80 फीसदी टीचर्स जमा कर रहे हैं हाथ से लिखा कंटेंट

3 हजार टीचर्स मेरठ में हैं सीसीएस यूनिवर्सिटी के अंतर्गत

10 फीसदी ने तो ई कंटेंट तक अपलोड नहीं किया है

कल से ई-कंटेंट अपलोड न करने वाले टीचर्स को भेजे जाएंगे नोटिस

Meerut। सीसीएसयू में इन दिनों ई कंटेंट को अपलोड करने की मशक्कत चल रही है। सीसीएसयू प्रशासन की ओर से कॉलेजों व संबंधित ई कंटेंट ऑनलाइन अपलोड करने के लिए टीचर्स लापरवाही करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में अब ई कंटेंट को हाथ से लिखकर अपलोड करने वालों एवं अपलोड न करने वालों को यूनिवíसटी की ओर से सोमवार यानि कल नोटिस भेजे जाएंगे। इसके लिए यूनिवíसटी प्रशासन ने नोटिस तैयार कर लिए हैं ये नोटिस टीचर्स को भेजे जाएंगे।

तीन हजार है टीचर्स

यूनिवíसटी व कॉलेजों में करीब तीन हजार टीचर्स मेरठ में है। इनको सब्जेक्ट वाइज कॉलेज वाइज नाम आदि डालकर ई कंटेंट को अपलोड करना था जो टाइप किया हुआ ही अपलोड करना था, लेकिन 80 प्रतिशत टीचर्स ने हाथ का लिखा हुआ कंटेंट ही अपलोड कर दिया है, इसको लेकर अब नोटिस सभी टीचर्स को मेल किए जाएंगे। इसके लिए ऑनलाइन ही नोटिस तैयार किए गए है, जो सोमवार को भेजे जाएंगे।

क्या है ई कंटेट

दरअसल, ई-कंटेंट ये होता है जो भी स्टूडेंट को क्लासेज में पढ़ाया जा रहा है उस लेक्चर की रिकॉर्डिंग, या उससे संबंधित सारी डिटेल्स व चेप्टर वाइस सारे टॉपिक्स को लिखकर ऑनलाइन वेबसाइट पर अपलोड करने हैं। इनको टाइप करके ही डालना है, लेकिन 80 प्रतिशत टीचर्स इसको हाथ से लिखे हुए पेपर को ही अपलोड कर रहे हैं। वहीं 10 प्रतिशत तो ऐसे हैं जिन्होंने कुछ अपलोड नहीं किया है। यूनिवíसटी के अनुसार ये कंटेंट इसलिए जमा किया जा रहा है अगर कोई स्टूडेंट किसी टॉपिक को नहीं पढ़ सका तो किसी भी टाइम वो ऑनलाइन देखकर उसे समझ व पढ़ सकता हैं। ऐसे में टीचर्स की राइटिंग कई बार किसी को समझ आती है और किसी को नहीं, टाइप किया हुआ सबको समझ आता है। इसके साथ ही टाइप करने से पेपरलेस होने का अभियान भी साथ जुड़ता है इसी उद्देश्य से ये कंटेंट टाइप करके अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।

रेफरेंस देना होगा जरूरी

इस ई कंटेंट में सभी टीचर्स को साथ ही ये भी अपलोड करना है कि ये टॉपिक का रेफरेंस क्या है, रेफरेंस सोर्स के बिना डाला कंटेंट अधूरा माना जाएगा। उसको रिजेक्ट किया जा सकता है, इसलिए हर कंटेंट का रेफरेंस सोर्स हर हाल में अपडेट करने को कहा गया है।

मीटिंग के बाद भी लापरवाही

यूनिवíसटी ने इस मामले में पिछले दो महीने से छह से सात बार मीटिंग कर कई बार इस संबंध में जानकारी दी है, इसके बावजूद भी अभी भी टीचर लापरवाही दिखा रहे हैं। इतने दिन बीतने के बाद अब यूनिवíसटी प्रशासन चार दिन का समय दे रहा है। जोकि यूनिवर्सिटी प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। आखिर यूनिवर्सिटी ने टीचर्स की लापरवाही पर पहले ध्यान क्यों नहीं दिया।

दिया है कुछ समय

सीसीएसयू प्रशासन ने टीचर्स को सितंबर लास्ट तक का समय दिया है इसके साथ ही नोटिस भी सोमवार को भेजा जाएगा। इसके बावजूद भी अगर टीचर्स कंटेंट अपलोड करने में लापरवाही करते हैं तो इस संबंध में कार्रवाई भी की जाएगी। इस लेटर में साफ लिख दिया गया है। ई कंटेंट स्टूडेंट की पढाई व भविष्य से जुड़ा मामला है। इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

टीचर्स को चार दिन का समय दिया गया है। उनको नोटिस भी भेजे जाएंगे। इसके बाद लापरवाह टीचर पर कार्रवाई होगी।

प्रो। वाई विमला, प्रोवीसी

क्या कहते है प्रिंसिपल

कुछ टीचर्स लापरवाही दिखा रहे हैं। उनको गलती न करने के लिए कहा गया है। क्योंकि ये स्टूडेंट के हित का सवाल है

डॉ। बीएस यादव, प्रिंसिपल, डीएन कॉलेज

ई-कंटेंट तो पेपर लेस होना चाहिए, इसमें टीचर्स को लापरवाही नही करनी चाहिए, स्टूडेंट के मामले में लापरवाही नही होनी चाहिए।

डॉ। किरण प्रदीप, प्रिंसिपल, कनेाहरलाल

कई टीचर ऐसे हैं जो लापरवाही कर रहे हैं अब उनको फिर से निर्देश दिए गए है।

डॉ। नीलिमा गुप्ता, प्रिंसिपल, इस्माईल कॉलेज

यूनिवíसटी ई कंटेंट के मामले में कार्रवाई करने की तैयारी में है, जो जरूरी है। कुछ टीचर कहने के बाद भी लापरवाही बरत रहे हैं।

डॉ। संध्या रानी, प्रिंसिपल, शहीद मंगल पांडे

क्या कहते हैं स्टूडेंट्स

कोचिंग की तरह ही इसमें भी हम क्लासेज व नोट्स सर्च कर सकते हैं। लेकिन अगर उसमें भी लापरवाही हुई तो फिर कैसे पढ़ेंगे।

जलज

जिसके पास कोचिंग का पैसा है वो तो कोचिंग पढ़ेंगे। जो बेचारे कॉलेज या टीचर के नोटस पर निर्भर हैं उनको तो ई कंटेंट से ही पढ़ना है।

देव

ये बहुत ही जरुरी है, ई कंटेंट कभी भी देखा जा सकता है। ये बहुत ही फायदेमंद है। इसमें जरा भी लापरवाही नही होनी चाहिए

तुषार

Posted By: Inextlive