- मेडिकल कॉलेज में काम पर लौटे जूनियर डॉक्टर्स

- ओपीडी में रोजाना की तरह देखे गए सैकड़ों मरीज

- मरीजों के हित को देखते हुए खत्म की गई हड़ताल

Meerut: मेडिकल कॉलेज में दो दिनों से चली आ रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को खत्म हो गई। हड़ताल खत्म करने से पहले डॉक्टर्स और प्रिंसिपल के बीच वार्ता भी हुई। काफी देर तक चली वार्ता के बाद मरीजों के हित को देखते हुए जूनियर डॉक्टरों ने काम पर लौटने का निर्णय लिया। जिसके बाद कॉलेज में पर्च भी कटने लगे और ओपीडी में मरीजों को देखा गया।

आरक्षण के थे खिलाफ

यूपीपीजीएमईई की काउंसिलिंग में प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग के चिकित्सकों को दिए गए 30 प्रतिशत के आरक्षण के खिलाफ जूनियर और प्रशिक्षु डॉक्टर व एमबीबीएस के स्टूडेंट्स मंगलवार को हड़ताल पर चले गए थे। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी जैसे हालात बन गए। डॉक्टरों ने ओपीडी बंद करा दी। पर्ची तक नहीं कटने दी। काउंटर बंद करा दिए गए। मरीज बैरंग वापस लौटने लगे। यहां तक कि इमरजेंसी सेवा भी प्रभावित रही।

कोर्ट के फैसले का इंतजार

दो दिन तक मेडिकल सेवाएं ठप होने के बाद गुरुवार को भी डॉक्टर्स हड़ताल की मूड में थे। सभी एकत्रित हुए और प्रिंसिपल केके गुप्ता से मिले। उन्हें बताया गया कि इस मामले को लेकर 7 जून को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है। इस पर डॉक्टर्स ने पहले फैसले को जानना मुनासिफ समझा और मरीजों के हित में हड़ताल वापस ले ली। इसके बाद ओपीडी में रोजाना की तरह मरीज देखे गए।

इनसेट

49 सीटों पर है लड़ाई

देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ मेरठ के मेडिकल कॉलेज की 49 पीजी सीट्स का पर आरक्षण को लेकर घमासान है। इस प्रकरण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और एक जुलाई को फैसले की उम्मीद है। तब तक के लिए पीजी सीट्स पर ज्वाइनिंग को टालकर फिलहाल प्रिंसिपल ने स्थिति को फौरी नियंत्रित किया है। बता दें कि मेडिकल कॉलेज में 49 पीजी की सीट्स हैं, जिसमें से 38 सीट्स यूपी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के थ्रू भरी जाती है जबकि 11 सीट्स ऑल इंडिया एंट्रेंस एग्जाम के थ्रू। मास्टर ऑफ सर्जरी, मॉस्टर ऑफ मेडिसिन और पीजी डिप्लोमा कोर्सेस की इन सीट्स पर रिजर्वेशन रोस्टर वाइज होता है। यह रोस्टर डायरेक्टर जनरल मेडिसिन एसोसिएशन द्वारा तय की जाती है।