राजधानी में डेंगू से मौत का पहला मामला सामने आया है। जहां ठाकुरगंज के एक निजी अस्पातल में भर्ती छात्र की शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। वो बीते चार दिन से भर्ती था। मरीज के प्लेटलेट्स गिरने की वजह से उसकी हालत खराब होने पर डॉक्टर्स ने उसे वेंटिलेटर पर भर्ती किया। मगर उसकी जान नहीं बच सकी। वहीं परिजनों ने अस्पातल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही और इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाया है।

लखनऊ (ब्यूरो)। ठाकुरगंज अंबरगंज का रहने वाले 19 वर्षीय युवक जहूर आलम को करीब हफ्ते पहले तेज बुखार पर पास की क्लीनिक से दवा लेकर इलाज चला, जिसके बाद परिजन बीते 3 अक्टूबर को उसे लेकर अस्पताल दिखाने गये। लेकिन, इलाज से फायदा नहीं होने पर दूसरे बड़े निजी अस्पताल ले गये। जहां जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर उसे भर्ती कर लिया, लेकिन मरीज की प्लेटलेट्स लगातार गिरती चली जा रही थी। मरीज की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा। करीब चार दिन तक वेंटीलेटर पर रहने के बाद शनिवार को उसकी मौत हो गई। भाई आलम का आरोप है इलाज में लापरवाही से मरीज की जान चली गई। बताया गया कि इलाज के नाम करीब तीन लाख रुपए वसूल लिए गए।

डेंगू के नौ मरीज भर्ती
शहर के सरकारी अस्पतालों में रविवार को डेंगू के नौ मरीज भर्ती हुए हैं। लोकबंधु अस्पताल में चार, सिविल अस्पताल में दो और बलरामपुर अस्पताल में तीन मरीजों को भर्ती किया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि कुछ मरीजों के प्लेटलेट्स कम आए हैं। उन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाई जा रही है। बाकी मरीजों की स्थिति सामान्य है।


डेंगू से मौत का मामला संज्ञान में नहीं है। इसकी जांच कराई जाएगी। अगर मौत डेंगू से हुई है तो सरकारी आंकड़ों में दर्ज कराया जायेगा।
डॉ मनोज अग्रवाल, सीएमओ

Posted By: Inextlive