रमजान के दौरान गरीब और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। तभी अल्लाह की नेमतें आप पर बरसेंगी।


लखनऊ (ब्यूरो)। रमजान का पाक महीना नेकी और इबादत करने का महीना है, जहां आप खुद पर कंट्रोल रखना भी सीखते हैं। इस दौरान गरीब और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। तभी अल्लाह की नेमतें आप पर बरसेंगी।सुन्नी सवाल-जवाबसवाल: अगर किसी को उपहार के तौर पर कुछ दिया, मगर दिल में नियत है कि मैं जकात दे रहा हूं, तो क्या जकात अदा हो जायेगी?जवाब: जी हां, जकात अदा हो जायेगी।सवाल: तरावीह में हर चार रकआत के बाद जो तस्बीह पढ़ी जाती है उसका जोर से पढऩा कैसा है?जवाब: इमाम व मुक्तदी, दोनों के लिए धीरे पढऩा बेहतर है।सवाल: नमाज में तरह-तरह के ख्यालात और वसवसे आते हैं, क्या किया जाए?जवाब: इन वसवसों और ख्यालातों पर अपने जहन को जमने न दिया जाए। अगर नमाज में उन पर जहन ठहर गया तो नमाज फासिद हो जायेगी।


सवाल: किन-किन वक्तों में नमाज नहीं पढ़ी जा सकती?जवाब: सूरज के निकलने के वक्त, वाल के वक्त और जब सूरज डूबते हुए पीला पड़ जाये तो इन वक्तों में नमाज पढऩा मना है।सवाल: किसी शख्स के पास चार पहिया गाड़ी है तो क्या उस गाड़ी पर भी जकात है?जवाब: जो गाड़ी निजी इस्तेमाल के लिए हो उस पर जकात नहीं है।

शिया सवाल-जवाब

सवाल: इस्लाम में हिजाब को वाजिब करार दिया गया है। इस सिलसिले में कुरआन के हवाले से बयान फरमा दें?जवाब: इस्लाम में हिजाब का मतलब सिर छुपाना नहीं है, बल्कि सिर के साथ चेहरे को छुपाना वाजिब है। जैसा कि कुरआने करीम के 24 न। सुरह सुरऐ नूर कि आयत न। 31 में बयान किया गया है। इसके अलावा, इसी सुरह में कई जगह पर परदे को बायान किया गया है।सवाल: क्या फितरा, जकात और सदके का पैसा मस्जिद की मरम्मत में दिया जा सकता है? जवाब: फितरा, जकात और सदके के पैसे को गरीब मोमिन और यतीम को देना बेहतर होगा।सवाल: क्या कजा नमाजे अदा नमाजे जमाअत से पढ़ी जा सकती है?जवाब: कजा नमाजे अदा नमाजे जमाअत से पढ़ी जा सकती है।सवाल: अगर रोजेदार के गले में नाक के जरिए पानी चला जाए तो क्या रोजा टूट जाएगा?जवाब: किसी भी चीज के गले से नीचे जाने से रोजा टूट जाता है अथवा उसका रोजा भी टूट जाएगा।सवाल: इस्लाम में गवाही देने वाले की क्या शर्तें बयान की गई हैं?
जवाब:गवाही देने वाला बालिग, समझदार, आदिल और हलाल जादा हो और जो हराम चीजें है उनको छोड़ता हो और वाजिब को अदा करता हो।

Posted By: Inextlive