- लोगों के चेहरे पर दिखे जिज्ञासा के भाव, खौफजदा माहौल नहीं नजर आया

- फैसले के करीब एक घंटे बाद खुलने लगीं दुकानें, मंजिलों की तरफ बढ़े लोगों के कदम

LUCKNOW: अयोध्या पर सुप्रीम फैसले का हर किसी को बेसब्री से इंतजार था। लोगों के चेहरे पर जिज्ञासा के भाव थे, लेकिन खौफ के भाव नहीं नजर आए। जुबान पर फैसले को लेकर मिली जुली प्रतिक्रियाएं तो थी, वहीं हर किसी के मन की गहराईयों में आपसी भाईचारे और सद्भाव की लहरें भी हिचकोले खा रही थीं। अनहोनी की आशंका के चलते शहर के पुराने इलाकों में दुकानें तो बंद नजर आई, लेकिन सड़कों पर चहलकदमी बरकरार रही। फैसला आने के बाद हर किसी के चेहरे पर संतुष्टी के भाव दिखे। नवाबों की नगरी एक बार फिर से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में कामयाब हुई। शहर की सकरी गलियों से लेकर प्रमुख मार्ग और चौराहे गंगा जमुनी तहजीब के रंग में सराबोर हो गए।

फैसला जो भी हो, हमें मान्य

सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुबह 10.30 बजे आना था। इससे पहले सड़कों पर सन्नाटा नजर आया। चाय की दुकानों से लेकर प्रोविजन स्टोर्स पर लोग फैसले को लेकर चर्चा करते नजर आए। खास बात यह रही कि हर किसी ने यही कहाकि जो भी फैसला आएगा, वो मान्य होगा। इससे साफ था कि जनता सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रयासरत है। अंतत: फैसला आने के बाद हर तरफ शांति नजर आई।

दोपहर बाद खुली दुकानें

दोपहर के बाद शहर के पुराने इलाकों जैसे चौक, यहियागंज, पांडेयगंज, नक्खास, अलीगंज, कपूरथला, आलमबाग, ऐशबाग, नाका, चारबाग इत्यादि इलाकों में 50 से 60 फीसदी दुकानें खुल गईं। हालांकि ग्राहकों की भीड़ कम रही।

पुलिस फोर्स का कड़ा पहरा

शहर के संवेदनशील इलाकों के साथ-साथ अन्य एरिया में भी पुलिस का कड़ा पहरा देखने को मिला। जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारियों ने खुद फील्ड में उतरकर स्थिति देखी साथ ही हर जगह से अपडेट भी लिया। पॉश एरिया से लेकर सकरे इलाकों में पुलिस की टीमें पेट्रोलिंग करती रहीं।

झलकियां-

1-सब्जी की दुकानें और ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स खुले रहे

2-सुबह से ही घरों में टीवी सेट खुले

3-फैसला आने के बाद हर किसी ने एक दूसरे को बधाई दी

4-दुकानदारों ने एहतियातन स्टॉक भरवाया

5-गली क्रिकेट खेलते दिखे लोग

6-शाम को भूतनाथ समेत कई मार्केट में दिखी रौनक

7-शहर की यातायात व्यवस्था रही नॉर्मल

अरे भाई, भीड़ न लगाएं

माहौल की नजाकत को देखते हुए दुकानदार भी खासे अलर्ट दिखे। अगर किसी भी दुकान में चार से पांच व्यक्ति भीड़ लगाकर फैसले को लेकर चर्चा करने लगते तो दुकान मालिक तत्काल सभी से निवेदन करता कि यहां से जाएं, भीड़ न लगाएं।

स्कूल तो बंद है आज

सुबह के वक्त कई बच्चे स्कूली ड्रेस में नजर आए। जब उनसे पूछा गया कि आज तो स्कूल बंद है फिर ड्रेस क्यों पहनी। इस पर उन्होंने मासूमियत भरा जवाब दिया कि अंकल, हमें पता ही नहीं था। मम्मी-पापा को भी जानकारी नहीं है। स्कूल बंद है तो हम वापस घर जा रहे हैं। इतना कहने के बाद बच्चे खुशी-खुशी अपने घर लौट गए।

जियामऊ में पुलिस ने ठेला हटवाया

राम मंदिर के फैसले आने के मद्दे नजर राजधानी में सुबह से ही पुलिस प्रशासन काफी सख्त दिखा। फैसला आने से एक घंटे पहले गौतमपल्ली थानाक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले जियामऊ क्षेत्र में सुबह के समय रोड पर लगे ठेले और स्टूडेंट्स और ऑफिस जाने वाले सुबह का चाय और नाश्ता कर रहे थे। आम दिनों की ही तरह इस क्षेत्र के मेन रोड पर चहल पहल काफी थी। सुबह करीब पौने दस बजे गोतमपल्ली थाने की गाड़ी जियामऊ आती है रोड के किनारे लगे सभी चाय और खाने के ठेलों को वहां से हटाना शुरू कर दिया। स्टूडेंट्स का कहना था कि वह रोज यहीं ठेले पर चाय और नाश्ता करते है। ऐसे में अगर पुलिस इनको हटवा देगी तो वह कहां जाएंगे। इसके बाद भी पुलिस ने ठेले मालिकों को फैसला आने से पहले वहां से हट जाने का निर्देश देकर वहां से निकल गए।

Posted By: Inextlive