- कोर्ट के आदेश के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एचओडी से मांगी चार दिनों की हाजिरी

- जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से हुई मौत के बाद कोर्ट ने लगाई थी फटकार

<- कोर्ट के आदेश के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एचओडी से मांगी चार दिनों की हाजिरी

- जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से हुई मौत के बाद कोर्ट ने लगाई थी फटकार

GORAKHPUR: GORAKHPUR: बीआरडी कॉलेज में हाई कोर्ट द्वारा जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को लेकर सख्त हो गई है। शनिवार को कोर्ट के आदेश के बाद शुरु हुई हड़तालियों की पड़ताल से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया है। कोर्ट के कड़े रुख के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने विभागाध्यक्षों से चार दिन की हाजिरी तलब की है। इस मामले को लेकर डॉक्टर्स के बीच ओहा पोह की स्थिति बनी हुई है।

कितने डॉक्टर्स थे शामिल

यूपी परास्नातक मेडिकल परीक्षा (यूपीपीजीएमईई) में प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संवर्ग के डॉक्टर्स के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सूबे की जनता पर भारी पड़ी। इस निर्णय के विरोध में मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स फ्0 मई की रात से ही हड़ताल पर चले गए। मंगलवार को सीनियर रेजीडेंट व इंटर्नशिप करने वाले भी हड़ताल में शामिल हो गए। जिसकी वजह से मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई। इमरजेंसी व ओपीडी पूरी तरह से ठप कर दी। उनकी हड़ताल का खामियाजा मरीज व कर्मचारियों को भुगतना पड़ा।

हड़ताल की भेंट चढ़े छह लोग

जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल की वजह से छह मरीजों ने दमतोड़ दिया। वहीं वार्ड में भर्ती आधे से अधिक मरीजों ने मेडिकल कॉलेज छोड़कर दूसरे हॉस्पिटल की शरण ली। इसके अलावा इमरजेंसी में उपचार के लिए पहुंचे मरीजों को बिना इलाज कराए घर लौटा पड़ा। कोर्ट ने जब मामले का संज्ञान लिया तो सभी की हेकड़ी खत्म हुई। उन्होंने सभी मेडिकल कॉलेज से रिपोर्ट तलब करने को कहा है। इसे लेकर मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल ने सख्त रुख अपनाते हुए सभी डिपार्टमेंट के हेड से रिपोर्ट मांगी है।