प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आ रही सामने, संक्त्रमित मिलने के बाद भी बेगमबाग नहीं हुआ सील

बेगमबाग, आदर्शनगर और देवलोक कालोनी में संक्रमित मरीजों के परिजनों व संपर्क में आने वालो की नहीं हो रही टेस्टिंग

Meerut । एक तरफ शासन कोरोना की चेन ब्रेक करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है। मगर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते न केवल जिले में संक्त्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ रहा है, बल्कि कोरोना से होने वाली मौतों का सिलसिला भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, जिले के जिन इलाकों में कोरोना के मरीज पाए जा रहे हैं, वहां न तो संक्त्रमित मरीज के परिजनों की टेस्टिंग हो रही है, न ही इलाके में मरीज संपर्क में आए लोगों की। बेगमबाग, आदर्शनगर और देवलोक कालोनी इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। यहां कोरोना के मरीज पाए जाने के बाद भी उनके संपर्क में आए लोगों और परिजनों की टेस्टिंग तक नहीं हुई है। इससे साफ है कि शासन तो कोरोना को लेकर सजग है लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी को लेकर अलर्ट नहीं दिखाई दे रहे हैं।

बेगमबाग नहीं हुआ सील

बेगमबाग मस्जिद वाली गली में एक कोरोना का मरीज तीन दिन पहले निकला था। फिलहाल मरीज का उपचार चल रहा है। बेगमबाग के लोगों की मानें तो अभी तक मरीज के संपर्क में आए लोगों और परिजनों की कोरोना जांच तक नहीं हो सकी है। इस बाबत पटेल नगर भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष और दवा व्यापारी बलराज गुप्ता ने प्रशासनिक अधिकारियों को फोन करके भी जानकारी दी। मगर इसके बाद भी कोई भी टीम ने यहां सैंपलिंग के लिए नहीं आई। इतना ही नहीं संक्त्रमित मरीज मिलने के बावजूद इस एरिया को सील तक नहीं किया गया है।

आदर्शनगर में सैंपलिंग नहीं

आदर्शनगर में कोरोना के मरीज को मिले करीब एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है। यहीं नहीं मरीज की संक्त्रमण के कारण मौत भी हो गई है। मगर अभी तक स्वास्थ्य विभाग की ओर से न तो मृतक मरीज के परिवार के लोगों की सैंपलिंग की गई है और न ही मरीज के संपर्क में रहे लोगों की। हालांकि संक्त्रमित मरीज के बेटे और पत्नी ने अपनी प्राइवेट लैब से अपनी जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। मगर मरीज कई लोगों के संपर्क में था, जिसके चलते स्थानीय निवासियों में उनकी स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच न कराए जाने की बात को लेकर आक्त्रोश है। आदर्शनगर में रहने वाले करुणेश शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्त्रमण तेजी से फैल रहा है, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम लापरवाही बरत रही है। इस संबंध में सेक्टर मजिस्ट्रेट से भी जांच कराने के लिए कहा गया लेकिन अभी तक जांच नहीं हो सकी है।

देवलोक कालोनी में टेस्टिंग नहीं

देवलोक कालोनी में भी कोरोना के कई मरीज मिलने के बावजूद यहां स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का ढुलमुल रवैया देखने को मिल रहा है। ये कहना है यहां के स्थानीय निवासी महेश का। महेश की मानें तो कोरोना के मरीजों के संपर्क में आए लोगों की जांच भी अभी तक नहीं की गई है। देवलोक कालोनी में अब तक एक ही परिवार के तीन लोगों कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं। इस परिवार के लोगों का आसापास के लोगों से भी मिलना-जुलना था, लेकिन अभी तक यहां कोरोना की चेन ब्रेक करने के नाम पर किसी की टेस्टिंग तक नहीं की गई है, जबकि परिवावालो के संपर्क में आए सभी लोगों सैंपलिंग की मांग कर रहे हैं।

पांच दिन का है पीरियड

स्वास्थ्य विभाग पांच दिन के अंदर कोरोना के संपर्क में आए मरीजों की जांच करता है। मगर कई कालोनी ऐसी हैं, जहां पर पांच दिन से अधिक का समय बीत गया है और जांच शरू नहीं की गई है। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की इससे ज्यादा लापरवाही और क्या हो सकती है।

जहां कोरोना का मरीज मिला है, वहां का एरिया सील होना बहुत जरूरी है। यदि सैंपलिंग भी नहीं की जा रही है तो भी गलत है। इस संबंध में संबंधित मजिस्ट्रेट और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी।

अजय तिवारी, एडीएम सिटी

Posted By: Inextlive