नहीं लगा जाम, फिर भी पेरेंट्स नाराज
- ट्रैफिक पुलिस, कैंट बोर्ड और रोड सेफटी क्लब ने संभाली कमान
- लोगों ने बंद पर जताई नाराजगी, फोरव्हीलर्स पर नहीं लगा सके रोक Meerut : स्कूल लगने और छुट्टी के समय वेस्ट एंड रोड को बंद रखने के प्लान का सोमवार को पहला दिन था, जिसमें लोगों को पहले दिन राहत मिली। वेस्ट एंड रोड पर पहले दिन जाम नहीं लगा। ट्रैफिक पुलिस, कैंट बोर्ड और रोड सेफ्टी क्लब के सदस्यों ने यातायात की कमान संभाली। हालांकि लोगों ने राहत मिलने के बावजूद नाराजगी जाहिर की। वहीं फोर व्हीलर वाहनों पर कैंट बोर्ड पूरी तरीके से रोक नहीं लगा सका। आसपास लगा हल्क जामवेस्ट एंड पर आने वाले सभी रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया था। जगह-जगह पर यातायात पुलिस, कैंट बोर्ड व रोड सेफ्टी क्लब के सदस्यों खड़े हुए थे। वहीं दूसरी तरफ सदर थाना रोड, आबुलेन, भूसमंडी के तरफ लोगों को जाम की समस्या से दो चार होना पड़ा। हालांकि वहां पर टै्रफिक पुलिस ने मामले को जल्द ही संभाल लिया।
छुट्टी से पड़ा असर स्कूलों की खुलने व छुट्टी का समय अलग करने के कारण सबसे ज्यादा असर रहा। इसके कारण वेस्ट एंड रोड पर जाम नहीं लगा। धूप में खड़े रहे अभिभावकछुट्टी के समय से पहले अभिभावक स्कूल पहुंच गए थे। काफी देर तक वह धूप में खड़े रहे। वाहन न आने के कारण लोगों ने बंद पर नाराजगी भी जाहिर की। लेकिन जाम न लगने से राहत भी महसूस की।
वाहनों को अंदर आने देते। दूर वाहन खड़ा करके आए हैं। बच्चों को अब धूप में वहां तक पैदल ले जाना पड़ेगा। ऐसे वाहनों को दूर नहीं खड़ा करवाना चाहिए था। -मधुकर, पेरेंट्स यह नियम केवल आम आदमी के लिए है। वीआईपी गाडि़यों के लिए कोई रोक नहीं है। लाल व नीली बत्ती लगी गाडि़यों खूब आ रही हैं इस रोड़ पर इनको भी रोकना चाहिए। -अशोक शर्मा, पेरेंट्स गर्मी ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। ऐसे में इतनी दूर वाहन को खड़ा करके आना बहुत ही मुश्किल काम है। लेकिन जाम से निजात पाने के लिए यह होना भी जरूरी है। -दीपांशु, पेरेंट्स यातायात को सुधारने के लिए कुछ कठोर नियम उठाने पड़ेंगे। जाम से बचने के लिए कुछ दूर पैदल चलना पड़ जाए तो कोई बुरी बात नहीं है। कैंट बोर्ड का अच्छा कदम है यह। -सपना, पेरेंट्सपहला दिन था जाम नहीं लगा। इसमें जहां-जहां सुधार की आवश्यकता है। उसको देखा गया है। आगे और स्थिति में सुधार किया जाएगा। लोगों को थोड़ी कठिनाई तो होगी पर जाम से होने वाली परेशानी से बच जाएंगे।
-राजीव श्रीवास्तव, सीईओ कैंट बोर्ड