Meerut : भले ही निर्माणाधीन मोबाइल टॉवर पर कार्रवाई कर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट ने अपनी लाज बचा ली हो लेकिन डिपार्टमेंट के तीनों इंजीनियर्स को अल्टीमेटम भी जारी हो गया है. अगर आगे कोई कैंट में नया टॉवर लगने की सूचना मिली तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


सीईओ को मिली सूचना कैंट बोर्ड के सीईओ डॉ। डीएन यादव को गुरुवार सुबह सूचना मिली कि वार्ड में मोबाइल टॉवर लगाने की कार्रवाई चल रही है। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के तीनों इंजीनियर्स को बुलाया और मोबाइल टॉवर के बारे में पूछा। इस पर तीनों मूक बनकर खड़े रहे, जिसके बाद सीईओ ने तीनों को मौके पर भेजकर कार्रवाई करने को कहा।सही मिली सूचना जब कैंट बोर्ड के इंजीनियर्स वार्ड-7 मकान नंबर 280 पर गए तो मौके पर गए तो सूचना सही मिली। टॉवर लगाने का काम चल रहा था। इसे मौके पर गई टीम हटाकर आ गई। सूचना के अनुसार इस टॉवर को प्रह्लाद सिंह वीर लगा रहे थे। प्रह्लाद सिंह वीर की की वाइफ वार्ड-सात के उपचुनाव में खड़ी हुई थी। सीईओ का अल्टीमेटम


कैंट बोर्ड के सीईओ डॉ। डीएन यादव ने तीनों इंजीनियर्स को अल्टीमेटम भी जारी कर दिया है। इस अल्टीमेटम में साफ कर दिया गया है अगर आगे से कोई भी टॉवर कैंट क्षेत्र में लगा तो कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहे। जिस के बाद से डिपार्टमेंट में कोहराम मचा हुआ है।

"टॉवर की सूचना मिलने के बाद हटा दिया गया है। वहीं तीनों इंजीनियर्स को यह भी कहा गया है आगे से मोबाइल टॉवर्स पर ध्यान भी रखा जाए ताकि कोई और मोबाइल टॉवर न लगा सके." - एमए जफर, पीआरओ, कैंट बोर्ड रेडिएशन के खतरे- मोबाइल टॉवरों के रेडिएशन से कैंसर की आशंका रहती है। - छोटो बच्चों में रेडिएशन की वजह से ब्लड कैंसर की आशंका। -हृदय रोग संबंधी मरीजों को ज्यादा परेशानी होती है। - गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे नवजात शिशु को भी खतरा। - रेडिएशन ज्यादा होने और ज्यादा देर तक बात करने की वजह से दिमाग संबंधी रोग हो सकते हैं। - स्लीपिंग डिसऑर्डर, फर्टलिटी डिसऑर्डर, माइग्रेन जैसी बीमारियां - नपुंसकता जैसी बीमारी हो सकती हैकैसे करे बचाव- टॉवर को रिहाइशी इलाकों से दूर लगाएं - मोबाइल टॉवरों की ऊंचाई अधिक रखें- अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाएं रिहायशी क्षेत्र में लगे टॉवर

कैंट क्षेत्र में विभिन्न मोबाइल कंपनियों के टॉवर स्थापित हैं। सभी टॉवर रिहाइशी इलाकों में लगे हैं। आंकड़ों की बात करें तो पिछले पांच वर्षों में मोबाइल टॉवर्स की संख्या दोगुनी हो चुकी है। पांच साल पहले मोबाइल टॉवर्स की संख्या 10 से ज्यादा नहीं थी। मौजूदा समय में ये संख्या बढ़कर 22 हो चुकी है। कैंट के आबूलेन, सदर, रजबन और क्रिस्टल पैलेस पर लगे हुए हैं। इन तमाम इलाकों की रिहाइशी आबादी काफी ज्यादा है।

Posted By: Inextlive