- विशाखा कमेटी की गाइडलाइन के आधार पर तैयार की गई कमेटी

- पांच सदस्यीय कमेटी में दो एससी-एसटी कैटेगरी, एक एलयू और दो बाहर लोगों को शामिल होंगे

- वीसी से मिलकर पिता ने आरोपी प्रोफेसर को हटाने की मांग की

LUCKNOW :

लखनऊ यूनिवर्सिटी के फ्रेंस कोर्स में छात्रा के साथ छेड़छाड़ के मामले की जांच छह सदस्यीय टीम करेगी। इस टीम का नेतृत्व रिटायर जज करेंगे। इस कमेटी में एक महिला सदस्य के साथ दो सदस्य एससी-एसटी कैटेगरी के अलावा एक यूनिवर्सिटी का सदस्य शामिल होगा। इस कमेटी का गठन 13 अक्टूबर तक कर दिया जाएगा। यूनिवर्सिटी वीसी प्रो। एसबी निमसे ने बताया कि इस मामले में प्राथमिक जांच में कुछ भी ठोस निकल का नहीं आया है। यह मामला काफी गंभीर है, ऐसे में इस मामले को ऐसे ही नहीं छोड़ सकते है। इसलिए इस मामले की पूरी जांच अब एक निष्पक्ष कमेटी से करायी जाएगी। ताकि इस पर कोई सवालिया निशान न उठा सके।

प्राथमिक रिपोर्ट में कुछ भी नहीं मिला

वीसी प्रो। एसबी निमसे ने बताया कि इस मामले की प्राथमिक जांच के लिए जो तीन सदस्यीय कमेटी बनी थी। वह किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच सके है। उन्होंने बताया कि जांच कमेटी ने केवल दोनों पक्षों का बयान दर्ज कर उसे प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि वहीं इस मामले में जिन पांच स्टूडेंट्स ने बाद में प्रोफेसर के पक्ष में लेटर भेजा था। उनको बुलाकर खुद पूछताछ की थी। छात्रों ने बताया कि वह सिर्फ छात्रा की बात सुनकर उसका सपोर्ट किए थे। इस पर वीसी ने उनको फटकार लगायी तो वह कुछ भी बोलने से इंकार किए। सूत्रों का कहना है कि जो पांच लेटर इन स्टूडेंट्स ने वीसी को लिखा है। उनकी हैंडराइटिंग एक ही व्यक्ति की है। यूनिवर्सिटी सूत्रों का कहना है कि प्रोफेसर के दबाव में इन स्टूडेंट्स ने अपने बयान वापस लिए है।

वीसी से मिले अभिभावक मांगी सुरक्षा

वहीं मंडे को वीसी प्रो एसबी निमसे से पीडि़ता ने अपने अभिभावकों के साथ मुलाकात की। इस दौरान पीडि़ता ने वीसी को पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। वहीं इस अवसर पर उसके अभिभावकों ने अपने बेटी की कैम्पस में सुरक्षा की मांग की। जिस पर वीसी ने उन्हें आश्वासन दिया कि उसको कैम्पस में कुछ भी नहीं होने दिया जाएगा। अगर कोई कुछ कहता है तो वह डायरेक्ट उनसे मिलकर या उनके फोन पर शिकायत कर सकती है। इस दौरान अभिभावकों ने वीसी से आरोपी शिक्षक को सस्पेंड करने की मांग भी की। हालांकि वीसी ने शिक्षक पर कार्रवाई करने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले पर एक बार एचओडी से वार्ता होने के बाद ही शिक्षक को क्लास से हटाया जाएगा। साथ ही छात्रा रेगुलर बेस पर अपनी क्लास अटेंड कर सकती है। वह प्रोफेसर पढ़ाते हैं तो वह क्लास में पीछे बैठ सकती है इस दौरान उसकी निगरानी की जिम्मेदारी एचओडी की होगी।

नहीं तो करेंगे एफआईआर

पीडि़ता के पिता ने एलयू प्रशासन से पहले ही अपने स्तर एफआईआर करवाने की बात कही थी। इस पर वीसी ने प्राथमिक रिपोर्ट आने तक इंतजार करने के लिए कहा है। हालांकि अभिभावकों ने कहा कि अगर एलयू ने कार्रवाई नहीं की तो अपने स्तर से मामले की शिकायत हायर अथॉरिटी से करेंगे।

अभी इस मामले पर कुछ भी कहना सही नहीं है, हमने एक निष्पक्ष कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया है। जिसकी अध्यक्षता एक रिटायर्ड जज करेंगे। रिपोर्ट में अगर प्रोफेसर दोषी पाए जाते है तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी।

प्रो। एसबी निमसे, वीसी, लखनऊ यूनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive