विभूति की मदद को बढ़े हाथ
- आई नेक्स्ट कार्यालय में विभूति के लिए आई दस हजार रुपए की मदद
- डीएम ने शासन को पांच लाख रुपए की मदद को भेजा प्रस्ताव Meerut : विभूति की मदद करने को सिटी में धीरे-धीरे लोग जागरुक हो रहे हैं। मोहम्मद वसीम सिटी का वो पहला शख्स है, जिन्होंने विभूति की मदद करने का जज्बा दिखाया है। ऐसे जज्बे को आई नेक्स्ट सलाम करता है। विभूति को ऐसे ही वसीम की जरुरत है। वहीं डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ने भी मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद करने के लिए शासन को फाइल मूव कर दी है। अधिकारियों को जल्द से जल्द फॉलो किया जाएगा। ताकि बच्ची की जल्द से जल्द मदद की जा सके। वसीम ने मदद को बढ़ाए हाथशनिवार को खबर प्रकाशित होने के बाद दोपहर को मोहकमपुर स्थित दैनिक जागरण कार्यालय में आई नेक्स्ट ऑफिस के लिए क्0 हजार रुपए का चेक आया। जिसमें मोहम्मद वसीम नाम लिखा हुआ था। साथ ही टेलीफोन नंबर भी था। जब आई नेक्स्ट रिपार्टर ने नंबर फोन किया तो पूछा तो मोहम्मद वसीम ने बताया कि मैं अहमद नगर का निवासी हूं। आई नेक्स्ट न्यूजपेपर में विभूति के बारे पढ़कर आंखें नम हो गई। ये चेक उसी की मदद के लिए है। मोहम्मद वसीम ने कहा कि बच्ची की मदद को हर किसी को आगे आना चाहिए। जो भी मेरा परिचित होगा उसे भी विभूति की मदद को प्रेरित करूंगा।
और भी वसीम की जरुरत है विभूति के इलाज के लिए सिर्फ एक वसीम की मदद से काम नहीं चलेगा। विभूति को ऐसे कई वसीम भाईयों की जरूरत है। ताकि विभूति की किडनी ट्रांसप्लांट होने के साथ-साथ दवाईयों और टेस्ट का भी खर्चा वहन हो सके। मदद करने का वाला कोई भी हो सकता है। वो एक रोहित और रितु की बेटी नहीं है। पूरे शहर की बेटी है। बड़े होकर वो डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस या आईपीएस ऑफिसर बन सकती है। समाजसेविका बन लोगों की भलाई कर सकती है। शासन को भेजा प्रस्ताववहीं डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से भी विभूति की मदद करने के मामले में काफी तेजी दिखाई है। अवकाश से लौटे डीएम पंकज यादव ने विभूति की मदद को लेकर शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। ताकि मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच लाख रुपए की मदद मिल सके। डीएम ने बताया कि प्रशासन विभूति की मदद करने को पूरी तरह से कटिबद्ध है। जितनी बेटी वो रितु और रोहित की है उतनी ही वो हमारी और पूरे जिले की है।
सभी को आना होगा आगे
विभूति की मदद करने के लिए सिर्फ एक दो लोगों या कुछ लोगों के आगे आने से काम नहीं चलेगा। समाज के हर तबके के लोगों को आगे आकर अपने-अपने तरीके से मात्र तीन साल की मासूम विभूति की मदद करनी होगी। बड़ी होकर यही विभूति किसी हॉस्पिटल में डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा कर सकती है। साइंटिस्ट बनकर देश के काम आ सकती है। आईपीएस और आईएएस बन जरुरतमंद लोगों की मदद कर सकती है। विभूति को आज ऐसे ही हाथों की जरुरत है। जो उसकी मुस्कान को वैसी ही बरकरार रख सके। खराब हैं दोनों किडनी आपको बता दें कि रजबन बड़ा बाजार करई गंज निवासी रोहित वर्मा और रितु वर्मा की तीन साल की बेटी विभूति की दोनों किडनी खराब है। ये बात उन्हें जब विभूति डेढ़ साल की थी तब पता चली। तब से अब तक कई हॉस्पिटल और तमाम जगहों के चक्कर काट चुके हैं। लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है। डॉक्टरों का साफ कहना है कि किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा कोई और दूसरा ऑप्शन नहीं है। । मदद करने को कर सकते हैं संपर्कअगर आप इस मासूम बच्ची की मदद करना चाहते हैं तो आप इस अकाउंट नंबर क्ख्ब्88फ्0म्79 सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, रोहित वर्मा पर फाइनेंशियल मदद कर सकते हैं। अगर आप फोन पर बात करना चाहते हैं तो विभूति के पिता के मोबाइल नंबर 8भ्888ख्भ्80ख्, 80भ्7ख्म्7फ्ब्क् पर संपर्क कर सकते हैं।
वर्जन हमने बच्ची की मदद के लिए शासन को पांच लाख रुपए की मदद का प्रस्ताव भेज दिया है। हमारी उस बच्ची को लेकर पूरी सहानभूति है। प्रशासन पूरी तरह से विभूति और उसके पेरेंट्स के साथ है। -पंकज यादव, डीएम, मेरठ मैंने इस बच्ची के बारे में आईनेक्स्ट में पढ़ा। मैं खुद आईनेक्स्ट से इस बारे में संपर्क करने जा रहा था। मुझसे जैसी भी और जिस भी तरह की मदद हो सकेगी हम करेंगे। - एडवोकेट रामकुमार शर्मा, पूर्व महामंत्री, मेरठ बार एसोसिएशन जब मैंने आईनेक्स्ट में इस नन्हीं सी बच्ची के बारे में पढ़ा तो मेरे आंखों में आंसू आ गए। मैं और भी लोगों और अपने परिचितों को इस बच्ची की मदद करने के लिए कहूंगा। - मोहम्मद वसीम, मददगार