इलाज से ठीक हो जाते हैं 88 परसेंट टीबी रोगी
- टीबी डे आज, स्वास्थ्य विभाग ने पूरी कीं तैयारियां शुरू की
- टीबी के प्रति चलाया जा रहा जागरुकता अभियान Meerut । डब्लूएचओ और भारत सरकार के लाख प्रयास के बाद भी टीबी पर रोक नहीं लगाई जा सकी है। चौंकाने वाली बात यह है भी कि अधिकांश मरीज सरकारी अस्पतालों का रुख न कर प्राइवेट अस्पतालों में जाना अधिक पंसद करते हैं। शुक्रवार को वर्ल्ड टीबी डे मनाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। टीबी के लक्षण -किसी को लगातार तीन सप्ताह से अधिक समय तक खांसी -सीने में दर्द -शाम को बुखार आना -भूख न लगना -बलगम के साथ खून आना -वजन कम होना आदि टीबी के मुख्य लक्षण हैं। टीबी के 900 मरीज मिलेजिला क्षय रोग अधिकारी डॉ। पूजा शर्मा ने बताया कि टीबी की बीमारी माइक्रो बैक्टीरिया से फैलती है। विश्व टीबी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन कर लोगों को जागरुकता का संदेश दिया जाता है। उन्होंने बताया कि चालू सत्र में टीबी के 900 नए मरीजों का पता चला है, जबकि 630 मरीज डॉट्स पद्घति से ठीक हो चुके हैं।
मेरठ के आंकड़े जनसंख्या - 38.25 लाख टीबी यूनिट - 18 माइक्रोस्कोपिक सेंटर - 40डॉट्स सेंटर - 826
बॉक्स
2014 में कुल टीबी मरीज - -कुल जांच - 32787 -कुल इलाज - 6302 -टीक मरीज - 89 प्रतिशत 2015 में उपलब्धि -कुल जांच - 33499 -कुल इलाज - 6536 -ठीक हुए - 88 प्रतिशत 2016 में उपलब्धि -कुल जांच - 33065 -कुल इलाज - 6698 -टीक मरीज - 88 प्रतिशत 2016 में एमडीआर पेशेंट्स -संदिग्ध मरीजों की जांच - 1027 -एमडीआर रोगी - 116 -एमडीआर टीबी रोगी - 186 डॉट्स से संभव इलाज डॉ। पूजा ने बताया कि पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अर्थात डॉट्स से टीबी को आसानी से रोका जा सकता है। उन्होंने बताया कि टीबी डे पर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों में विशाल टीबी शिविर आयोजित किया जाएगा। वहीं 24 मार्च तक चलने वाले इस कार्यक्रम में जनजागरण रैली, गोष्ठी व चर्चाएं आदि का आयोजन किया जा रहा है। --- टीबी डे को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इसके उपलक्ष्य में जन जागरूक अभियान चलाए जा रहे हैं। -डॉ। एमएस फौजदार, जिला क्षय रोग अधिकारी