राखी का पर्व नजदीक आते ही अमीनाबाद आलमबाग नरही चौक गोमतीनगर समेत अन्य बाजारों की रौनक खरीदारों से बढ़ गई है। इस बार बाजार में छोटा भीम मोटू-पतलू समेत अन्य कार्टून कैरेक्टर की राखियां छोटे बच्चों को काफी आकर्षित कर रही हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते में मिठास को और बढ़ाने वाला रक्षाबंधन का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उनकी लंबी आयु की कामना के साथ सुरक्षा का वादा लेती हैं। रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आते ही राजधानी के बाजार गुलजार हो उठे हैं। जहां रेशमी सूत्र से लेकर कार्टून कैरेक्टर वाली राखियां मार्केट में मौजूद हैं, तो वहीं नग जड़े सोने-चांदी की राखी भी ऑन-डिमांड मिल रही हैं। खासतौर पर तिरंगा राखी की काफी डिमांड है, जिनकी कीमत वजन और साइज के अनुसार हजारों में है। हालांकि, महंगाई के चलते राखियों के दाम में करीब 25 फीसदी तक का उछाल आया है। ऑनलाइन राखी कारोबार ने काफी असर डाला है।डिजाइनर राखी की डिमांड


राखी का पर्व नजदीक आते ही अमीनाबाद, आलमबाग, नरही, चौक, गोमतीनगर समेत अन्य बाजारों की रौनक खरीदारों से बढ़ गई है। इस बार बाजार में छोटा भीम, मोटू-पतलू समेत अन्य कार्टून कैरेक्टर की राखियां छोटे बच्चों को काफी आकर्षित कर रही हैं। साथ ही, कई राखियों पर टॉफी और चॉकलेट भी लगी हुई है ताकि छोटे बच्चे राखी बांधने के साथ उसे खा भी सकें। इनकी कीमत 50 रुपये से लेकर 300 रुपये तक है। वहीं, सूरत की अमेरिकन डायमंड वाली राखी काफी पसंद की जा रही है, जिसकी कीमत एक हजार रुपये से शुरू होती है। इसके अलावा महिलाओं को बांधने वाली लंूबा राखी की कीमत 100 रुपये से लेकर हजारों में है। दुकानदार मोहन बताते हैं कि राखी की खरीदारी में तेजी है। इस बार 5 रुपये से लेकर हजारों की रेंज वाली राखियां मिल रही हैं। हालांकि, इस बार राखियों के दाम में 20-25 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। उम्मीद है कि बिक्री अच्छी होगी।ऑन-डिमांड बन रही राखियांदेश में इस समय आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उसी को देखते हुए तिरंगा डिजाइन की चांदी की राखियां भी मार्केट में आई हैं, जिनकी काफी डिमांड है। चौक सर्राफ एसोसिएशन के महामंत्री विनोद माहेश्वरी के मुताबिक, इस बार मार्केट में तिरंगा राखी की काफी डिमांड है, जिसकी शुरुआत 400 से लेकर हजार रुपये तक है। इसके अलावा महाकाल, मेरे भईया, डोरेमान, रामनामी और बाहुबली आदि राखियां काफी डिमांड में हैं। इसके अलावा सोने और चांदी के नग वाली राखियां भी डिमांड में हैं, जिनको ऑन-डिमांड बनाया जा रहा है। इसके लिए आपको अधिक खर्च करना होगा।ऑनलाइन मार्केट भी दे रहा टक्कर

एक ओर रक्षाबंधन को लेकर मार्केट में रौनक है, तो दूसरी ओर ऑनलाइन मार्केट भी इसे कड़ी टक्कर दे रहा है। एक तरफ जहां बहनें अपनी पसंद की राखी भाईयों को भेज रही हैं, तो वहीं भाई भी बहनों को गिफ्ट ऑनलाइन सेलेक्ट कर के भेज रहे हैं।शुभ मुहूर्त में रक्षासूत्र बांधने से बढ़ेगा भाई-बहन का प्रेमभाई-बहन के पवित्र रिश्ते और प्यार का त्योहार रक्षाबंधन आने का इंतजार भाई-बहन पूरे साल बेसब्री से करते हैं। ज्योतिषाचार्य पं। राकेश पांडेय के अनुसार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा इस वर्ष 11 अगस्त गुरुवार को सुबह 9:36 से शुक्रवार 12 अगस्त को सुबह 7:16 तक है। पर भद्रा पूर्णिमा गुरुवार के दिन रात्रि 8:25 बजे तक है। भद्रा काल में रक्षाबंधन का पुनीत पर्व वर्जित है। इसलिए 11 अगस्त गुरुवार को रात्रि 8:26 के बाद आवश्यक होने पर या शुक्रवार को उदया तिथि में 12 अगस्त को सुबह 7:16 तक रक्षाबंधन का पुनीत पर्व मनाया जाना शुभ होगा।ऐसे करें पूजा

बहनों को चाहिए कि वे भाई को राखी बांधते समय भगवान गणेश का ध्यान कर उनसे मंगल की कामना करें। रक्षाबंधन का त्योहार सनातन धर्मियों के लिए वर्ष का प्रथम त्योहार माना गया है। इस दिन कुल पुरोहित अपने यजमान को तथा बहनें अपने भाई को राखी बांध व तिलक लगाकर चिरंजीवी व सर्वत्र विजयी होने की कामना करती हैं। इसी दिन श्रावणी का उपाकर्म ब्राह्मणों द्वारा किया जाता है, जिसमें वेद पाठी ब्राह्मण शुक्ल यजुर्वेद के मंत्रों द्वारा यज्ञोपवित की शुद्धि व प्रतिष्ठा करते हैं। जिससे वह यज्ञोपवीत पूरे वर्ष भर तेज व ज्ञान प्रदान करता है। शुक्रवार की सुबह 5:30 से 7:16 बजे पूर्णिमा तिथि तक सर्वश्रेष्ठ समय है। धनिष्ठा नक्षत्र पूरे दिन है और सौभाग्य योग मिल रहा है। इस प्रकार रक्षाबंधन उक्त समय में ही बांधकर पुनीत पर्व मनाएं।

Posted By: Inextlive