वायरस ने इडियट को लिया गोद
पंद्रह जून को रिलीज होने वाली अपनी फिल्म ‘फरारी की सवारी’ के प्रमोशन के लिए गुरुवार को फिल्म के एक्टर शरमन जोशी, बमन ईरानी मेरठ पहुंचे। बागपत रोड स्थित विद्या नॉलेज पार्क पहुंचे दोनों कलाकारों ने क्राउड का जमकर एंटरटेनमेंट किया। शरमन सफेद शर्ट, काली जींस में थे। बमन ईरानी ने ब्लैक शर्ट, ब्लू जींस और क्रीम कलर का ब्लेजर पहन रखा था। दोनों कलाकारों का संस्थान के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सौरभ जैन ने स्वागत किया। मीडिया से मुखातिब होने के बाद दोनों स्टेज पर पहुंचे।
इस बीच अपने अंदाज में बमन ने कहा कि मैंने फिल्म थ्री इडिअट्स में शरमन को तीसरे माले से नीचे गिरने को मजबूर किया था। मुझे इसका बेहद दुख था। इसी वजह से फिल्म ‘फरारी की सवारी’ में उन्होंने शरमन को गोद ले लिया है। अब शरमन मेरा बेटा है। और फिर दोनों मुस्कुराते हैं। दरअसल फिल्म फरारी की सवारी फिल्म में शरमन बमन के बेटे बने हैं। और बमन अपने पोते को क्रिकेट खेलने से मना करते हैं।
कार्यक्रम में दोनों कलाकारों ने संस्थान की मैगजीन विद्या पथ की लांचिंग की। संस्थान की क्रिकेट टीम और ग्लोब किड्स स्कूल के छात्रों के संग फोटो खिंचवाई। इस दौरान बमन ने फिल्म में गाए अपने गाने की कुछ लाइनें भी सुनाई। शरमन ने कहा कि जिस तरह से आपने मुझे सभी फिल्मों में प्यार दिया है, वैसे ही इस फिल्म में भी अपना प्यार दें और 15 जून को जरूर फिल्म देखने पहुंचे।
पिता बनने को दस किलो वजन बढ़ाया
अपने करियर में पहली बार मुख्य भूमिका में नजर आने वाले शरमन जोशी ने फरारी की सवारी में काफी मेहनत की है। गुरुवार को शरमन ने फिल्म के बारे में खुलकर बातचीत की।
शरमन कैसा लग रहा है मेरठ आकर?
काफी अच्छा। यहां लोगों ने दिल खोलकर हमारा स्वागत किया है। हमें काफी खुशी है।
सुना है अपने रोल के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी?
हां, ये रोल मुझे काफी मेहनत के बाद मिला है। इस रोल के लिए मुझे 40 से 50 ऑडिशन देने पड़े थे। तब जाकर मैं इस रोल के लिए फिट बैठ पाया।
किस तरह की चुनौती थी?
सही कहूं तो ये रोल मेरे करियर में अब तक का सबसे चैलेंजिंग रोल है। मुझे अपने करियर में पहली बार एक पिता का रोल अदा करना था। पारसी फेमिली के इस किरदार के लिए मुझे 10 किलो वजन बढ़ाना पड़ा।
इस फिल्म में किरदार के बारे में कुछ बताइए?
इस फिल्म में मेरा किरदार एक पारसी पिता का है। जो अपने बच्चे को तमाम उलझनों के बावजूद क्रिकेटर बनाना चाहता है। मैं फिल्म में एक आरटीओ क्लर्क की भूमिका में हूं जो काफी इनोसेंट भी है।
फिल्म में क्रिकेट तो समझ में आया, लेकिन फरारी का क्या फंडा है?
फिल्म में एक समय आता है जब मुझे अपने बेटे को लाड्र्स में ट्रायल दिलाना है, लेकिन 1.50 लाख रूपए की जरूरत मैं पूरी नहीं कर पाता। फिर रियल स्टेट का बिजनेस करने वाले एक बड़े उद्योगपति चाहता है कि उसकी बेटी की विदाई फरारी में हो।
अब एक मैरिज प्लानर मेरे पास आकर कहता है अगर तुम ये कार मुझे एक घंटे के लिए अरेंज करा दो तो मैं तुम्हे 1.50 लाख रुपए दिलवा सकता हूं, जिसके बाद मुझे पता चलता है कि ये कार मुंबई में सिर्फ एक ही इंसान के पास है। इसके बाद कार को लाने और कई झंझटों के बीच ही फिल्म की कहानी चलती है।
खास रहा दादा का रोल
मेरठ कैसे आना हुआ?
हम कल दिल्ली में थे, पता चला सुबह को मेरठ में विद्या नॉलेज पार्क जाना है, वो भी सुबह-सुबह। थोड़ा मुश्किल तो होता ही है, लेकिन जब यहां इतना क्राउड देखा तो सारी थकान दूर हो गई।
शरमन से कितनी उम्मीदें?
पिता का रोल हर एक्टर का सपना होता है। शरमन ने अच्छा काम किया है। शरमन की एक्टिंग में ग्रेस है।
अपने रोल के बारे में कुछ बताइए?
मैं फिल्म में दादा बना हूं। अभी तक पिता बना हूं, दादा का रोल खास रहा। मैं एक ऐसा दादा हूं, जो क्रिकेट को बर्बादी का कारण मानता है। लेकिन जब अपने पोते को खेलते देखता हूं तो लगता है ये तो चमत्कार हो गया।
सुना है फिल्म में आपने गाना भी गाया है?
हां फिल्म में मैंने टाइटल सांग फरारी की सवारी की कुछ लाइन गाई है।