Meerut : आपकी कार गायब तो नहीं है. इन कारों को ध्यान से देख लीजिए. थानों में दो सौ से अधिक अनोन लग्जरी कारें खड़ी हैं. पुलिस महकमे के पास टाइम नहीं है कि इन कारों के मालिकों के सुपुर्द कर दे. आखिर चक्कर क्या है?


.क्योंकि हर कार का मालिक होता हैमेरठ। व्यवसायी मुकेश शर्मा की कार गाजियाबाद से गायब हुई थी। वो मंगलवार को मेरठ में थानों में जाकर कार ढूंढते मिले। अब यही हो रहा है। चोरी हुई कारें लोग थानों में जाकर ढूंढते हैं। खासकर मेरठ में तो हर थाने में सालों से खड़ी कारों का रेला मिल जाएगा।थाना है या वर्कशाप!


सोतीगंज गाडिय़ां काटे जाने के लिए मशहूर है तो मेरठ के थाने लग्जरी और अनआइडेटिंफाइड कारों के लिए जाने जाते हैं। हम टीपनगर थाने पहुंचे तो यहां दूर तक धूल से सनी कारें दिखीं। किसी के नंबर थे किसी के नहीं। किसी कार का पहिया गायब था तो किसी का म्यूजिक सिस्टम। दो सौ से अधिक अनआइडेंटीफाई गाडिय़ां थानों में मौजूद हैं। जो सालों से खड़ी हैं। हमने थानों में जाकर अलग-अलग पता किया तो कोई क्लीयर जवाब नहीं मिला। ट्रांसपोर्ट नगर, सदर, लालकुर्ती करीब-करीब सभी थानों में एक जैसा हाल था। कौन है मालिक

इन कारों के न मालिक का पता है, न ही इनको कोई लेने आता। वैसे भी पुलिस तक आने की हिम्मत कौन कर पाता है? ज्यादातर थानों में लग्जरी कारें ही हैं। कब कहां से सीज की गईं। कहां से चोरी हुईं। पुलिस इनको मालिक तक सूचना दे पायी या नहीं। ज्यादातर पुलिस के पास इसके गोल-मोल जवाब हैं। मसलन, कोई लेने नहीं आया। कुछ मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं या चोरी की गाड़ी है और पता नहीं है मालिक कौन हैं! पुलिस का एक सालिड तर्क है कि बहुत से कारें जिनके गायब हुई उन्होंने  कंपनी से इंश्योरेंस ले लिया होगा और इसलिए वो लेने नहीं आए। क्योंकि हर कोई कोर्ट कचहरी के चक्कर से बचता है। अगर ये बात सही है तो ये और भी गंभीर है। इसकी पूरी संख्या स्पष्ट होनी चाहिए और ये भी कि इन कारों का अब क्या किया जाएगा। लेकिन पुलिस इसे खुलकर नहीं बता पा रही।पुलिस ने कहा- जो गाडिय़ां मुकदमों से संबंधित होती हैं उन्हें विवेचक आते हैं और ले जाते हैं। - जो संबंधित थाने में खड़ी होती हैं। अधिकतर गाडिय़ा रिलीजिंग की प्रकिया कोर्ट से मुकदमें डिस्पोजल के बाद ही होती है। - कोर्ट जो आदेश करता है उसके अनुसार ही नीलामी की प्रकिया भी होती है। जो मुकदमे लंबे चलते हैं उनमें गाडिय़ां खराब हो जाती हैं। - जिन कारों पर नंबर नहीं होता उनके इंजन और चेसिस नंबर से मालिक का पता लगाया जाता है। मालिक को इत्तला की जाती है।

- जो भी केस प्रोपर्टी होती है वह कोर्ट से ही छूटती है। हाल-ए-कारथाना - सिविल लाइनलग्जरी कारें - 18ब्रांड - होंडा सिटी, टाटा सफारी, एंडेवर, स्कोडा, आई-10 थाना - सदर बाजार लग्जरी कारें - 13ब्रांड - हुंडई, टाटा सफारी, आई-टेन, सेंट्रो, होंडा सिटीथाना - लालकुर्तीलग्जरी कारें - 12ब्रांड - होंडा सिटी, सफारी, मारुति थाना - टीपी नगरलग्जरी कारें - पुरानी नई समेत 14ब्रांड - होंडा सिटी, सेंट्रो, सफारी

Posted By: Inextlive