- डाट नाले के चलते गलियां धंस रहीं, सौ साल से भी ज्यादा पुरानी सीवर व्यवस्था

- अतिक्रमण के चलते चलने के लिए रोड तक नहीं, आवारा पशु बने मुसीबत

LUCKNOW : पूरी दुनिया में अपने अदब और तहजीब के लिए नवाबों का शहर लखनऊ मशहूर है। अवध की नगरी के इतिहास में चौक चौपटिया का बहुत पुराना नाता है। आधुनिकता के चलते पुराने लखनऊ के इस इलाके में विकास कहीं खो गया है। आलम यह है कि सौ साल से भी ज्यादा पुरानी व्यवस्था को दुरुस्त न करने के चलते चौपटिया की हालत अब 'चौपट' होने के कगार पर आ गई है। सीवर लाइन डाट नाले के भरोसे चल रही हैं। इसके चलते चौपटिया की गलियां धंसती जा रही हैं। नीचे की जमीन खोखली होने से मकानों के लिए भी खतरा बढ़ता जा रहा है। अतिक्रमण, बिजली समस्या, चोक नालियां और आवारा पशु के साथ रोड की समस्या मुंह बाये खड़ी हैं। तमाम शिकायत के बाद भी सरकारी तंत्र ऐतिहासिक एरिया की मरहम पट्टी करने की जगह चुप्पी साधे मौन हैं।

परिचय -

चौपटिया, खेत वाली गली

आचार्य नरेंद्र देव वार्ड जोन-6

जनसंख्या - करीब एक लाख

ऐतिहासिक धरोहर

- उत्तर भारत का सबसे बड़ा शिव मंदिर बड़ा शिवाला

- कश्मीरी ब्राह्मण की कुलदेवी राग्या देवी (संकटा देवी) का मंदिर

- उत्तर भारत में एक मात्र गार्गी देवी का मंदिर

स्वाद में भी कम नहीं

- तइया महाराज का काली गाजर का हलुआ

- साहबदीन के खस्ते

- लल्ला बिरयानी

सीवर लाइन सबसे बड़ी समस्या

चौपटिया इलाके में सीवर लाइन की व्यवस्था अंग्रेजी हुकूमत के समय की है। सौ साल से भी ज्यादा पुरानी सीवर लाइन डाट नाले से होकर गुजरती है। ईट से बना डाट नाला धीरे-धीरे धंसता जा रहा है। इसके चलते आस-पास की गलियों की रोड भी धंस रही है और वहां के मकानों को भी इससे बड़ा खतरा है। डाट नाले के धंसने के चलते एरिया में चूहे और नेवले से भी लोग बहुत परेशान हैं।

संकरी गलियों, बिजली के पोल बने मुसीबत

पुराने लखनऊ का चौपटिया पुरानी व्यवस्था के तहत बसा है। यहां की गलियां बहुत संकरी हैं। इन गलियों की चौड़ी तीन से चार फीट है। हालांकि मकानों के निर्माण के चलते अब यह व्यवस्था तो नहीं बदल सकती है, लेकिन इन गलियों में लगे बिजली के पोल अतिक्रमण की मुख्य वजह हैं। संकरी गलियों में लगे बिजली के पोल मुसीबत दोगुनी कर रहे हैं।

रोड तक अतिक्रमण, फुटपाथ पर दुकान

चौपटिया की रोड भी विकसित इलाके की तरह चौड़ी नहीं है, लेकिन उस पर अतिक्रमण जख्म में नासूर का काम कर रहे हैं। रोड किनारे दुकानों के बाहर दोनों तरफ लोगों ने फुटपाथ तक कब्जा कर रखा है, यहां दुकान के बाहर ठेले लगते हैं, जिससे पैदल और गाडि़यों से चलना मुश्किल होता है। एरिया में रहने वाले लोगों ने कई बार अतिक्रमण के खिलाफ नगर निगम के जोनल अधिकारी को लिखित रूप से शिकायत भी की, लेकिन आज तक यहां कोई अभियान नहीं चल सका।

न पार्किग न ट्रैफिक व्यवस्था

एरिया में न तो पार्किग की कोई व्यवस्था है और न ही ट्रैफिक रुल्स को फालो कराने के लिए कोई सिस्टम। घरों तक व्हीकल न पहुंचने की वजह से मजबूरन लोग रोड पर ही अपने व्हीकल पार्क करते हैं, जिसके चलते अव्यवस्था फैलती है।

यह है लोगों को उम्मीद

चौपटिया के लोगों को शहर सरकार से सबसे बड़ी उम्मीद सौ साल पुरानी सीवर व्यवस्था को न केवल दुरुस्त करने बल्कि नई सीवर लाइन बिछाने की है। साथ ही अतिक्रमण चलाकर रोड के चौड़ीकरण और आवारा पशुओं पर लगाम कसने की। एरिया में फॉगिंग भी नहीं होती है, जिसके चलते गंदगी और मच्छर का प्रकोप भी काफी है।

यह बोले लोग

लखनऊ में चौपटिया का सबसे पुराना इतिहास है। हमारी सातवीं पीढ़ी भी यहीं रह रही है। आज भी यहां कुछ नहीं बदला। न तो विकास यहां तक पहुंचा और न ही लोगों की समस्या खत्म हो सकी। लखनऊ की पहचान होने के बाद भी चौपटिया इलाका खुद अपनी पहचान बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है।

- आशीष अग्रवाल

चौपटिया में कई पुराने मोहल्ले हैं। अंग्रेजी हुकूमत के समय से चली आ रही सीवर व्यवस्था आज तक वैसी ही है। हालात यह हैं कि कई गलियां धंस रही हैं और मकानों को बचाने के लिए लोग पिलर खड़ा कर रहे हैं। धीरे-धीरे जमीन खोलती होती जा रही है और गलियां धंस रही हैं।

- अनिल द्विवेदी

लखनऊ की पहचान चौपटिया के बिना अधूरी है। राजनीतिक गतिविधि हो या फिर धार्मिक व साहित्य से जुड़ी धरोहर, सभी की जड़ें चौक चौपटिया से जुड़ी हैं। स्वाद से लेकर प्रसिद्ध मंदिर केवल चौक चौपटिया में है। तमाम विरासत होने के बाद भी इस इलाके में विकास आज भी अधूरा है।

-रिद्धि गौड़

मकान के बाहर गलियों में कहने को इंटरलॉकिंग कर दी गई है, लेकिन डाट नाले के चलते धीरे-धीरे गलियां धंसती जा रही हैं। पानी की निकासी न होने के कारण रोड पर गढ्ड़े हो रहे हैं। कई जगहों पर तो नालियों को ही बंद कर दिया गया। नालियां बनाई तक नहीं गई। जहां हैं वहां नालियां चोक हैं।

- प्रशांत मिश्रा

चौपटिया की गलियों में करीब 15 साल से रोड बनीं ही नहीं है। जगह-जगह रोड टूटी पड़ी है। यहां तक की ऐतिहासिक धरोहर मंदिरों के पास चैम्बर व रोड धंस रही है। गलियों में कूड़ा उठान की भी बड़ी समस्या है। आवारा पशुओं के चलते गलियों में हमेशा गंदगी रहती है।

- आशीष कुमार

चौपटिया में सीवर लाइन के साथ-साथ अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या है। यहां की गलियों में पैदल चलना तक मुश्किल है। लोगों ने दुकान के बाहर फुटपाथ तक कब्जा किया हुआ है। आमने सामने वाहन आने पर लोगों को निकलना तक मुश्किल हो जाता है। जब तक अतिक्रमण नहीं हटता तब तक यह समस्या खत्म नहीं हो सकती है।

- नीरा गर्ग

चौक चौपटिया का लखनऊ शहर की नब्ज है। यहां कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां रही हैं। अटल जी का विशेष जुड़ाव रहा है। इसके बाद भी इस इलाके में रहने वाले लोग वर्षों से विकास की राह देख रहे हैं। पुराना इलाका होने के चलते संकरी गलियों में चोक नालियां व सीवर लाइन सबसे बड़ी समस्या हैं।

- लक्ष्मी कांत पांडे

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Posted By: Inextlive