Meerut : अगर आप फास्ट फूड के शौकीन हैं तो सावधान हो जाएं. कहीं ऐसा न हो आपकी लापरवाही आपको डॉक्टर के पास पहुंचा दे. पिछले दो माह में टमाटर प्याज खीरा आदि के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं लेकिन फास्ट फूड आज भी पुराने अवलेबल है. तो क्या दुकानदार घाटा उठाकर सोशल सर्विस कर रहे हैं?


हम आपको बता दें कि ज्यादातर शॉप्स पर थर्ड क्वालिटी सब्जियां फास्ट फूड में यूज की जा रही हैं। बारिश का मौसम है। अपना ख्याल रखें और हमेशा हेल्दी रहेंकोई अंतर नहीं मार्केट में सिंपल शॉप हो या फिर कोई भी चाइनीज रेस्तरां में अप्रैल में चाउमिन के रेट भी वही थे अब भी वहीं हैं। जहां मौजूदा समय में सिंपल में चाउमिन की फुल प्लेट 40 रुपए है। वहीं चाइनीज रेस्तरां में 90 रुपए से लेकर 110 रुपए के बीच है। इनके अलावा मंचूरियन के रेट 120 रुपए से लेकर 150 के रुपए के बीच है। स्प्रिंग रोल के रेट भ मेरठ की सभी मार्केट में 25 रुपए की काफी समय से बिक रही है।  ये होती हैं सब्जियां यूज


मंचूरियन, बर्गर, चाउमिन, स्प्रिंग रोल, वेज पिज्जा और वेज पैटीज में अधिकतर सब्जियों का यूज अनियन, टोमैटो, कैप्सीकम और कैबेज यूज होता है। इन सब्जियों के रेट मौजूदा समय में काफी हाई हैं। इस समय मार्केट में ये सभी सब्जियां 60 रुपए किलों से लेकर 80 रुपए किलो तक बिक रहे हैं। वहीं मंडी में भी इनके रेट कोई कम नहीं है। मंडी में भी इनके रेट 40 रुपए से कम नहीं है। बड़ी ताज्जुब की बात है

ताज्जुब की बात तो ये है कि इन सब्जियों के रेट हाई होने के बावजूद दुकानदारों ने इनके रेट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। आखिर सवाल ये उठता है कि दुकानदार अपना मार्जिन कैसे निकाल रहे हैं? क्या वाकई दुकानदार अपना घाटा उठाकर सामान बेच रहे हैं? इस पर सिटी बेकर्स के मालिक जयकिशन कहते हैं कि कुछ समय के लिए रेट हाई होने से हम सामान के रेट में कोई चेंज नहीं कर सकते हैं। अगर हमें बर्गर और पैटीज पर 20 फीसदी का प्रॉफिट हो रहा था और 10 फीसदी का हो रहा है तो हम सहन कर लेते हैं।क्वालिटी में कांप्रोमाइज!

आई नेक्स्ट ने जब पड़ताल की तो पता चला कि सिटी के अधिकतर दुकानदार और रेस्तरां ऑनर मंडी में जाकर घटिया क्वालिटी की सब्जियां खरीद रहे हैं। ये वो सब्जियां हैं, जो खराब हो जाती हैं या फिर जिन्हें रेहड़ी वाले वापस कर जाते हैं या नालों और गंदगी में गिरने से नहीं बिक पाती ऐसी सब्जियों को रेस्तरां और बाकी शॉप ऑनर उन्हें खरीद कर ले जाते हैं। फिर उन्हें अपनी किचन में यूज कर लेते हैं। वैसे रेस्तरां ऑनर इस बात से इनकार करते हैं। मानचाऊ रेस्तरां के ऑनर कहते हैं कि जिस तरह से सब्जियों के रेट में इजाफा हुआ है उससे मुनाफा निकालना काफी मुश्किल हो गया। वेरायटी पर कांप्रोमाइज के बारे में कहते हैं कि ऐसे में अगर क्वालिटी में थोड़ा सा भी कांप्रोमाइज किया तो ग्राहक छिटक जाएगा। रेगुलर कस्टमर भी आना बंद कर देगा। रेट बढ़ाना भी भी काफी मुश्किल है। रेट बढ़ाते ही कस्टमर पर भी फर्क पड़ेगा। तो ये है फास्टफूड के रेट सामान             रेटचाउमिन          40 रुपए चाउमिन(रेस्तरां) 90 रुपए बर्गर             25 रुपए स्प्रिंग रोल        25 रुपए वेज पिज्जा       50-90 रुपए वेज पैटीज       20 रुपए वेज मंचूरियन    120-150 रुपए संबंधित सब्जियों के रेटसामान             रेट टमाटर           40 रुपएअनियन            80 रुपएकैप्सीकम          70 रुपएकैबेज             60-80 रुपए  खीरा             80 रुपए गली मोहल्लों की दुकानों से बचकर
जब इस मामले में हमने जिले के फूड सेफ्टी ऑफिसर से बात की तो उन्होंने कहा सिटी के बड़े रेस्तरां और होटल इन महंगी सब्जियों को झेलकर अपनी प्रॉफिट मार्जिन थोड़ा कम कर पब्लिक की सेफ्टी का ध्यान रख सकते हैं। ऐसे समय में पब्लिक को बर्गर, पैटीज और चाउमिन गली मोहल्लों की दुकानों से न ही लें तो बेहतर है। सब्जियों के रेट बढऩे से वो अपनी क्वालिटी में थोड़ा हेरफेर कर सकते हैं। इससे लोगों के बीमार होने का भी डर है। "ये महंगाई कुछ दिनों के लिए है। हम इस तरह से अपने रेट नहीं बढ़ा सकते हैं। थोड़ा बहुत तो रेट ऊपर-नीचे होता ही रहता है। क्या होगा प्रोफिट मार्जिन 20 से घटकर 10 फीसदी रह जाएगा। लेकिन रेट कंट्रोल होने के बाद गाड़ी वहीं पटरी पर आ जाएगी." - जय किशन, ऑनर, सिटी बेकर्स

Posted By: Inextlive