- लालकुर्ती थाने में एएसपी का किया घेराव

- फेसबुक पर डाली गई अमर्यादित तस्वीरें

Meerut : फेसबुक पर देवी-देवताओं की बेतुकी तस्वीरें होने पर आक्रोशित लोगों ने लालकुर्ती थाने में हंगामा और एएसपी का घेराव किया। बाद में इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर जांच साइबर क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है।

अमर्यादित फोटो

बुधवार को लालकुर्ती निवासी भाजपा के छावनी मंडल महामंत्री विशाल कनौजिया के नेतृत्व में लोग लालकुर्ती थाने पहुंचे। उन्होंने एएसपी को बताया कि फेसबुक पर हाशिमी आलम नाम से एक पेज बना है। इसमें देवी-देवताओं की अमर्यादित फोटो अपलोड हैं, जो हिन्दुओं की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचा रही हैं। उन्होंने आरोपी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। एएसपी ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई व फेसबुक से इन पेज को हटवाने का आश्वासन दिया है। इस मामले में पुलिस ने विशाल की तहरीर पर रिपोर्ट भी दर्ज की है।

मुकदमा दर्ज

इंस्पेक्टर लालकुर्ती विजय सिंह बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। फेसबुक से उक्त पेज को हटा दिया गया है। पूरे मामले की जांच साइबर सेल को स्थानांतरण कर दी गई है। प्रदर्शन करने वालों में सौरभ अग्रवाल, सुदेश, रोहित, भारत व अमित आदि थे।

आईटी एक्ट म्म् ए से ऐसे अलग है ख्9भ् आइपीसी का केस

सुप्रीम कोर्ट द्वारा आइटी एक्ट की धारा म्म् ए में गिरफ्तारी न करने के आदेश के बाद मेरठ में सोशल मीडिया से जुड़ा पहला केस बुधवार को सामने आया। सुप्रीम कोर्ट की म्म् ए धारा के असंवैधानिक घोषित करने से ये मामला इस तरह अलग है। पुलिस ने इस मामले को आइपीसी की धारा ख्9भ् के तहत दर्ज किया है क्योंकि ये मसला धार्मिक विद्वेश फैलाने से संबंधित है। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल बख्शी के अनुसार आइपीसी की इस धारा का इस्तेमाल धार्मिक भावनाएं भड़काने, दूसरे धर्म का असम्मान करने पर लगाया जाता है। यह धारा गैरजमानती है और इसमें तीन वर्ष की सजा का प्रावधान है। आइटी एक्ट की धारा म्म्ए को वर्ष ख्009 में गैरजमानती कर दिया गया था और इसमें दोषी पाए जाने पर आर्थिक दंड से लेकर तीन वर्ष तक की सजा थी।

आदेश का ये पड़ा असर

सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद उपजी स्थिति को स्पष्ट करते हुए एडवोकेट बख्शी ने कहा कि अब से पहले तक अगर कोई सोशल साइट के जरिये किसी व्यक्ति या संस्था पर अपमानजनक टिप्पणी करता था तो धारा के प्रावधान के अनुसार वह पुलिस केस बन सकता था। बगैर किसी शिकायत के म्म्ए की आड़ में पुलिस कार्रवाई कर सकती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकता। केस व्यक्तिगत हो जाएगा। जिसका अपमान हुआ है या मानहानि हुई है, उसे शिकायत दर्ज करानी पड़ेगी और मुकदमा भी आइपीसी की धारा भ्00, भ्0क् के तहत दर्ज किया जाएगा।

Posted By: Inextlive