पॉश एरिया में भी परेशानी, नहीं मिलता पीने का पानी
लखनऊ (ब्यूरो)। इस्माइलगंज सेकंड वार्ड के अंतर्गत आने वाली दयाल रेजीडेंसी कॉलोनी की बात करें तो इस कॉलोनी में प्लॉटिंग वर्ष 2000 में शुरू हुई थी। 2003 से यहां पर लोगों ने मकान बनाना शुरू किया। लोगों को उम्मीद थी कि नगर निगम की ओर से यहां वाटर लाइन बिछाई जाएगी लेकिन करीब बीस साल गुजर गए वाटर लाइन बिछाना तो दूर, कोई योजना भी नहीं बनी। अब यहां के लोगों को नई शहर सरकार से उम्मीद है कि इस बार उनके एरिया में अमृत योजना के अंतर्गत पेयजल लाइन बिछाने का कार्य किया जाएगा।
सबमर्सिबल के सहारे बुझती प्यास
इस एरिया में करीब 12 हजार की आबादी है। यहां पर लगभग हर घर में सबमर्सिबल लगे हुए हैैं। अगर किसी का सबमर्सिबल खराब हो जाता है तो उसे दो से तीन दिन तक पेयजल संकट का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जल्द वाटर लाइन का प्रोजेक्ट तैयार कर उसे इंप्लीमेंट किया जाए।
20 फीसद इलाकों में समस्या
अब आलमबाग के अंतर्गत आने वाले वार्डों की बात की जाए तो यहां पर करीब 20 फीसद इलाके ऐसे हैैं, जहां पेयजल संकट की समस्या देखने को मिलती है। यहां पर सरकारी सबमर्सिबल तो लगे हैैं लेकिन उनसे लोगों की प्यास नहीं बुझ पाती है। सुबह से ही लोगों को सबमर्सिबल के सामने लाइन लगानी पड़ती है। लोगों का कहना है कि सबमर्सिबल की संख्या बढ़ाई जाए साथ ही शत प्रतिशत घरों में पेयजल कनेक्शन दिए जाएं। जिससे हर व्यक्ति को पर्याप्त और शुद्ध पानी मिल सके।
हाल में ही नगर निगम में 88 गांव शामिल हुए हैैं। इन सभी गांवों को तीन से चार वार्डों में शिफ्ट कर दिया गया है। गांवों को जिन एरिया में शामिल किया गया है, वो सभी नए हैैं। ऐसे में वहां पर अभी तक कोई भी पेयजल लाइन की सुविधा नहीं है। ज्यादातर हैैंडपंप भी सूख चुके हैैं। निगम क्षेत्र में शामिल हुए लोगों का कहना है कि पहले तो हैैंडपंप रिबोर कराए जाएं साथ ही पेयजल लाइन के लिए प्रयास तेज किए जाएं। इन एरिया में भी समस्या
वैसे तो राजधानी के कई और भी एरिया हैैं, जहां अक्सर पेयजल संकट की समस्या सामने आती है। इन इलाकों में मुख्य रूप से सरोजनी नगर, कृष्णानगर, शहीद पथ के दोनों तरफ, वृंदावन कॉलोनी, हरिहर नगर, तकरोही आदि
शुद्ध पेयजल इंतजाम के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। अभी तो स्थिति बेहद चिंताजनक है। पेयजल लाइन न होने से खासी परेशानी होती है। गर्मी में तो स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है।
अभिषेक यादव