कैंट में टेंडर के 'नेटवर्क' से ही दूर कंपनियां
कुछ टेलीकॉम कंपनियों ने टॉवर टेंडर प्रक्रिया के तहत डाली थीं कुटेशन
टेंडर प्रक्रिया में दिलचस्पी नहीं दिखा रही कंपनियां Meerut। कैंट बोर्ड ने कैंटवासियों को इस साल दिवाली तक मोबाइल नेटवर्क देने का फैसला लिया था, जिसमें टेलीकॉम कंपनियों को कैंट क्षेत्र में टावर लगाने थे, लेकिन कंपनियां इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। जिससे कैंट बोर्ड के फैसले पर फिलहाल प्रश्न चिन्ह लगता नजर आ रहा है। यह है मामला दरअसल, कैंट क्षेत्र में टॉवर लगाने के लिए कैंट बोर्ड ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर टेलीकॉम कंपनियों से कुटेशन मांगी थी। जिसमें कुछ कंपनियों कुटेशन डाली भी थी लेकिन कमाई के आसार नजर न आने की वजह से बाद में उन्होंने अपने हाथ पीछे खींच लिए। नहीं आते नेटवर्ककैंट एरिया में प्रवेश करते ही मोबाइल से नेटवर्क गायब होने लगते हैं। जिस कारण यहां रहने वाले लोगों को बहुत परेशानी होती है। इसको ध्यान में रखते हुए ही कैंट बोर्ड ने कैंट एरिया में काउ टावर और मोबाइल टावर लगाने का फैसला लिया था।
ऐसे काम करेगा काऊकम्यूनिकेशन ऑन व्हील्स यानि काऊ योजना के अंर्तगत मोबाइल कंपनियां छोटे टॉवर लगी अपनी मोबाइल गाडि़यों को कैंट बोर्ड की ओर से चिंहित जगहों पर खड़ा करेंगी। जिसके जरिए कैंट के डीप एरिया में भी नेटवर्क सिग्नल आएंगे।
टेलीकॉम कंपनियां टेंडर प्रक्रिया में रुचि नहीं ले रही हैं। जिसके कारण कैंट में टावर लगने का काम अटका हुआ है। जल्द से जल्द इस परेशानी को हल करके काम को शुरू किया जाएगा। अनुज सिंह, सीईई, कैंट बोर्ड बहुत समय से यह बात हो रही है कि टावर लगाए जाएंगे लेकिन अभी तक ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा। कैंट अगर काउ वैन ही शुरू करवा दे तो नेटवर्क की समस्या कुछ हद तक तो हल होगी। सीडी शर्मा कैंट में जाते ही नेटवर्क की समस्या अब आम बात हो गई है। कैंट बोर्ड को नेटवर्क की समस्या पर तेजी से काम करना चाहिए। हालांकि ऐसा हो नहीं रहा है। सुमित कैंट में टावर की समस्या हल हो जाने का मतलब है कि सभी कैंटवासियों ने गंगास्नान कर लिया। कैंट बोर्ड तो पिछले कई सालों से कैंट में नेटवर्क की समस्या दूर करने का दावा कर रहा है। राहुल