन विभाग भी अब जागा है। परिवहन अधिकारी प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज ने बताया कि शहरी व ग्रामीण इलाके में प्रवर्तन की टीम अभियान चला रही है। तीन दर्जन से अधिक गैर कृषि कार्य में लगे टैक्टरों को पकड़ा गया है। सीएम ने भी कृषि कार्य में लगे ट्रैक्टर मालिकोंं से अपील है कि धार्मिक यात्रा करते समय अपने परिवार का ध्यान रखें और उन्हें यात्री वाहनोंं से ही यात्रा कराएं। उन्हें कृषि कार्य के आधार पर छोड़ भी दिया जाता है तो वे अपने परिवार ध्यान रखें और ऐसी यात्राओं से बचें जिससे घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।कब-कब राजधानी में हुई ट्रैक्टर ट्राली से मौत26 सितंबर-इटौंजा के गद्दीपुरवा में ट्रैक्टर ट्राली पर सवार 47 लोगोंं में 10 की मौत हो गई थी। इसी दिन नगराम में गैस सिलेंडर ले जा रहे निहाल को ट्रैक्टर ट्राली ने रौदा था। इसी दिन अयोध्या रोड पर सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी को टक्कर मार दी थी। 23 जुलाई-मडिय़ांव में महेश कुमार को ईंट लदी ट्राली ने टक्कर मार दी थी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। 15 जुलाई-शारदानगर के रुचि खंड निवासी परिवहन विभाग की कर्मचारी अनुराधा कश्यप को बंगला बाजार पुल के पास सीमेंट लदी ट्रैक्टर ट्राली ने रौंंद दिया था।

7 जुलाई-फैजुल्लागंज के घैला के पास श्याम विहार कालोनी निवासी राम नारायण को कुचल दिया था। इसी दिन हाईवे पर खड़ी ट्रैक्टर ट्राली से टकराने से सैदपुर थाने के इंस्पेक्टर संजय सिंह की जान चली गई थी।27 अक्टूबर, 2021-चिनहट में परिवहन विभाग मेें तैनात कर्मचारी श्रवण कुमार को ड्यूटी जाते समय ट्रैक्टर ट्राली ने रौंद दिया, जिससे उनकी मौत हो गई।

Posted By: Inextlive