दोपहर तक भटकते रहे मरीज
-हड़ताल के चलते 12 बजे के बाद खुली इमरजेंसी
- चेतावनी, पीएमएस कोटा खत्म होने तक जारी रहेगी स्ट्राइक Meerut : हड़ताल की वजह से दिन भर मरीज चक्कर लगाते रहे। दिन के 12 बजे तक तो जूनियर डॉक्टर्स ने इमरजेंसी सेवा भी पूरी तरह ठप रखी, लेकिन उसके बाद इमरजेंसी सेवा शुरू करा दी गई थी। नहीं देखेंगे मरीज जूनियर डॉक्टर अंकित ने चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे साथ लगातार भेदभाव हो रहा है। हम मेहनत से पढाई करके यहां तक पहुंचे हैं। उसके बाद भी पीएमएस कोटा लागू कर दिया गया। जब तक पीएमएस कोटा समाप्त नहीं होता उनकी हड़ताल चालू रहेगी। यह हड़ताल प्रदेश व्यापी है, जिसे लखनऊ से निर्णय होने के बाद ही बंद किया जाएगा। छह माह में तीन बार हड़ताल - 20 दिसंबर 2015 को सुरक्षा को लेकर जूनियर हड़ताल पर गए थे-3 मई 2016 को कर्मचारियों से विवाद के चलते डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे
-31 मई 2016 को पीएमएस के खिलाफ जूनियर हड़ताल पर शाहिद मंजूर ने दी थी हिदायतएमआरआई मशीन के उद्घाटन के दौरान कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर ने मेडिकल प्रशासन को सख्त हिदायत दी थी, उन्होंने कहा था कि जब भी अखबार में पढ़ता हूं। मेडिकल की नकारात्मक खबर ही आती है। कुछ अच्छा काम करके अखबारों में छपो तो बहुत अच्छा।
कई जिलों को करती है हड़ताल प्रभावित - बुलंदशहर, बिजनौर, मुज्जफरनगर, बागपत, हापुड़, सहारनुपर, अमरोहा, आदि जिलों के मरीज उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज ही पहुंचते हैं। इन सुविधाओं से परिपूर्ण है मेडिकल कालेज -अव्वल दर्जे का आईसीयू -सीसीयू -डायलेसिस सुविधा -एमआरआई -ट्यूमर सर्जरी आखिर क्यों नहीं होती कार्रवाई पिछली बार जब जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर गए थे, तो प्रिंसिपल केके गुप्ता ने चेतावनी दी थी कि यदि डॉक्टर हड़ताल से वापस नहीं आए तो उनकी शिकायत एस्मा से की जाएगी, लेकिन उसके बाद तीन बार डॉक्टर हड़ताल पर जा चुके हैं। लेकिन कोई कार्रवाई जूनियर के खिलाफ नहीं होती। बार-बार हड़ताल पर जाना वास्तव में चिंताजनक है। इसकी एस्मा से शिकायत की जाएगी। साथ ही अब जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ सख्ती दिखाई जाएगी। -डॉ। केके गुप्ता, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज इमरजेंसी सेवा को बंद नहीं होने दिया था। कुछ ही देर में इमरजेंसी खुलवा दी थी। आज एक दर्जन से ज्यादा रजिस्ट्रेशन इमरजेंसी में हुए हैं। -डॉ। विभू साहनी, सीएमएस मेडिकल अस्पताल