Lucknow: शहर की बदहाल ट्रैफिक व्यवस्था पर ट्रैफिक कर्मियों की कमी का रोना रोया जाता है पर जो ट्रैफिक कर्मी मौजूद भी हैं वह भी ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने की जगह अवैध वसूली में जुटे हुए हैं. हम बात कर रहे हैं इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे की. यहां दिनदहाड़े सरेआम वाहनों से अवैध वसूली जारी है. रकम का लालच भी ऐसा कि वसूली करने वाले ट्रैफिक कर्मी अपनी जान भी दांव पर लगाने से गुरेज नहीं कर रहे. वसूली करने वाले ट्रैफिक कर्मियों का दावा है कि इस रकम का बड़ा हिस्सा 'ऊपरÓ भी जाता है. दिलचस्प बात यह है कि वसूली के इस खेल में कॉरपोरेट कल्चर भी अपने पैर पसार चुका है. इसी वजह से 'डेली डिपॉजिटÓ की किचकिच से बचने के लिये एक मुश्त रकम लेकर मंथली पास भी बनाये जा रहे हैं. 24 घंटे चलने वाली इस वसूली पर ऑफिसर्स का मौन वास्तव में चिंता की बात है.

सहायता केन्द्र से चलता है धंधा

रिंग रोड चौराहे पर गुजरने वाले हैवी व्हिकल के ट्रैफिक बिना किसी रोकटोक के निकालने के लिये जानकीपुरम एरिया स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस हेल्प बूथ बनाया गया था। डिपार्टमेंट की मंशा थी कि इस बूथ पर तैनात किये जाने वाले ट्रैफिक कर्मी न सिर्फ यातायात को सुगम बनाये रखेंगे बल्कि इन वाहनों के ट्रैफिक रूल्स के वायलेशन पर भी लगाम लगा सकेंगे। पर, इस ऑफिसर्स की इस मंशा को वहां तैनात किये जाने वाले ट्रैफिक कर्मियों ने ही पलीता लगा दिया। यही ट्रैफिक बूथ अब अवैध वसूली के धंधे का अड्डा बन गया है।

Goods vehicles are soft target

बूथ पर तैनात ट्रैफिक कर्मियों की फौज केवल गुड्स व्हिकल्स यानी ट्रक और मिनी ट्रक को ही अपना शिकार बनाती है। वे इन ट्रकों को चेकिंग के बहाने रोकते हैं और कागज हाथ में आते ही उन्हें लेकर बूथ के भीतर बैठे टीएसआई तक पहुंचा देते हैं। घबराया ड्राइवर जब उस ट्रैफिककर्मी के पीछे-पीछे बूथ में पहुंचता है तो शुरू होता है उसके ट्रक को बंद करने या सीज करने की धमकी देकर डराने का सिलसिला। इसके बाद ट्रक ड्राइवर चाहे जितनी भी मिन्नतें करे लेकिन बिना 'एंट्री फीसÓ दिये उसका आगे बढ़ पाना नामुमकिन है.

वसूली के लिए जान पर खेल जाते हैं

अवैध वसूली से तंग आ चुके ट्रक ड्राइवर अक्सर ट्रैफिक कर्मियों को देखकर अपनी गाड़ी भगाने की कोशिश करते हैं, पर इन ट्रैफिक कर्मियों में वसूली के लिये ट्रकों को रोकने का जुनून भी ऐसा है कि अपनी जान जोखिम में डालने से गुरेज नहीं करते। ट्रकों को रोकने के दौरान यह ट्रैफिक कर्मी इस तरह के स्टंट दिखाते हैं कि बॉलीवुड फिल्मों का हीरो भी अगर इन्हें देखे तो वह भी दांतो तले उंगली दबा ले।

मंथली पास की भी सुविधा

वसूली के इस अवैध कारोबार ने भी कॉरपोरेट कल्चर को अपना लिया है। जो ट्रक लखनऊ रिंग रोड से अक्सर गुजरते हैं उनके लिये मंथली एंट्री पास की सुविधा भी अवेलेबल है। पास का रेट भी ट्रक के टायर्स पर निर्भर करता है। जहां छह टायर के ट्रक के लिये एक महीने का एंट्री पास 520 रुपये में बनता है वहीं, 10 टायर के ट्रक के लिये यही पास 760 रुपये में बनता है। एक बार पास बनवा लेने पर ट्रक ड्राइवर को पूरे महीने लखनऊ की सीमा में कहीं भी कोई वसूली नहीं देनी पड़ती और वह सिर्फ रोके जाने पर यही पास दिखाकर बेरोकटोक आगे बढ़ सकता है।

डयूटी लगाने पर भी वसूली

ट्रैफिक सोर्सेज के मुताबिक, 'मलाईदारÓ मानी जाने वाली रिंग रोड पर ड्यूटी लगवाने के लिये भी इन कॉन्सटेबल्स और होमगार्ड को अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है। हर कॉन्सटेबल को हर रोज 100 रुपये और होमगार्ड को हर रोज 50 रुपये की फीस अदा करनी पड़ती है। इस 'फिक्स चार्जÓ के अलावा टीआई (लाइन), टीएसआई (ड्यूटी) और हवलदार मेजर की 'सेवा-सत्कारÓ का खर्च भी अलग से उठाना पड़ता है.

पहले भी लग चुके हैं दाग

वसूली के अलावा ट्रैफिक कर्मियों पर लूटपाट के भी आरोप लग चुके हैं। अभी जल्द की ही बात है जब गाजीपुर के पॉलिटेक्निक चौराहे पर ट्रैफिक कॉन्सटेबल रंजीत यादव और चंद्रशेखर ने पंजाब के एक ट्रक ड्राइवर को दिनदहाड़े वसूली के लिये रोका था। जब ड्राइवर ने उन्हें वसूली देने से मना किया तो उन लोगों ने ड्राइवर को पीट-पीटकर उसका सिर फोड़ दिया और उसके पास मौजूद 35 हजार रुपये लूटकर फरार हो गये। हंगामा होने पर दोनों आरोपी कॉन्सटेबल्स को सस्पेंड कर दिया गया और उनका ट्रांसफर चुनार कर दिया गया था।

वसूली के चक्कर मे दो ट्रकों के बीच कार दबी

लखीमपुर निवासी विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर राजेश वर्मा वाइफ रीता वर्मा, छोटे भाई दिनेश व दो भतीजे नीरज व अंकित के साथ कार से अपनी ससुराल बाराबंकी जा रहे थे। गुरुवार शाम करीब 6 बजे इंजीनियरिंग कालेज चौराहे पर उनकी कार दो ट्रकों के बीच में चल रही थी, प्रत्यक्षदर्शियो के मुताबिक, इसी दौरान ट्रैफिक का संचालन कर रहा ट्रैफि क कॉन्सटेबल वसूली के लिये अचानक आगे चल रहे ट्रक के सामने आ गया। ड्राइवर को भी अचानक ट्रक रोकना पड़ा। जिस पर कार चला रहे दिनेश ने तो कार को रोक लिया, लेकिन पीछे आ रहे ट्रक ने उनकी कार में जोरदार टक्कर मार दी। इस हादसे में सभी कार सवार बाल-बाल बच गये लेकिन कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। उधर, घटना के बाद आरोपी ट्रैफिक कर्मी मौके से भाग निकला। आसपास के लोगों ने बताया कि वसूली के चलते वहां पर रोज ही इस तरह की घटनायें होती रहती हैं. 

Posted By: Inextlive