- यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए सचिव परिषद ने दिए निर्देश

- गलत जानकारी देने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी

LUCKNOW :

इस बार यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटर के एग्जाम में कोरोना के कारण सेंटर्स की संख्या बढ़ेगी लेकिन दागी कॉलेजों को राहत नहीं मिलेगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से सभी डीआईओएस को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि एक भी दागी कॉलेज इस बार सेंटर नहीं बनाया जाएगा। उन्होंने सभी डीआईओएस से कहा है कि वेबसाइट पर कॉलेजों का सही डाटा अपलोड कराया जाए।

बाद में नाम अलग करने में होती है दिक्कत

बोर्ड ने कहा कि दागी कॉलेजों की ओर से डाटा अपलोड करने से सेंटर बनाने की प्रक्रिया में ऐसे कॉलेजों का नाम अलग करने में समस्या होती है। हालांकि इस बार कोरोना काल में सेंटर्स की संख्या बढ़ाए जान की सूचना के बाद से दागी कॉलेज प्रबंधन खुश थे कि अब तो हर हाल में उनके कॉलेज को एग्जाम सेंटर बनाया जाएगा। इस बार जिस कॉलेज के बार में शिकायत आती है उसे भी तत्काल केंद्र की सूची से बाहर किया जाएगा।

स्कूलों पर कसेगा शिकंजा

सेंटर निर्धारण से पहले कॉलेजों की सूची मांगी गई है, ऐसे में ऑनलाइन कॉलेज की जानकारी देते समय ध्यान रखना होगा कि जो जानकारी दी जा रही है वह सही है या नहीं। जो कॉलेज जानकारी भरेंगे, उसका भौतिक सत्यापन भी किया जाएगा।

हाई स्पीड इंटरनेट कनेशन जरूरी

इस बार सभी एग्जाम सेंटर्स पर हाईस्पीड वाले इंटरनेट कनेक्शन लगाने की तैयारी है ताकि एग्जाम की सभी गतिविधियां कंट्रोल रूम में बिना रुकावट दिख सकें। यूपी बोर्ड ने इसके लिए एग्जाम सेंटर पर पिछले साल की गई व्यवस्था का ब्यौरा मांगा है। पिछले साल बोर्ड एग्जाम के दौरान वेबकास्टिंग की व्यवस्था शुरू की गई थी पर इंटरनेट की कनेक्टिविटी के कारण काफी दिक्कतें हुई थीं। डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि एग्जाम सेंटर पर हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन और सीसीटीवी कैमरे के डीवीआर की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

सेंटर बनाए जाने की व्यवस्था ऑनलाइन है। दागी कॉलेजों का डाटा अगर वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है तो साफ्टवेयर से पता चल जाएगा। यदि नहीं पता चला तो भौतिक सत्यापन में ऐसे कॉलेज पकड़े जाएंगे। इस बार एक भी दागी कॉलेज सेंटर नहीं बनेगा।

- दिव्यकांत शुक्ल, सचिव, माध्यमिक शिक्षा परिषद

Posted By: Inextlive