Meerut : आपके कीमती सामान पर लुटेरों की निगाहें लगी हैैं. आपका कैश आपकी ज्वैलरी. इनके पास सबकी खबर है. ये किसी भी रूप में आपको सडक़ों पर मिल जाएंगे. गिरोह के मेंबर केवल लूटपाट नहीं करते बल्कि मर्डर करने में भी आगे रहते हैं. बाबरिया गैग ने ज्वैलरी के लिए डॉ. सुमन की मर्डर कर शव नहर में फेंक दिया. आप भी सावधान रहें. मेरठ में एक्टिव गैग्स की मॉडस आपरेंडी को समझें. आपकी सजगता ही अपराध को कम कर सकती है.


शहर की हर सडक़ पर मौजूद है लुटेरे  शहर की सडक़ों पर आपको लूटने के लिए नए-नए गैंग पनप रहे हैं, जो पलक झपकते ही आपके माल को उड़ा ले जाते हैं। आपको बेवकूफ बनाकर आपका माल हड़प लेते हैं। बैंक से रुपए निकालकर लाते हैं तो लूटकर ले जाते हैं। गाड़ी में जा रहे हैं तो ठक-ठक की आवाज आती है और आपका माल साफ हो जाता है। गाड़ी में बैठे जा रहे हैं तो गले की चेन गायब हो जाती है। आपको बेहोश करके माल साफ कर जाते हैं। ऐसे ही कई गैंग के बारे में आपको अवगत करा रहे हैं। ताकि आप सावधान रहें और सुरक्षित भी।ठक-ठक गैंग


इस गैंग के बदमाश आपकी गाड़ी की खिडक़ी पर ठक-ठक की आवाज करते हैं। आपकी नजर उस ओर जाती है और पलक झपकते ही गैंग का मेंबर कार के अंदर रखे माल पर हाथ साफ कर जाता है। मोबाइल, पर्स या फिर बैग पर इनकी नजर होती है। दर्जनों वारदातें शहर में हो चुकी हैं। इसी गैंग ने एक्स एमएलए की रिवाल्वर और पूरा बैग गायब कर दिया था। जिसको परतापुर पुलिस ने बरामद किया था।

- 7 मई 2013 को मोदीनगर चांदनी चौक के पास सर्राफ की कार से साठ लाख रुपयों से भरा बैग ठक-ठक गिरोह ने गायब कर दिया था।- 12 अप्रैल 2013 को रामबाग कॉलोनी के असिस्टेंट कमिश्नर के बेटे की कार से ठक-ठक गैंग के सदस्यों ने केसरगंज के पास से पर्स और मोबाई गायब कर दिया था।बैंक लूट गैंगयह गैंग ऐसे लोगों पर नजर रखते हैं जो बैंक आते-जाते हैं। इस गैंग के मेंबर बैंक के आसपास ही मंडराते रहते हैं। जो बुजुर्ग या फिर रुपए निकालकर ले जाने वाले लोगों को निशाना बनाते हैं। जैसे ही व्यक्ति बैंक से रुपया निकालकर चलता है उसके पीछे लग लेते हैं। फिर मौका मिलते ही वारदात को अंजाम दे देते हैं। जानी में कुछ दिन पहले एक रिटायर फौजी से इस गैंग ने लूट की वारदात को अंजाम दिया था। - 31 मई 2013 को जानी थाना क्षेत्र में एक रिटायर फौजी से बाइक सवार लुटेरों ने लूट कर ली थी। ये लुटेरे बैंक से पैसा लेकर निकलने वालों को ही निशाना बनाते हैं।रिक्शा गैंग

शहर में कुछ ऐसे रिक्शा चालक गैंग है जो नशे में धुत लोगों को रिक्शे में बैठाते हैं। इसके बाद सुनसान जगह पर मौका देखकर उसकी जेब से रुपए व अन्य सामान साफ कर देते हैं। विरोध करने वाले को मार भी देते हैं। एक रिक्शा गैंग ऐसा भी है जो रात को निकलते हैं। इसके मेंबर किसी व्यक्ति को अपने रिक्शे में बैठाते हैं और सुनसान जगह पर चेन उतरने का बहाना बनाते हैं। फिर अपने साथियों संग उसके साथ लूट की वारदात को अंजाम देते हैं।- 26 नवंबर 2012 को बेगमबाग में एक नशे में धुत सिपाही को रिक्शा चालक ने लूटकर फेंक दिया।हाथ की सफाई वाला गैंगयह गैंग कॉलोनियों में, गली और मोहल्लों में सक्रिय हैं। जो घर-घर जाकर लोगों को उनके जेवरात चमकाने के काम करते हैं। इनके चक्कर में महिलाएं अधिक आती हैं। जो साफ सफाई के लिए जेवरात देती हैं और ये बदमाश नकली माल हाथ में थमा जाते हैं। शहर में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं। इस गिरोह के मेंबर नकली नोट की गड्डी देकर असली ले जाते हैं। या फिर दुगुना करने का झांसा देकर असली लेकर फरार हो जाते हैं।- 15 जून 2012 को कोतवाली के छीपीवाड़ा में युवतियों के गिरोह ने एक महिला का स्क्रेच कूपन में टीवी निकाला और गले मिलकर बधाई दी। इसके साथ ही महिला के कानों के कुंडल गायब भी कर दिए गए।वर्दी वाला गैंग
यह गैंग शहर की सडक़ों पर अब तक ना जाने कितनी महिलाओं को अपना शिकार बना चुका है। वर्दी पहनकर खड़े होते हैं और जेवरात पहनी महिलाओं को वारदात का हवाला देते हुए डराते हैं। फिर उनके जेवरात उतरवा लेते हैं। उनके जेवरात कागज या किसी कपड़े में लपेटकर देते है। जो नकली होते हैं। कई जगह वर्दी पहने हुए लोग आते-जाते लोगों को रोकते हैं और डरा धमकाकर लूटपाट करते हैं।- 10 जून 2013 में नौचंदी क्षेत्र के बैंक कॉलोनी में खाकीधारी बदमाशों ने चाकू दिखाकर जेवरात लूट लिए थे।चेन गायबइस गैंग में महिलाएं और पुरुष दोनों होते हैं। इस गैंग के मेंबर टेंपो, बस और रिक्शे में किसी के साथ बैठते हैं। जैसे ही कहीं स्पीड ब्रेकर या फिर कोई गड्ढा आता है और गदकी लगती है ये अपना काम कर जाते हैं। पास में बैठे किसी भी व्यक्ति के गले से चेन गायब कर देते हैं और पड़ोसी को पता भी नहीं चलता। जब गले पर हाथ जाता है तो चेन गायब होने का पता चलता है। इस गैंग की एक महिला लुटेरों की लिस्ट में शामिल है।- 23 मई 2013 को रेलवे रोड चौराहे के पास टेंपो सवार महिला की चेन साफ कर दी गई थी। जहरखुरानी गैंग
यह गैंग लोगों को ट्रेवल के दौरान निशाना बनाता है। जो खाने-पीने की चीज में कुछ मिला देते हैं और फिर बेहोश होने पर यात्री को लूट लेते हैं। ऐसी घटनाएं ट्रेनों में, बसों में और रिक्शे तक में होती हैं। ऐसे में पहले ही सावधान कर दिया जाता है कि कोई किसी की दी गई चीजें ना खाएं। ये जहरखुरानी गिरोह के हो सकते हैं। जहरखुरानी गिरोह के सदस्यों ने कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है।- 13 अगस्त 2012 को शालीमार ट्रेन में जम्मू ड्यूटी पर जा रहे एक फौजी को जहरखुरानी गिरोह ने नशीला पानी पिलाकर लूट लिया था। जिसके पास से कैश और अन्य सामान भी लूट लिया गया था।ये भी हैं गैंगसडक़ों पर और टक्कर मारने के बाद झगड़ा करके माल गायब करने वाले गैंग भी हैं। जो अपनी गाडिय़ां किसी की गाड़ी से टकराते हैं। जिससे टक्कर लगती है उसको बाहर निकालते हैं और झगड़ा करते हैं। इस दौरान भीड़ इक_ा होती है। जिसका फायदा उठाकर ये गाड़ी के अंदर रखे माल पर हाथ साफ कर जाते हैं। हाइवे पर लोगों को लूटने वाले गिरोह से लेकर सडक़ों पर चेन लूट करने वाले गिरोह सक्रिय हैं।

Posted By: Inextlive