Meerut: सिटी में ऐसे हजारों लोग हैं जो 15 से लेकर 50 हजार और उससे भी ज्यादा कीमत के स्मार्टफोन यूज कर रहे हैं. महंगे स्मार्टफोन खरीदने के साथ सबसे पहला काम यही किया जाता है कि उसमें सुरक्षा संबंधी ज्यादा से ज्यादा और लेटेस्ट सॉफ्टवेयर्स व एप्स डलवाए जाएं. लोग इन एप्स के बदले मोटी कीमत भी चुकाने को तैयार हो जाते हैं ताकि यदि कहीं उनका महंगा फोन गुम जाए या चोरी हो जाए तो वापस मिल सके. मगर यहीं आकर उनके साथ सबसे बड़ा धोखा हो रहा है. मार्केट में ऐसे कई एप्स बिक रहे हैं जो महंगे तो हैं मगर किसी काम के नहीं. मोबाइल में ये एप्स होने के बावजूद कई लोगों के मोबाइल न तो अब तक ट्रेस हो सके हैं और न ही उनका डेटा डिलीट या ट्रांसफर हो सका है. इस कारण सबसे ज्यादा परेशान वे लोग हैं जिन्होंने इन एप्स के डेवलपर्स और मोबाइल शॉप ऑनर्स के वादों में आकर महंगे एप्स खरीदे थे और इन्हीं के भरोसे निश्चित होकर अपने महंगे मोबाइल फोन्स से भी हाथ धो बैठे हैं.


करोड़ों का कारोबारआबूलेन स्थित ब्रांडेड मोबाइल शॉप के ऑनर राजबीर सिंह के मुताबिक मार्केट में 750 से 2500 रुपए तक के कई सिक्योरिटी एप्स मौजूद हैं और रोजाना करीब 60 से 70 एप्स की बिक्री होती है। इस लिहाज से करीब एक लाख रुपए रोजाना के तो सिक्योरिटी एप्स ही बिकते हैं। महीने में ये आंकड़ा करीब 30 लाख पहुंचता है और सालाना 3 से 4 करोड़ तक पहुंच जाता है। जाहिर है, यदि एप्स की इतनी बिक्री के बावजूद चोरी गए स्मार्टफोन नहीं मिल रहे हैं तो क्या ये पैसा लोगों को भ्रम में डालकर उनकी जेब से निकलवाया जा रहा है?यदि कोई स्मार्टफोन चोरी हुआ है और चोर ने उसे फॉर्मेट कर दिया है तो फिर कोई भी एप्स या सॉफ्टवेयर काम नहीं करेगा।- विशाल सिरोही, एक्सपर्ट, मोबाइल सिक्योरिटी एप्स


सब प्रेशर गेम्स हैं। देश में सिक्योरिटी एप्स का करोड़ों का टर्नओवर है और इसमें बड़ी-बड़ी कंपनियां लगी हुई हैं, इसलिए लोगों को डरा-डराकर एप्स खरीदने की सलाह देती हैं और बाजार पैसा उगाहता है।- फुकरान चौहान, मोबाइल एक्सपर्टहोती है इन बातों की गारंटी मगर- आपका स्मार्टफोन 99 फीसदी सुरक्षित हो जाएगा।- चोरी या गुम होने पर तत्काल रिकवरी नंबर पर सूचना मिलेगी।

- चोर द्वारा ऑन करते ही जीपीएस से लोकेशन अलर्ट मैसेज मिलेंगे।- तीन अल्टरनेट नंबरों पर लगातार जानकारी मिलती रहेगी।- आपको फोन की लास्ट लोकेशन भी पता हो जाएगी।- मैसेज शूट सेट करने पर आपका पर्सनल डेटा ऑटोमेटिकली डिलीट हो जाएगा।2200 के भरोसे,25 हजार का नुकसानपीडि़त : अभिमन्यु दहियाफोन कीमत : 23 हजार रुपएगुम हुआ : 2 माह पहलेस्टेटस : अब तक नहीं मिला, न डेटा रिकवर हो सकाअभिमन्यु दहिया ने आबूलेन एक मोबाइल शॉप से से करीब 4 माह पहले स्मार्टफोन खरीदा और करीब 2200 रुपए खर्च कर उसमें वे सॉफ्टवेयर्स व एप्प डलवाए जो मोबाइल चोरी या गुम होने की कंडीशन में उन्हें तत्काल रिकवरी वाले मोबाइल पर सूचना दे दें। दुर्भाग्य से दो माह बाद ही उनका मोबाइल गुम हो गया और अब तमाम सॉफ्टवेयर्स व एप्प न तो मोबाइल की लोकेशन की कोई जानकारी दे पा रहे हैं और न ही उनका महत्वपूर्ण डेटा रिकवर हो पा रहा है।अभी तक नहीं मिला फोनपीडि़त : रजत शर्माफोन कीमत : 35 हजार रुपएचोरी हुआ : ढाई माह पहलेस्टेटस : आज तक नहीं पता चला

मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत रजत शर्मा को अक्सर बाहर रहना पड़ता है, इसलिए उन्होंने 35 हजार का ऐसा स्मार्टफोन खरीदा जिससे वे ऑफिस, घर और दोस्तों से रेग्युलर कांटेक्ट रहें और जो स्टेटस को भी सूट करे। मगर ढाई माह पहले जब मोबाइल चोरी हुआ, तो तमाम महंगे सिक्योरिटी एप्प लोड होने के बावजूद आज तक पता नहीं चला।फैक्ट्स एंड फिगर- एक महीने में सिटी में मोबाइल का 20 करोड़ रुपए का कारोबार- एक महीने में 30 हजार मोबाइल फोन की सेल होती है।- एक साल में मोबाइल एप्स का 3.5 करोड़ रुपए का कारोबार।- एक महीने में 1500-2000 हजार मोबाइल एप बिकता है।- एक एप्प की कीमत 750 रुपए से 2500 रुपए की होती है।- एक दिन में लगभग 6-10 मोबाइल फोन चोरी हो जाते हैं।तो ऐसे करें अपनामोबाइल सेक्योर
सरदारजी फोन्स के ऑनर राजबीर सिंह बताते हैं कि मार्केट में मोबाइल सेक्योर करने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी आई है। ये पॉलिसी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लेकर आई है। इसमें 15 हजार रुपए से नीचे के फोन्स का 749 रुपए का और 15 हजार रुपए से 40 हजार तक के मोबाइल का 1749 रुपए का है। अगर फोन चोरी खरीदने के कुछ बाद हुआ है तो 10 फीसदी डेप्रीसिएशन काटकर फोन की कॉस्ट वापस होगी। अगर 8 से 11 महीने हुए हैं तो 45 फीसदी काटकर कीमत दी जाएगी। क्लेम पाने के लिए ये करना जरूरी होगा- मोबाइल चोरी होने की पुलिस स्टैंप और साइन किया कंप्लेन की कॉपी।- सिम बंद कराने की कंपनी से रिसीव कॉपी।- आईडी प्रूफ की एक कॉपी।- कंपनी से दिया हुआ कंप्लेन फॉर्म भरकर देना होगा।

Posted By: Inextlive