- जिम्मेदार सिर्फ अतिक्रमण हटाने का वादा कर भूल जाते हैं कार्रवाई करना

- नगर निगम की इस सुस्त प्रक्रिया से आम आदमी डेली जूझ रहा ट्रैफिक जाम से

LUCKNOW: इंक्रोचमेंट को लेकर हाईकोर्ट का आदेश हो या फिर नगर विकास मंत्री आजम खां की नाराजगी। नगर निगम के लिए इसके कोई मायने नहीं हैं। पूरे शहर में इंक्रोचमेंट का जंगल बिछा है। नगर निगम समय-समय पर रोस्टर भी तैयार करता है। इसके बावजदू मेयर और नगर आयुक्त शहर की दुर्दशा के प्रति उदासीन बने हुए हैं। अब देखते हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों की नींद कब टूटती है।

रस्म अदायगी

शहर में कई स्पॉट ऐसे हैं जिनकी वजह से पूरा शहर परेशान है। नगर निगम के अधिकारी भी इन्हीं रास्तों से रोज गुजरते हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल रस्म अदायगी ही होती है। अब निशातगंज का उदाहरण ही लें तो यहां लगी फल मंडी को हटाने की हिम्मत कोई नहीं जुटा सका। अमीनाबाद में भी फुटपाथ पर व्यापारी कब्जा जमाए हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि चुनाव करीब है। इसलिए सरकार किसी तबके को नाराज नहीं करना चाहती। खासतौर से व्यापारियों को। यही वजह है कि नगर निगम बीच का रास्ता निकाल रहा है।

इंक्रोचमेंट हटाने के लिए रोस्टर तैयार किया गया है। रोस्टर के हिसाब से ही कार्रवाई की जाती है। इसके लिए करीब डेढ़ महीने लग जाते हैं। पुलिस बल की व्यवस्था के लिए एसएसपी को पत्र लिखना पड़ता है। कभी-कभी पुलिस नहीं मिलती है। इस वजह से अभियान तेजी नहीं पकड़ पाता। आचार संहिता लागू होने के बाद यह देखा जाएगा कि इंक्रोचमेंट हटाने में कोई द्वेष भावना तो नहंी है।

- डॉ। दिनेश शर्मा

मेयर

Posted By: Inextlive