वरना खत्म हो जाएगी कुश्ती
खत्म हो जाएगा करियरपूर्व रेसलर अलका तोमर कहती है कि ओलंपिक से अगर कुश्ती बाहर हो जाएगा तो खिलाडिय़ों का तो करियर ही खत्म हो जाएगा। कई युवा इस खेल में करियर बना रहे हैं। कुश्ती से काफी कुछ बदला है। देश को मेडल मिले तो कुश्ती की ओर युवाओं का आकर्षण भी बढ़ा है। खास मेरठ और बागपत के खिलाडिय़ों ने कदम-कदम पर अपना रसूख दिखाया है। कुश्ती देश का एक खास खेल बन गया है। ओलंपिक में इसी खेल में सबसे ज्यादा इंडीविजुअल मेडल मिले हैं। हतोत्साहित होंगे खिलाड़ी
कुश्ती कोच जबर सिंह सोम कहते है कि कुश्ती देश का अहम खेल है। इस खेल में भारत बहुत अच्छा कर रहा है। अब इस खेल में बेहतर भविष्य की उम्मीद है तो ये खेल को ओलंपिक से हटाने की बात चल रही है। खिलाडिय़ों को भी इससे बहुत फर्क पड़ेगा। कई खिलाड़ी हतोत्साहित हो जाएंगे। खिलाडिय़ों का बहुत नुकसान होगा। भारत के लिए मेरठ और बागपत जैसे शहरों के पहलवानों ने बहुत कुछ किया है। खिलाडिय़ों को लगेगा झटका
कुश्ती कोच राजेश सिंह मानते है कि ये देश के लिए काफी दुखद है, खासकर मेरठ और बागपत के लिए। कुश्ती देश का मुख्य खेल रहा है। इसे ओलंपिक से निकाल देंगे तो खिलाडिय़ों को काफी बड़ा झटका लगेगा। भारत ने इसी खेल में सबसे ज्यादा इंडीविजुअल मेडल जीते हैं. इसी खेल के खिलाड़ी ने देश को दो बार मेडल दिलाएं हैं। ये देश के लिए चौकाने वाला फैसला होगा। ये चाइना की मोनोपोली की वजह से हो रहा है। चाइना सबसे अधिक मेडल जरूर जीत रहा है, लेकिन उसके पास अच्छे रेसलर नहीं है। पश्चिमी यूपी के अर्जुन अवॉर्डीमेरठ से अलका तोमरबागपत से सुभाष वर्मा, शौकेन्द्र तोमर, राजीव तोमर, मुजफ्फरनगर से अनुज चौधरी, जगविंदर 'ऐसा हुआ तो कई खिलाडिय़ों का ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना ही खत्म हो जाएगा। नए खिलाडिय़ों को धक्का लगेगा.'-अलका तोमर, पूर्व रेसलर'कुश्ती सबसे प्राचीन खेलों में से एक है। अगर ये ओलंपिक से हटा दिया जाएगा तो मुश्किल खड़ी हो जाएगी.'-एलआर पटेल, आरएसओ