Meerut : दौराला में एक ब्लड के तीन सैंपल की तीन अलग-अलग रिपोर्ट से बखेड़ा खड़ा हो गया. इन तीनों रिपोर्ट में एक ही डॉक्टर ने दो अलग-अलग रिपोर्ट तैयार कर डालीं. इसको लेकर मरीज के परिजन और इलाके के लोगों में रोष है. विरोध में बुधवार को एक पैथोलॉजी लैब पर जमकर बवाल हुआ.


यह था मामलादौराला के मटौर में रहने वाले गजेंद्र पाल सिंह ने अपनी पत्नी अनीता को बुखार के चलते तीन डॉक्टर्स को दिखाया था। सभी डॉक्टर्स ने लैब पर खून चेक कराकर प्लेटलेट्स जांच की रिपोर्ट दिखाने को कहा। गजेंद्र ने एक एजेंट के जरिए सिरींज से ब्लड को तीन शीशियों में डलवा लिया। इसके बाद यह ब्लड इलाके की तीन पैथोलॉजी आशीर्वाद, सिरोही और शुभम पैथोलॉजी लैब पर जांच के लिए भेज दीं। तीनों की रिपोर्ट चौंकाने वाली थी।यह थीं रिपोर्ट


इन रिपोर्ट में दो लैब की रिपोर्ट एक ही डॉक्टर की थीं, जिनमें सिरोही और शुभम पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट शामिल हैं। डॉ। अंजली जैन द्वारा दी गई सिरोही और शुभम पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट में प्लेटलेट्स काउंट 84 हजार और 19 हजार है। वहीं तीसरी लैब आशीर्वाद में यह संख्या बीस हजार है। तीसरी लैब आशीर्वाद की रिपोर्ट भी अलग थी। इसको लेकर परिजनों ने सीएमओ, डीएम, स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी थी। इसमें आरोपी लैब पर कार्रवाई की मांग की गई है।हंगामा हुआ

रिपोर्ट को लेकर मरीज का मानसिक उत्पीडऩ हुआ, जिससे परिजन और इलाके के लोगों में रोष है। आरोप है कि एक डॉक्टर कई पैथोलॉजी की रिपोर्ट बनाकर रुपए ऐंठ रही है। बुधवार को सैकड़ों लोग शुभम पैथोलॉजी पर इकट्ठा हुए और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही लैब का शटर डालकर उसमें ताला भी डाल दिया गया। वहीं पब्लिक के विरोध के बीच में आरोपी डॉक्टर का पति अपने साथी डॉक्टर्स को लेकर दबाव बनाने के लिए लेकर पहुंच गया। जहां पब्लिक और डॉक्टर्स के बीच जमकर कहासुनी हुई। दुकान पर ताला सवा घंटे तक पब्लिक हंगामा करती रही। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी के यहां आने और कार्रवाई की मांग की गई। लोगों ने बताया कि छुट्टी के कारण अभी कुछ नहीं हो पाया है। वहीं शाम को शुभम पैथोलॉजी की डॉक्टर अंजली जैन और इनका पति आशुतोष जैन ताला लगाकर गायब हो गए। डॉक्टर्स तो सिर्फ साइनिंग अथॉरिटी है

डेंगू के नाम पर पैथलॉजियों का जो खेल चल रहा है उसकी कलई आई नेक्स्ट ने आपके सामने खोल ही दी है। इन पैथलॉजियों की भेंट चढ़ी अनीता की तबियत में अब काफी सुधार है। पैथलॉजी के बाकी हर नियम को अगर छोड़ भी दिया जाए तो बेसिक नियम ये है कि पैथलॉजी का लाइसेंस किसी डॉक्टर को ही मिलेगा। साथ ही वहां होने वाली तमाम जांचों में डॉक्टर शरीक होंगे। शहर के हालात ऐसे हैं कि पैथलॉजी का लाइसेंस जिस डॉक्टर के नाम पर इश्यू है वो डॉक्टर किसी भी टेस्ट की जांच प्रक्रिया में शामिल ही नहीं होते। नोसीखिया  लड़कों से ब्लड सैंपल लेने की प्रक्रिया पूरी कराई जाती है। उन्हीं से पूरी जांच कराई जाती है। जो डॉक्टर है वो सिर्फ साइनिंग अथोरिटी के रूप में ही काम करता है। सिटी में पैथलॉजी लैब "हम इस मामले की पूरी सख्ती से जांच करेंगे और जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाही जरूर की जाएगी."- डॉ। अमीर सिंह, सीएमओ, हेल्थ डिपार्टमेंट

Posted By: Inextlive