दाम तो घटाए, अब सीएनजी पंप भी बढ़ाएं
2009 में हुई थी राजधानी में शुरुआत
53.35 रुपए प्रति किग्रा राजधानी में सीएनजी 2009 में छह हजार कारों का हुआ था रजिस्ट्रेशन 2017 में केवल एक हजार कारें हुई रजिस्टर्ड - सीएनजी वाहनों से भंग हो रहा है लोगों का मोह - दाम कम फिर भी पब्लिक ने किया किनारा - सीएनजी स्टेशनों पर लगने वाली लाइन बड़ा कारण LUCKNOW: सीएनजी (कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस) के दाम कम हैं और इनका एवरेज भी बेहतर है, इसके बाद भी इन वाहनों की डिमांड लगातार कम हो रही है। इसका प्रमुख कारण है कि शहरों में पर्याप्त संख्या में सीएनजी फिलिंग सेंटर नहीं हैं। फिलिंग सेंटर सीमित संख्या में होने के कारण सीएनजी लेने के लिए लोगों को घंटों लाइन में लगना पड़ता है। इसमें काफी समय बर्बाद होने से लोगों का मोह इन वाहनों से भंग हो रहा है। 2009 में हुई थी शुरुआतराजधानी में सन 2009 में सीएनजी वाहनों की शुरुआत तो लगा कि अब सड़कों पर जल्द ही केवल सीएनजी वाहन ही दौड़ेंगे लेकिन कई साल बीतने के बाद परिणाम यह सामने आया कि लोगों का रुझान इन वाहनों से भंग होने लगा। इसका कारण यह है कि राजधानी में जहां पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए करीब दो सौ से अधिक पंप हैं वहीं सीएनजी वाहनों के लिए केवल एक दर्जन ही फिलिंग सेंटर हैं।
महंगा है पेट्रोल और डीजल राजधानी में इस समय सीएनजी का दाम 53.35 रुपए प्रति किग्रा है जबकि पेट्रोल 74 रुपए प्रति लीटर और डीजल 63 रुपए के आस-पास है। सीएनजी चलित वाहनों का एवरेज अन्य ईधन से चलने वाली गाडि़यों की तुलना में बेहतर होने के बावजूद सीएनजी चालित वाहनों की डिमांड गिर रही है। शहर में इनकी सप्लाई प्रॉपर न होने से लोग इन वाहनों से मुंह मोड़ रहे हैं। हालांकि ग्रीन गैस लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि अगले साल तक नए स्टेशनों के आने से स्थितियां बेहतर हो सकती है। हाथों हाथ लिया था राजधानी में जब 2009 में सीएनजी की शुरुआत हुई थी तो लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया था। हाल यह हुआ कि उस साल प्राइवेट कारों में सीएनजी का आंकड़ा 6 हजार तक पहुंच गया। अगले साल तो सीएनजी में प्राइवेट कारों की सेल बहुत ही कम हो गई। 2014 में एक बार फिर से सेल में तेजी आई लेकिन उतनी सेल नहीं हुई जितनी की प्रारंभिक वर्ष में हुई थी। कोटलखनऊ में नए फिलिंग स्टेशन खोले जाने के प्रयास जारी हैं। गोमती नगर में जल्द ही एक नया फिलिंग सेंटर खोला जाना है। उसके लिए जमीन फाइनल कर ली गई है। शहर के इलाकों में सुरक्षा के चलते हम सीएनजी फिलिंग स्टेशन नहीं खोल सकते। फिर भी तलाश चल रही है यदि कहीं ऐसा कोई विकल्प मिलता है तो उस पर काम किया जाएगा।
जिलेदार, एमडी ग्रीन गैस लिमिटेड बाक्स प्राइवेट कार (सीएनजी) इस साल बिकी 2014-15 में 1300 2015-16 में 1130 2016-17 में 1000 पब्लिक कोट जब तक राजधानी में सीएनजी स्टेशनों की संख्या नहीं बढ़ेगी तब तक लोग इससे किनारे ही रहेंगे। लोगों के पास इतना वक्त नहीं होता कि वह लाइन लगाकर सीएनजी भरवाएं। देवेंद्र गुप्ता, इंदिरा नगर कई इलाके ऐसे हैं यदि वहां के लोग सीएनजी गाडि़यां ले भी लें तो उन्हें भरवाने के लिए काफी लंबा चक्कर सीएनजी स्टेशन के लिए लगाना होगा। ऐसे में वह सीएनजी क्यों भरवाएंगे। शराफत, ऐशबाग आप खुद ही सोच सकते हैं कि राजधानी में पेट्रोल पंपों की संख्या 200 से अधिक है जबकि इनकी संख्या एक दर्जन। प्राइवेट वाले सभी लोग यदि सीएनजी गाडि़यों पर आ जाए तो सीएनजी के लिए बड़ी परेशानी हो जाएगी। बीआर वरुण, गोमती नगरसीएनसी सस्ती है और माइलेज भी बेहतरीन, फिर भी लोग सीएनजी चालित वाहन नहीं लेना चाहते। जब इनके लिए लाइन लगना खत्म हो जाएगी और इसके कई फिलिंग स्टेशन बन जाएंगे तो लोग इन्हें हाथों-हाथ लेंगे।
सौमित्र सिंह, हजरतगंज बाक्स पंप बंद होने से परेशानी चार स्टेशनों के बंद होने से गोमती नगर और मडि़यांव साइड में रहने वालों को खासा नुकसान उठाना पड़ा। मडि़यांव, चिनहट, अनौरा और एसजीपीजीआई में चिनहट फिलिंग सेंटर बंद हो गए।