- साथियों ने बाइक से लादकर विवेकानंद हॉस्पिटल पहुंचाया

- एक की हालत गंभीर होने पर ट्रामा सेंटर रेफर

- प्रोवोस्ट और यूनिवर्सिटी के किसी अधिकारी ने नहीं उठाया फोन

- स्टूडेंट्स ने की जमकर तोड़फोड़, प्रोवोस्ट का कमरा फूंका

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू) में संडे शाम को सुभाष हॉस्टल के फ‌र्स्ट फ्लोर की रेलिंग टूटने से दो स्टूडेंट्स नीचे गिर पड़े। इससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल स्टूडेंट्स को आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल के कुछ सीनियर स्टूडेंट्स व सुभाष हॉस्टल के मेस संचालक ने बाइक पर लादकर विवेकानंद हॉस्पिटल में एडमिट कराया। इस बीच स्टूडेंट्स द्वारा मदद के लिये एलयू के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को फोन किया गया। मगर किसी ने भी फोन तक नहीं उठाया। हॉस्टल में हुए हादसे से नाराज स्टूडेंट्स ने अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए पूरे परिसर में जमकर तोड़फोड़ करने के साथ प्रोवोस्ट के कमरे में आग लगा दी।

अचानक हुआ हादसा

जानकारी के मुताबिक, विवेकानंद में घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद एक स्टूडेंट की हालत में सुधार नजर आने लगा जबकि दूसरे की हालत गंभीर होने पर ट्रॉमा सेंटर रेफर करना पड़ा। हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स ने बताया कि छात्र यतींद्र कुमार मिश्रा व दुर्गेश बीएससी फ‌र्स्ट इयर के एस्ट्रोनॉमी सब्जेक्ट के स्टूडेंट्स हैं। यतींद्र व दुर्गेश क्रमश: कमरा नंबर 95 व 98 में रहते हैं। रविवार शाम को दोनों फ‌र्स्ट फ्लोर पर बनी रेलिंग के पास खड़े थे। इसी दौरान दोनों में पानी की बोतल के लिए थोड़ी खीचतान हुई। इस दौरान रेलिंग कमजोर होने से वह टूट गई और दोनों करीब 11 फुट नीचे जमीन पर आ गिरे। इस बीच यतींद्र का सिर में चोट आई। कुछ ही देर में स्टूडेंट्स की भीड़ उमड़ पड़ी।

नहीं मिली मदद

स्टूडेंट्स ने इसकी सूचना प्रोवोस्ट प्रो। अरुण कुमार को दी तो उन्होंने बाहर होने की बात कही। इसके बाद स्टूडेंट्स चीफ प्रोवोस्ट समेत दूसरे अधिकारियों को एम्बुलेंस के लिए फोन करने लगे। पर, न तो मौके पर एम्बुलेंस पहुंची और नहीं यूनिवर्सिटी का कोई अधिकारी। ऐसे में आक्रोश्ि1ात स्टूडेंट्स जमकर हंगामा किया।

गेट न खुलने पर गुस्साये

उधर, इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से कोई राहत न मिलने से आक्रोशित स्टूडेंट्स ने जमकर हंगामा किया। भड़के स्टूडेंट्स ने प्रोवोस्ट पर कई आरोप लगाते हुए उनके कमरे का ताला तोड़कर उसमें आग लगा दी। हंगामा कर रहे स्टूडेंट्स का कहना था कि हॉस्टल के मेन गेट पर हर समय ताला लगा रहता है। जब दोनों स्टूडेंट्स गिरे तो उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के लिए गेट फंदाकर लेकर जाना पड़ा। हंगामा कर रहे स्टूडेंट्स ने सबसे पहले मेन गेट का ताला तोड़ा उसके बाद हॉस्टल के अंदर स्थित प्रोवोस्ट के कमरे का ताला तोड़कर उसमें आग लगा दी। साथ ही, पूरे हॉस्टल परिसर में बिजली काटकर सभी बल्ब और ट्यूबलाइट तोड़ दिये। साथ ही, कई कमरों में खिड़की व दरवाजों पर तोड़फोड़ की।

45 िमनट की देरी से पहुंचे अधिकारी

हंगामे के करीब 45 मिनट के बाद यूनिवर्सिटी के अधिकारी मौके पर पहुंचे। मौके पर सबसे पहले प्रो। एसपी त्रिवेदी व एडिशनल प्रॉक्टर प्रो। ओपीशुक्ला पहुंचे। पर, कोई भी हॉस्टल के अंदर जाने की हिम्मत नहीं दिखा सका। वह फोन पर ही दूसरे अधिकारियों को जानकारी देते रहे। काफी देर के बाद चीफ प्रोवोस्ट प्रो। निशी पांडेय हॉस्टल पहुंची। वहां पहुंचकर वह सबसे पहले पुलिस व फायर ब्रिगेड को फोन करती रहीं। वहीं दूसरी ओर यूनिवर्सिटी के अधिकारी बाल्टी में पानी लेकर आग बुझाते रहे।

पुलिस काे हॉस्टल के स्टूडेंट्स ने रोका

हॉस्टल में हंगामे की सूचना चीफ प्रॉक्टर ने हसनगंज थाने को दी। मौके पर पुलिस की पीसीआर वैन व थाने की गाड़ी पहुंची। पर बीरबल साहनी हॉस्टल के पास स्टूडेंट्स ने पुलिस को रोक लिया। स्टूडेंट्स ने पुलिस को कैम्पस के अंदर बिना इजाजत के प्रवेश करने पर नाराजगी जता रहे थे। करीब हंगामे के एक घंटे बाद यूनिवर्सिटी अधिकारियों से बात करने के बाद स्टूडेंट्स ने पुलिस को हॉस्टल के तरफ जाने दिया।

Posted By: Inextlive