- ब्रह्मापुरी पुलिस ने पकड़े नकली नोट, चुनाव में होने थे यूज

- चुनावों में नोट के बदले वोट के खेल में नेता देते हैं धोखा

- हर चुनाव से पहले पकड़ी जाती है असली और नकली करेंसी

- करोड़ों का हेरफेर, पाकिस्तान करता है करेंसी का खेल

- मेरठ और आसपास पकड़ी जाती रही है फेक करेंसी

Meerut : चुनावी महासंग्राम का बिगुल बज चुका है। नेता अपने वोट बैंक बनाने में लगे हैं। किसका टिकट कटेगा, किसको टिकट मिलेगा, कौन जीतेगा, कौन हारेगा, किसको कितनी वोट कहां से मिलेंगी, वोट बैंक कैसे बढ़ाया जाए, इसी उधेड़-बुन में नेता लगे हुए हैं। साथ ही जनता से धोखे का खेल भी शुरू होने जा रहा है। नोट के बदले वोट का गंदा खेल खेलने के लिए लोग तैयार हैं। चुनाव में शराब, हथियार और करेंसी का खेल मानो शुरू हो चुका है। इसी क्रम में ब्रह्मापुरी पुलिस ने दो लोगों को नकली करेंसी के साथ पकड़ लिया। जो मेरठ में सप्लाई करने आए थे।

शहर में चलाने थे नोट

ब्रह्मापुरी पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नूर नगर तिराहे से दो लोगों को एक स्पलेंडर पेशन प्रो बाइक यूपी ख्ख्एन क्फ्ब्8 सवार को पकड़ा। इन लोगों की तलाशी ली गई तो इनके पास से दस हजार रुपए के नकली नोट बरामद हुए। पकड़े गए आरोपियों में दोनों ही गदरपुर रूद्रपुर उत्तराखंड के रहने वाले उस्मान पुत्र अहसान तुर्क और मकसूद पुत्र गुलाम शब्बीर है। इनके पास से मिले नोटों में उस्मान के पास से सौ-सौ के भ्भ् और मकसूद से ब्फ् नकली नोट बरामद किए गए।

इंटेलीजेंस भी करेगी पूछताछ

पुलिस के अनुसार ये लोग नकली करेंसी रूद्रपुर से मेरठ के बाजार में चलाने के लिए ला रहे थे। इस संबंध में विशेष शाखा अभिसूचना, इंटेलीजेंस ब्यूरो और एलआईयू के अधिकारियों द्वारा पूछताछ की गई। माना जा रहा है कि ये नोट चुनाव से पहले बाजार में उतारने का प्लान था। अभी थोड़े और छोटे नोटों को बाजार में चलाने की कोशिश थी। इसके बाद बड़े नोटों को मार्केट में उतारना था। इससे पहले पकड़े गए नोटों में एक हजार रुपए के नोटों शामिल रहे हैं। सबसे ज्यादा एनसीआर में पकड़े गए हैं।

एनसीआर में बढ़ी एंट्री

एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष ख्009 से लेकर जून ख्0क्ख् तक करीब 88 करोड़ रुपए के नकली नोट बरामद किए गए थे। इसी क्रम में गाजियाबाद में ख्ख् अप्रैल ख्0क्फ् को कौशांबी बस अड्डे से नौ लोग और सात लाख रुपए की फेक करेंसी बरामद की गई थी। इसके साथ ही ख्7 अप्रैल ख्0क्फ् को कौशांबी बस अड्डे से ही पांच लाख नब्बे हजार रुपए के नकली नोट पकड़े गए थे। इनका लिंक भी पाकिस्तान से ही जुड़ा था। ये लोग भी बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते से फेक करेंसी लेकर इंडिया में आते हैं। इस फेक करेंसी को इंडिया तक पहुंचाने का काम करता है इकबाल काना।

पाकिस्तान का नापाक खेल

पाकिस्तान भारत के साथ अपने नापाक इरादों को पूरा करने में लगा है। फेक करेंसी इंडिया में भेजकर वह यहां की आर्थिक व्यवस्था को कमजोर करने में लगा है। अपने देश से पाकिस्तान गए एक खूंखार इकबाल काना का जिक्र उस जगह जरूर होता है जहां फेक करेंसी और हथियारों की सप्लाई होती है। सालों पहले फरार हुए इकबाल काना का पुलिस के पास कोई फोटो भी नही हैं। यही इकबाल काना आज देश का दुश्मन बन गया है। जो पाकिस्तान में रहकर गुर्गे तैयार करता है और इंडिया भेजता है। इनमें इंडिया से पाकिस्तान जाने वाले लोग शामिल हैं। जिनको लालच देकर एजेंट बनाता है।

चुनाव से पहले सक्रिय

जैसे ही चुनाव आता है इकबाल काना अपने गुर्गो और एजेंट को फेक करेंसी भेजना शुरू कर देता है। जिस तरह विदेश में बैठे दाऊद से बड़े-बड़े नेताओं का संपर्क रहता है उसी तरह इकबाल काना का भी संपर्क इंडिया में कई बड़े लोगों से हैं। चुनाव के दौरान इंडिया में करोड़ों रुपए खपाए जाते हैं। जिसका खामियाजा यहां की जनता को भुगतना पड़ता है। जेल में बंद मोहल्ला बंजेरान थाना नकुड़ का मोहम्मद आमिर उर्फ भूरा भी इकबाल काना का ही आदमी है। जो आईएसआई एजेंट के रूप में पकड़ा गया था। भ् जून ख्0क्क् को एटीएस द्वारा नकली करेंसी के साथ पकड़ा गया मंजूर मियां अंसारी का भी पाकिस्तान के इकबाल काना से रहा था।

यहां होती है करेंसी की सप्लाई

मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली, गाजियाबाद, मेरठ, बागपत, गौतमबुद्ध नगर और दिल्ली फेक करेंसी की सप्लाई के लिए बड़े अड्डे अड्डे हैं। चुनाव से पहले शराब, हथियार और फेक करेंसी को लेकर निर्देश जारी होते हैं। इसके बावजूद शातिर लोग अपना गेम खेलकर निकल जाते हैं। आजकल नकली नोटों में बड़े नोट अधिक होते हैं। इनमें एक हजार का नोट अधिक संख्या में होते हैं। गाजियाबाद में पकड़ी गई सात लाख की फेक करेंसी में अधिकतर एक-एक हजार के नोट थे। इसके बाद गाजियाबाद से ही छह लाख रुपए की फेक करेंसी में भी एक-एक हजार के अधिक नोट थे।

फ्भ् रुपए में क्00 का नोट

पिछले साल पकड़े गए करीब तेरह लाख रुपए के नकली नोट पाकिस्तान निर्मित थे। इनके साथ पकड़े गए आरोपियों में दो महिलाएं भी इन नोटों को इधर से उधर करने में शामिल थी। पूछताछ के बाद इस नकली करेंसी को इंडिया में पैंतीस के बदले सौ के हिसाब से भेजा जाता है। जिसमें एक लाख रुपए के नकली नोटों के बदले पैंतीस हजार रुपए देने होते थे। बड़ी करेंसी को अधिक प्रयोग किया जाता है, जिससे अधिक फायदा होता है।

Posted By: Inextlive