-हर माह कर रहे लाखों की कमाई, सरकार को फूटी कौड़ी तक नहीं
-बाहर दिखा रहे निजी घर, अंदर चल रहे हॉस्टल, सरकार को लगा रहे चूना

देहरादून, (ब्यूरो): जाहिर है देशभर से दून पढऩे वाले या नौकरी करने वाले युवाओं से ऐसे संचालक हर माह मोटी रकम वसूल रहे हैं और सरकार के करोड़ों का टैक्स भी चोरी कर रहे हैं। इन पर पुलिस-प्रशासन का भी कोई नियंत्रण है, जिससे यह कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 5-6 साल में ऐसे हॉस्टल और गेस्ट हाउस की संख्या दो से तीन गुना बढ़ी है।

मनमाने तरीके से वसूल रहे पैसे
ये हॉस्टल व पीजी खाने के साथ 10 हजार रुपये से लेकर 20 हजार तक मनमाने तरीके से मंथली प्रति व्यक्ति वसूल रहे हैं। एक-एक कमरे में दो से लेकर पांच-पांच स्टूडेंट्स ठूंसे जा रहे हैं। यहीं नहीं आवासीय भवनों में कॉमर्शियल गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिससे करोड़ों की कॉमर्शियल टैक्स की भी चोरी हो रही है।

3000 से अधिक हॉस्टल-पेइंग गेस्ट
जानकारों से मानें तो दून में हॉस्टल व पेइंग गेस्ट की संख्या 3000 से अधिक है। इन पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है। मनमानी तरीके से स्टूडेंट्स किराया वसूला जा रहा है। खाने के नाम पर भारी भरकम राशि ली जा रही है। खाना किसी क्वालिटी का परोसा जा रहा है, इसे कोई देखना वाला नहीं है। सिटी के हर इलाके में खुलेआम पेइंग गेस्ट और हॉस्टल चल रहे हैं। शिक्षण संस्थानों के आस-पास तमाम पेइंग गेस्ट चल रहे हैं। कई स्कूल-कॉलेज भी खुद हॉस्टल चला रहे हैं, लेकिन इनका भी कहीं कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है।

900 होटल रजिस्टर
दून में तकरीबन 900 होटल व गेस्ट हाउस पर्यटन विभाग में पंजीकृत है। बताया जा रहा है कि कई ऐसे होटल व गेस्ट हाउस चल रहे जिनका अभी तक पंजीकरण नहीं है। जिला पर्यटन अधिकारी ने बताया कि पर्यटन विभाग होटल और होम स्टे का रजिस्ट्रेशन करता है। पेइंग गेस्ट का उनके यहां रजिस्टे्रशन नहीं किया जाता है। एमडीडीए और नगर निगम का भी यही कहना है। पुलिस-प्रशासन का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर हॉस्टल व पेइंग गेस्ट किसके भरोसे चल हैं।

इन इलाकों में सर्वाधिक हॉस्टल-पीजी
-नेहरू कॉलोनी
-धर्मपुर
-हरिद्वार बाईपास रोड
-केदारपुरम
-डिफेंस कॉलोनी
-राजपुर रोड
-मसूरी रोड
-जाखन
-सहस्रधारा रोड
-टर्नर रोड
-सुभाष नगर
-क्लेमेंटटाउन
-डालनवाला
-वसंत विहार
-देहराखास
-बंजारावाला
-पटेलनगर
-चकराता रोड
-प्रेमनगर
-सुद्धोवाला
-झाझरा
-सेलाकुई

सुरक्षा न कोई वैरीफिकेशन
मनमाने तरीके से चल रहे हॉस्टल व पेइंग गेस्ट में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। कई पेइंग गेस्ट हाउस तीन-तीन और पांच-पांच मंजिला है। कहीं कोई सुरक्षा गार्ड नहीं है। कोई दुर्घटना हो जाए, तो कौन जिम्मेदार रहेगा। खास बात यह है कि इन पेइंग गेस्ट में लड़के-लड़कियां दोनों रहते हैं। पुलिस का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है।

क्लेमेंटटाउन घटना के बाद भी नहीं टूटी नींद
हाल ही में क्लेमेंटटाउन में एक पेइंग गेस्ट में एक लड़की ने आत्महत्या की। इस घटना के बाद भी पुलिस-प्रशासन की नींद नहीं टूटी है। पेइंग गेस्ट के लिए नियम तो है लेकिन नियमों का कोई पालन नहीं कराया जा रहा है। पुलिस भी पेइंग गेस्ट में रहने वाला का कोई वैरिफिकेशन नहीं करती है। इसलिए प्रशासन के पास कोई जानकारी नहीं कि यहां किस प्रदेश के कितने स्टूडेंट्स है।

करोड़ों की टैक्स चोरी
सैकड़ों की तादाद में हॉस्टल व पीजी करोड़ों रुपये की टैक्स की भी चोरी कर रहे हैं। वर्ष 2019 में तत्कालीन नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने शिकंजा कसते हुए हॉस्टल व पीजी पर कॉमर्शियल टैक्स लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन ये निर्देश भी 5 साल बाद धरातल पर नहीं उतर सके। नगर निगम की आखिरी बोर्ड बैठक में यह प्रस्ताव रखा गया, लेकिन इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

ऐसे हो रहा खेल
-बाहरी प्रदेशों के स्टूडेंट््स रह रहे हॉस्टल व पीजी में
-मनमाने तरीके से 10 हजार से 20 हजार तक वसूल रहे मंथली
-3000 से अधिक बताई जा रही हॉस्टल-पीजी की संख्या
-पुलिस-प्रशासन का नहीं है इन पर कोई कंट्रोल
-नगर निगम की भी नहीं टूट रही नींद, क्लेमेंटटाउन प्रकरण से भी नहीं लिया सबक
-सरकार को भी लग रहा करोड़ों के टैक्स का चूना
-राज्य गठन के 23 साल बाद भी हॉस्टल व पीजी के रजिस्ट्रेशन की कोई व्यवस्था नहीं
-हॉस्टल व पीजी के लिए कानून बनाने की हो रही मांग

वास्तव में यह गंभीर मामला है। पूर्व में क्या हुआ इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन आवासीय परिसर में चल रहे हॉस्टल व पीजी से कॉमर्शियल टैक्स लिया जाएगा। इसके लिए शीघ्र सर्वे शुरू किया जाएगा।
गौरव कुमार, नगर आयुक्त, दून