गाजियाबाद जेल में बना प्लान
गंगानगर पुलिस ने नकली करेंसी बनाने वाले गैंग को दबोचा, एसपी देहात ने प्रेसवार्ता में किया खुलासा
गाजियाबाद जेल में बंद केरल निवासी प्रशांत ने विनोद व सिकंदर के साथ बनाया था नकली नोट छापने का प्लान आरोपियों के कब्जे से छापे गए नकली साढ़े पांच लाख रूपये की करेंसी बरामद, कलर प्रिटर समेत कई उपकरण भी मिलेMeerut। गंगानगर पुलिस नकली करेंसी छापने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने मां-बेटी समेत चार आरोपियों को बक्सर चौराहे से गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से पुलिस ने पांच लाख 42 हजार रूपये की नकली करेंसी समेत 97 हजार अर्धनिíमत नकली नोट व प्रिंटर व अन्य सामग्री बरामद की है। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि गाजियाबाद जेल में बंद मुख्य आरोपी ही के इशारे पर नकली करेंसी का पूरा नेटवर्क ऑपरेट हो रहा था। अब तक कहां-कहां कितनी नकली करेंसी खपाई गई है, पुलिस इस मामले की जांच-पड़ताल में जुट गई है।
प्रेसवार्ता में खुलासापुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि सोमवार को बक्सर चौराहे पर पुलिस टीम ने चेकिंग के दौरान नकली नोटो के साथ सुमन पत्नी सुभाष और उसकी बेटी माही निवासी ग्राम सिखैड़ा इंचौली को गिरफ्तार किया। जिनके कब्जे से नकली करेंसी बरामद की गई। इनकी निशानदेही पर सुभाषनगर में किराए के मकान से रोबिन पुत्र जयपाल निवासी सिवाया दौराला, सिकंदर पुत्र राजपाल निवासी पिलखुवा हापुड़ को गिरफ्तार किया। पुलिस ने सुमन, माही, रोबिन और सिकंदर को हिरासत में लेकर पूछताछ करनी शुरू कर दी।
जेल में बना प्लान आरोपियों से पूछताछ के आधार पर एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि सरगना प्रशांत उर्फ विराट पुत्र पदम सिंह मूल रुप से पुदिया गांव थाना मदिलकम जनपद त्रिशूर राज्य केरल का मूल निवासी है। वह करीब चार वर्ष पूर्व केरल से भागकर गाजियाबाद आ गया था। गाजियाबाद मे भी किराए का मकान लेकर नकली नोटों का कार्य उसने शुरू किया था। प्रशांत नकली नोटो के मामले में खरखौदा, सिंभावली, कवि नगर गाजियाबाद से पहले जेल जा चुका है। वर्तमान में भी वह गाजियाबाद जेल में बंद है। करीब ढाई वर्ष पहले सिहानी गेट गाजियाबाद से नकली नोट प्रकरण में ही वह जेल गया था। जेल मे ही उसकी मुलाकात विनोद व सिकंदर से हुई थी। आरोपी सिकंदर थाना पिलखुवा हापुड़ का हिस्ट्रीशीटर है। इतना ही नहीं यहीं तीनों ने नकली नोट छापने का प्लान भी बनाया था। स्कैन कर बनाई डाईजेल से बाहर आने के बाद प्रशांत ने विनोद और सिकंदर से संपर्क साधा। नकली नोट छापने के प्लान में विनोद ने अपने रिश्तेदार रॉबिन को भी शामिल कर लिया। इसके बाद सबने मिलकर कलर प्रिंटर पर अलग-अलग असली नोटों को स्कैन कर डाई बनाई। डमी फाइनल होने के बाद आरोपियों ने 2000, 500, 200 और 100 रुपये के नकली नोट तैयार कर खपाने शुरू कर दिए। नोटों को जिले के बाजार और दिल्ली-एनसीआर में खपाने के लिए सुमन और उसकी बेटी माही को गैंग में शामिल किया गया था।
गिरफ्तार आरोपी 1. रोबिन उर्फ मुकेश पुत्र जयपाल निवासी ग्राम सिवाया दौराला। 2. सिकंदर उर्फ सतेंद्र पुत्र राजपाल निवासी आर्यनगर पिलखुवा थाना पिलखुवा हापुड़। 3. सुमन पत्नी सुभाष निवासी ग्राम सिखैडा इंचौली। 4. माही पुत्री सुभाष निवासी ग्राम सिखैडा इंचौली। वांछित आरोपी 1. विनोद पुत्र चंद्रपाल निवासी ग्राम सिखैड़ा इंचौली 2. प्रशांत उर्फ विराट पुत्र पदम सिह निवासी पुदिया गांव थाना मदिलकम जनपद त्रिशूर केरल, वर्तमान पता 954 गंगाटावर कवि नगर जनपद गाजियाबाद। यह हुआ बरामद 1. 2000 रुपये के 115 नकली नोट कुल 2लाख 30 हजार रुपये 2. 500 रुपये के 574 नकली नोट कुल 2 लाख 87 हजार रुपये 3. 200 रुपये के 69 नकल नोट कुल 13हजार 800 रुपये4. रुपये के 116 नकली नोट कुल 11 हजार 600 रुपये
5. अर्धनिíमति 2000 के 33 नकली नोट कुल 66000 रुपये
6. अर्धनिíमति 500 के 63 नकली नोट कुल 31हजार 500 रुपये 7. एक कलर प्रिंटर 8. 3 हरी चमकीली सेलो टेप, 4 कटर, 2 स्केल, सफेद पेपर, शीशा 9. असली नोटों से 2000-2000 के नोटो के कलर प्रिंट तैयार करने की डाई 10. असली नोटो से 500-500 के नोटो के कलर प्रिंट तैयार करने की डाई