- राजधानी में सुरक्षा और सतर्कता के साथ करीब सात माह बाद खुले स्कूल, अस्पतालों की ओपीडी भी शुरू

स्कूल खुले चेहरे खिले

34 फीसद के करीब पेरेंट्स के मिले सहमति पत्र

76 फीसद स्कूलों में हुई पेरेंट्स संघ की बैठक

ओपीडी में मरीज

केजीएमयू : 297

आरएमएस : 50

- राजधानी में कई बड़े स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक की लगीं क्लास

- केजीएमयू और आरएमएस हॉस्पिटल की ओपीडी भी शुरू

LUCKNOW:

कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के बाद करीब सात माह से बंद चल रहे राजधानी के स्कूल मंडे को गुलजार दिखे। सुरक्षा और सतर्कता के साथ खुले 9वीं से 12वीं तक के स्कूलों में 50 फीसद स्टूडेंट्स मुस्कुराते हुए अपने अपने स्कूलों में पहुंचे। वहीं कोरोना संक्रमण का असर घटने के बाद केजीएमयू और आरएमएस हॉस्पिटल में ओपीडी सेवा की भी शुरुआत हो गई। जिससे मरीजों ने राहत की सांस ली, लेकिन सतर्कता के चलते मरीजों की संख्या काफी कम रही।

स्कूल में प्रवेश से पहले प्रणाम

राजधानी में सोमवार को अधिकतर सरकारी व प्राइवेट स्कूल नजर आए और क्लास में पढ़ाई के लिए पहली पाली में कक्षा नौ से 10 और दूसरी पाली में 11 और 12 के छात्र-छात्राएं पहुंचे। स्कूलों में सुबह से ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए थे। 50 फीसद विद्यार्थियों के आने की नोटिस के बावजूद मौजूदगी कम रही, लेकिन जो आए उनके चेहरे पर मुस्कान सरकार के फैसले के साथ खड़ी नजर आई। कई प्राइवेट स्कूल्स की ओर से तो स्टूडेंट्स के वेलकम के लिए टीचर्स स्वागत थाल लेकर खड़ी नजर आईं। बच्चों को टीका लगाकर उन्हें उज्जवल भविष्य और स्वस्थ शरीर की कामना करते हुए स्कूल में प्रवेश कराया। स्कूल में आने वाले हर स्टूडेंट्स के हाथ में पेरेंट्स का सहमति पत्र था। जिनके पास सहमतिपत्र नहीं था उन्हें वापस कर दिया गया। बहुत से बच्चों के पेरेंट्स उनको खुद स्कूल तक छोड़ने आए।

हजारों की ओपीडी सैकड़ों में सिमटी

लॉकडाउन से बंद केजीएमयू की ओपीडी सोमवार से शुरू हुई। इस दौरान मरीजों की संख्या काफी कम रही। पहले जहां आठ हजार रोज मरीज ओपीडी में आते थे। वहीं अब 389 ने ही पंजीकरण कराया। इसमें भी सिर्फ 297 मरीज डॉक्टर को दिखाने आए। 92 मरीज ऑनलाइन पंजीकरण कराने के बावजूद ओपीडी में दिखाने नहीं आए।

Posted By: Inextlive